श्रीनगरः उत्तराखंड राज्य गठन में आंदोलनकारियों की अहम भूमिका रही है. लेकिन अब इन आंदोलनकारियों को कोई पूछने वाला नहीं है. इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि राज्य आंदोलनकारियों को अब चंदा लेकर अपने शहीद साथियों के स्मारक का निर्माण करना पड़ रहा है. इसका दर्द आंदोलनकारियों के चेहरों पर साफ तौर पर देखा जा सकता है.
श्रीयंत्र टापू के महानायक यशोधर बेंजवाल और राजेश रावत की याद में स्मारक बनाया गया. स्मारक 2013 की आई आपदा के मलबे से पटा हुआ है. जिसका मलबा आज तक शासन-प्रशासन साफ नहीं करा पाया है. मजबूरन आंदोलनकारियों को चंदा लेकर खुद स्मारक बनाने की मुहिम में लग गए हैं.
स्मारक बनाने के लिए अब राज्य आंदोलनकारी चंदा लेंगे. इसके लिए सभी लोग श्रीनगर में डोर टू डोर जाकर और सोशल मीडिया के जरिये दानदाताओं से सहयोग की अपील करेंगे. इस सम्बंध में राज्य आंदोलनकारियों ने श्रीनगर में स्मारक निर्माण संकल्प दिवस मनाया. बता दें कि राज्य आंदोलनकारी व स्थानीय लोग 12 साल से यहां पार्क और संग्रहालय बनाने की भी मांग करते आ रहे हैं.
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यहां निर्माण कार्य एक बार हुआ भी लेकिन 2013 की आई आपदा में सब कुछ तबाह हो गया. आज भक्तयाना स्थित शहीद पार्क में सिर्फ रेत ही रेत है. राज्य आंदोलनकारियों का कहना है कि सरकारों ने उनकी सुध नहीं ली. अब इस वृद्धा अवस्था में वे स्वयं इस कार्य में जुटेंगे और चंदा लेकर स्मारक का निर्माण किया जाएगा.