पौडीः क्वारंटाइन सेंटर में प्रवासियों की मौत का सिलसिला थमने का नहीं ले रहा है. बीते एक महीने के भीतर 6 लोगों की मौत हो चुकी है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक किसी भी मौत पर जांच करवाना मुनासिब नहीं समझ रहा है. वहीं, स्वास्थ विभाग की मानें तो अभी तक जिले में जितने भी मौतें हुई हैं, वो सभी पहले किसी न किसी बीमारी से ग्रसित थे. घर वापस आने के बाद उनकी हालत बिगड़ी और मौत हो गई. इतना ही नहीं विभाग का कहना है कि इनमें से किसी भी व्यक्ति की कोरोना से मौत नहीं हुई है.
लॉकडाउन के चलते विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी लोग लगातार अपने गांव वापस लौट रहे हैं. जिन्हें संस्थागत और होम क्वारंटाइन किया जा रहा है, लेकिन क्वारंटाइन में प्रवासियों की मौत भी हो रही है. जो गंभीर सवाल खड़े कर रही है. स्थानीय निवासी राजीव खत्री ने बताया कि एक महीने के भीतर क्वारंटाइन अवधि में 6 मौतें हो चुकी हैं. एक के बाद एक मौत होने के बाद भी प्रशासन गंभीर नहीं है. जबकि, क्वारंटाइन केंद्रों की स्थिति भी कुछ खास नहीं है.
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उन्होंने बताया कि कई संस्थागत क्वारंटाइन में पूरी सुविधाएं लोगों को नहीं मिल पा रही है. क्वारंटाइन केंद्रों की अव्यवस्थाएं लोगों पर भारी पड़ रही हैं. स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी के चलते कई लोगों को जान से हाथ धोना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन अपनी कमियों को मानने के बजाय क्वारंटाइन अवधि में हो रही मौतों को प्राकृतिक बता रहा है.
वहीं, मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनोज बहुखंडी ने बताया कि अभी तक जिले में जितनी भी लोगों की मौतें हुई हैं, ये सभी लोग पहले से ही बीमारी से ग्रसित थे. जिसके चलते उनकी मौत हुई है. अभी तक किसी भी व्यक्ति की मौत कोरोना के चलते नहीं हुई है. वहीं, विभाग की ओर से क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य की जांच की जा रही है.