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गढ़वाल विवि में NEP के तहत होगी पढ़ाई, चार वर्षीय स्नातक के बाद कर सकेंगे पीएचडी

हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में अब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पढ़ाई होगी. ऐसे में अब स्नातक में एक साल की पढ़ाई के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री दी जाएगी. वहीं, अब चार वर्षीय स्नातक की पढ़ाई के बाद पीएचडी भी कर सकेंगे.

HNB Garhwal Central University
एचएनबी गढ़वाल विवि
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Published : Jun 22, 2022, 10:07 AM IST

Updated : Jun 22, 2022, 10:33 AM IST

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 से एनईपी यानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पठन पाठन शुरू होगा. विवि की प्रवेश समिति ने एनईपी (National Education Policy) के अनुसार तैयार किए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने शिक्षण संस्थानों को एनईपी 2020 के तहत शिक्षण व्यवस्था चलाने के निर्देश दिए हैं. इसी कड़ी में एचएनबी गढ़वाल विवि (Hemwati Nandan Bahuguna Garhwal Central University) की ओर से नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं. बीती सोमवार को विवि की प्रवेश समिति ने एनईपी 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम संचालन को मंजूरी दे दी.

ये भी पढ़ेंः खुशखबरीः गढ़वाल विवि के छात्रों को मिलेगी डिजिटल डिग्री, DigiLocker App से ऐसे करें अप्लाई

गढ़वाल विवि के डीएसडब्ल्यू (अधिष्ठाता छात्र कल्याण) प्रो. महावीर नेगी ने बताया कि एनईपी 2020 छात्र स्नातक में चार साल का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे. इसमें यह भी विकल्प दिया गया है कि जो छात्र स्नातक के बाद नौकरी करना चाहते हैं या आगे नहीं पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए तीन साल की डिग्री वाला कोर्स है. जबकि, शोध क्षेत्र में जाने वाले छात्र चार वर्षीय डिग्री कोर्स के बाद पीएचडी कर सकते हैं.

ये भी पढ़ेंः HNBGCU में CUET का रिजल्ट आते ही 15 दिनों में एडमिशन, इस साल नहीं बढ़ेगी फीस

उन्होंने बताया कि कई छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, उनकी पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगी. उनको एक साल की पढ़ाई के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री दी जाएगी. बाद में यदि कोई पढ़ाई पूरी करना चाहता है तो वो प्रवेश ले सकता है. इसी प्रकार तीन वर्षीय स्नातक करने वाले छात्रों का स्नातकोत्तर दो वर्षीय होगा. उन्हें एक साल बाद पीजी डिप्लोमा मिलेगा. जबकि, चार वर्षीय स्नातक छात्रों को एक साल में स्नातकोत्तर की डिग्री मिल जाएगी.

नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 शुरू की है. जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर (Gross enrolment ratio) के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा.

इसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं है. पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था, लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल थी.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में पढ़ाए जाएंगे वैदिक गणित व वेद उपनिषद, सिलेबस कमेटी का गठन

MYNEP2020 प्लेटफॉर्म का शुभारंभ: तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एनसीटीई प्लेटफार्म पर MYNEP2020 प्लेटफार्म लांच किया था. यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहा था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर (National Professional Standard for Teacher) एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम मेंबरशिप (National Mission for Mentoring Program Membership) के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था.

इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट और सदस्यता आमंत्रित की गई थी. इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद और अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था. यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद मिली थी.

श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 से एनईपी यानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार पठन पाठन शुरू होगा. विवि की प्रवेश समिति ने एनईपी (National Education Policy) के अनुसार तैयार किए पाठ्यक्रम को मंजूरी दे दी है.

दरअसल, केंद्र सरकार ने शिक्षण संस्थानों को एनईपी 2020 के तहत शिक्षण व्यवस्था चलाने के निर्देश दिए हैं. इसी कड़ी में एचएनबी गढ़वाल विवि (Hemwati Nandan Bahuguna Garhwal Central University) की ओर से नई शिक्षा नीति के मुताबिक पाठ्यक्रम तैयार किए गए हैं. बीती सोमवार को विवि की प्रवेश समिति ने एनईपी 2020 के अनुसार पाठ्यक्रम संचालन को मंजूरी दे दी.

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गढ़वाल विवि के डीएसडब्ल्यू (अधिष्ठाता छात्र कल्याण) प्रो. महावीर नेगी ने बताया कि एनईपी 2020 छात्र स्नातक में चार साल का पाठ्यक्रम पढ़ेंगे. इसमें यह भी विकल्प दिया गया है कि जो छात्र स्नातक के बाद नौकरी करना चाहते हैं या आगे नहीं पढ़ना चाहते हैं, उनके लिए तीन साल की डिग्री वाला कोर्स है. जबकि, शोध क्षेत्र में जाने वाले छात्र चार वर्षीय डिग्री कोर्स के बाद पीएचडी कर सकते हैं.

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उन्होंने बताया कि कई छात्र बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं, उनकी पढ़ाई व्यर्थ नहीं जाएगी. उनको एक साल की पढ़ाई के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीसरे साल में डिग्री दी जाएगी. बाद में यदि कोई पढ़ाई पूरी करना चाहता है तो वो प्रवेश ले सकता है. इसी प्रकार तीन वर्षीय स्नातक करने वाले छात्रों का स्नातकोत्तर दो वर्षीय होगा. उन्हें एक साल बाद पीजी डिप्लोमा मिलेगा. जबकि, चार वर्षीय स्नातक छात्रों को एक साल में स्नातकोत्तर की डिग्री मिल जाएगी.

नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 शुरू की है. जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100% जीईआर (Gross enrolment ratio) के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा.

इसमें मेडिकल और लॉ की पढ़ाई शामिल नहीं है. पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था, लेकिन अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह National Education Policy 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल थी.

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इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट और सदस्यता आमंत्रित की गई थी. इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद और अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था. यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था. इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद मिली थी.

Last Updated : Jun 22, 2022, 10:33 AM IST
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