श्रीनगर: प्रदेश की एकमात्र नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) के स्थायी परिसर का निर्माण पिछले 10 सालों से नहीं हो पाया है लेकिन अब सुमाड़ी में एनआईटी के स्थायी परिसर के निर्माण की मांग कर रहे स्थानीय लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है. उत्तराखंड में एनआईटी परिसर निर्माण के रास्ते खुलने के बाद श्रीनगर में रेशम विभाग की जमीन पर 70 करोड़ की लागत से एनआईटी का अस्थायी परिसर बनने जा रहा है. भविष्य में सुमाड़ी में भी निर्माण के लिए योजनाएं बनाई जा रही हैं.
बता दें कि, पर्वतीय क्षेत्र होने के चलते सुमाड़ी में निर्माण कार्य में थोड़ी परेशानी आ सकती है लेकिन, विशेषज्ञ मानते हैं कि सुमाड़ी में भूकंप रोधी इमारतें बनाकर इन्हें बचाया जा सकता है. विशेषज्ञ की मानें तो इन इमारतों में मजबूती देने के लिए कंक्रीट के बजाय स्टील फ्रेम का प्रयोग कर सकते हैं. स्टील फ्रेम से बनी इमारतें हल्की मजबूत और भूकंपरोधी होती हैं. इनका इस्तेमाल देश के बहुत से स्थानों को बनाने में किया गया है.
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एनआईटी सूरत के डायरेक्टर प्रो. एसआर गांधी ने बताया कि सुमाड़ी में बहुत बेहतरीन इंफ्राटेक्चर बनाया जा सकता है. इसके लिए इमारतों के निर्माण में स्टील फ्रेम का इस्तेमाल करके पहाड़ों के अनुकूल मजबूत इमारतें बन सकती हैं. इसका इस्तेमाल भविष्य में एनआईटी उतराखंड के निर्माण में किया जा सकता है.
इससे पहले राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान उत्तराखंड श्रीनगर के सुमाड़ी में प्रस्तावित स्थायी परिसर निर्माण को लेकर विशेषज्ञों की टीम जमीन का निरीक्षण करने के लिए पहुंची थी. नैनीताल हाई कोर्ट ने सुमाड़ी में एनआईटी निर्माण को लेकर दिए गए फैसले के बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने एनआईटी सूरत के निदेशक प्रो. एसआर गांधी की अध्यक्षता में यह विशेषज्ञ टीम गठित की है. सुमाड़ी में जमीन का निरीक्षण करने के उपरांत अब यह टीम अपनी रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को देगी, जिसके आधार पर मंत्रालय हाई कोर्ट में जवाब दाखिल करेगा.