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बंदरों से परेशान ग्रामीणों की गुहार, बंदरबाड़ा बनवाओ सरकार

पौड़ी में बंदरों का आतंक लगातार ग्रामीणों के लिए समस्या बनती जा रही है. बंदर खेतों में अनाजों को नुकासान पहुंचा रहे हैं, घरों में घुसकर सामनों पर भी हाथसाफ कर रहे हैं. जिससे परेशान ग्रामीणों ने राज्य मंत्री धन सिंह रावत से बंदरबाड़ा बनवाने की गुहार लगाई है.

बेखौफ और उत्पाती बंदरों से परेशान ग्रामीण
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Published : Jul 4, 2019, 6:17 PM IST

पौड़ी: उत्तराखंड में गांवों से पलायन आज एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. जिसका सबसे बड़ा कारण यहां के बंदर और जंगली जानवर हैं. जो गांवों में हो रही खेती को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं सरकार जल्द ही बंदरबाड़े बनवाकर लोगों को बंदरों से निजात दिलाने की बात कह रही है.

पौड़ी में बढ़ रहे बंदरों के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान हैं. हालत यह है कि बंदरों के आतंक से आज ना तो खेतों में अनाज सुरक्षित है और ना ही उनके घरों का सामान. ग्रामीण बताते हैं कि बेखौफ बंदर अब ग्रामीणों के घरों के अंदर घुसकर खाने-पीने का सामान भी लेकर भाग जा रहे हैं. इसके साथ ही गांव से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों पर भी बंदर कई बार हमला कर चुके हैं.

पढे़ं- श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में वन विभाग ने गुलदार को किया ढेर, तीन दिन से मचा रखा था आतंक

ग्रामीणों ने बताया कि इन समस्याओं के कारण पहाड़ के गांव लगातार खाली होते जा रहे हैं. इस समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से जल्द ही बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि बंदरों से निजात दिलाने के लिए हर जनपद में एक-एक बंदरबाड़ा लगाया जाएगा. हर एक बंदरबाड़े में लगभग एक हजार बंदरों को रखा जाएगा. जिसे बाद में चिड़ियाघर के रूप में भी विकसित करने की योजना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग को भी बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रत्येक बंदर के लिए उन्हें 600 दिए जाएंगे.

पौड़ी: उत्तराखंड में गांवों से पलायन आज एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है. जिसका सबसे बड़ा कारण यहां के बंदर और जंगली जानवर हैं. जो गांवों में हो रही खेती को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं. वहीं सरकार जल्द ही बंदरबाड़े बनवाकर लोगों को बंदरों से निजात दिलाने की बात कह रही है.

पौड़ी में बढ़ रहे बंदरों के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान हैं. हालत यह है कि बंदरों के आतंक से आज ना तो खेतों में अनाज सुरक्षित है और ना ही उनके घरों का सामान. ग्रामीण बताते हैं कि बेखौफ बंदर अब ग्रामीणों के घरों के अंदर घुसकर खाने-पीने का सामान भी लेकर भाग जा रहे हैं. इसके साथ ही गांव से स्कूल आने-जाने वाले बच्चों पर भी बंदर कई बार हमला कर चुके हैं.

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ग्रामीणों ने बताया कि इन समस्याओं के कारण पहाड़ के गांव लगातार खाली होते जा रहे हैं. इस समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से जल्द ही बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है.
उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि बंदरों से निजात दिलाने के लिए हर जनपद में एक-एक बंदरबाड़ा लगाया जाएगा. हर एक बंदरबाड़े में लगभग एक हजार बंदरों को रखा जाएगा. जिसे बाद में चिड़ियाघर के रूप में भी विकसित करने की योजना है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वन विभाग को भी बंदरों को पकड़ने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. प्रत्येक बंदर के लिए उन्हें 600 दिए जाएंगे.

Intro:पहाड़ों में पढ़ रहे बंदरों के आतंक से ग्रामीण काफी परेशान हो रहे है। बंदरों के आतंक से ना ही खेतों में अनाज हो पा रहे हैं और ना ही उनके घरों में सामान सुरक्षित रह पा रहा है। इन दिनों बंदर ग्रामीणों के घरों के अंदर तक घुस कर सामान लेकर गायब हो जा रहे हैं। वहीं गांव से स्कूल तक आने जाने वाले छोटे बच्चों से भी सामान छीन रहे हैं जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने देश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत से की और जल्द बंदरों से निजात दिलाने की मांग की है।


Body:ग्रामीणों ने बताया कि जिस तरह से लगातार गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं और इन खाली गांव में जो लोग खेती करना चाहते हैं बंदर इनकी खेती को सफल नहीं होने दे रहे खेतों में होने वाले अनाज को उगने से पहले ही बंदर चट कर देते हैं और उनके घरों तक घुसकर उनके खाने का सामान और जरूरत के चीजों को लेकर रफूचक्कर हो रहे हैं यहां तक कि स्कूल से आते जाते बच्चों के हाथ में सामान देख उस खाने के चक्कर में बच्चों को चोटिल कर रहे हैं ग्रामीणों ने मांग की है कि बंदरों का जल्द निजात किया जा सके।
बाईट-सरोजनी देवी(ग्रामीण)


Conclusion:प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि उन्होंने ग्रामीणों को बंदरों से निजात दिलाने के लिए हर जनपद में एक एक बंदरबाड़ा लगाए जाएंगे देने की बात कही है जो कि जल्द ही इन बंदरबाड़ा में लगभग 1000 बंदरों को रखा जाएगा इसे चिड़ियाघर के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके साथ ही वन विभाग को बंदरों को पकड़ने के लिए जिम्मेदारी सौंपी गई है प्रत्येक बंदर के लिए उन्हें 600 दिए जाएंगे और यह धनराशि वह स्वयं की तनख्वाह से देंगे क्योंकि अभी बंदरों को पकड़ने के लिए किसी भी मद में कोई प्रावधान नहीं है इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों में बंदरों के आतंक से निजात जाने के लिए उन्होंने यह फैसला लिया है और जल्द ही जनपद में बंदरों को पकड़कर बंदरबाड़ा में रखा जाएगा और अतिरिक्त बंदरों को कालागढ़ के जंगलों में छोड़ दिया जाएगा।
बाईट-धन सिंह रावत(उच्च शिक्षा मंत्री)
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