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पौड़ीः औषधीय पौधों की बागवानी की शुरूआत, काश्तकार होंगे आत्मनिर्भर

पौड़ी में मुख्य विकास अधिकारी की पहल पर औषधीय पौधों की बागवानी की शुरूआत की गई है. पहले चरण में जिले के दो ब्लॉकों में 70 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है.

start_medicinal_plants_gardening in pauri
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Published : Mar 30, 2021, 1:14 PM IST

Updated : Mar 30, 2021, 2:21 PM IST

पौड़ीः मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई की पहल पर अब जनपद पौड़ी में सगंघीय एवं औषधीय पौधों बागवानी की शुरूआत की जा रही है. पहले चरण में 2 ब्लॉकों में इसकी शुरूआत की जा चुकी है और आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में इसकी बागवानी की जाएगी. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए बागवानी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. पहाड़ों में कृषि और बागवानी के दौरान जंगली जानवर भी खेती को खराब करते हैं, लेकिन इन औषधीय पौधों को न ही बन्दर खाना पसंद करते हैं और ना ही जंगली सूअर इसे नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे पहाड़ के कृषकों के लिए इसकी खेती करना काफी फायदेमंद रहेगा.

पौड़ी में औषधीय पौधों की बागवानी की शुरूआत

जनपद पौड़ी में औषधीय एवं सगंधीय पौधों के उत्पादन की जो योजना जिला प्रशासन की ओर से शुरू की गई है, यह महिलाओं की आर्थिकी बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी. जिला प्रशासन ने पौड़ी के दो ब्लॉकों एकेश्वर ब्लॉक के गजेरा गांव में दो हेक्टेयर भूमि व खिर्सू ब्लॉक के ग्राम पंचायत बुदेशु में 5 हेक्टेयर भूमि पर रोजमैरी व डेंडेलियन की बागवानी शुरू कर दी है. यह पहला मौका है जब औषधीय उत्पाद को बढ़ावा देने की दिशा में बागवानी का यह कार्य शुरू किया गया है, जो कि दर्शकों को काफी मुनाफा पहुंचाएगा.

वहीं, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई ने बताया कि पौड़ी जनपद में सगंघीय एवं औषधीय पौधों के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए रोजमैरी, डेंडेलियन की बागवानी की कार्य योजना तैयार की गई है. यहां औषधीय उत्पादों के लिए मौसम काफी अनुकूल है. पौड़ी के दो ब्लॉक एकेश्वर और खिर्सू में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से रोजमैरी व डेंडेलियन के करीब 70 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है.

ये भी पढ़ेंः होली के बाद दून में बढ़ सकती है कोरोना संक्रमितों की संख्या, अस्पताल में रिजर्व किये गये 110 बेड

साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा व राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत युगपतिकरण से स्वीकृत योजना में गजेरा गांव में उत्पादन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए अब अन्य क्षेत्रों में इसकी बागवानी शुरू की जायेगी. साथ ही बताया कि औषधियों की बाजार में मांग काफी है, जिसको देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस मुहिम को पहली बार शुरू किया गया है, जोकि आने वाले समय मे काफी बेहतर परिणाम देगी.

पौड़ीः मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई की पहल पर अब जनपद पौड़ी में सगंघीय एवं औषधीय पौधों बागवानी की शुरूआत की जा रही है. पहले चरण में 2 ब्लॉकों में इसकी शुरूआत की जा चुकी है और आने वाले समय में जनपद के सभी ब्लॉकों में इसकी बागवानी की जाएगी. स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं को प्राथमिकता देते हुए बागवानी के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. पहाड़ों में कृषि और बागवानी के दौरान जंगली जानवर भी खेती को खराब करते हैं, लेकिन इन औषधीय पौधों को न ही बन्दर खाना पसंद करते हैं और ना ही जंगली सूअर इसे नुकसान पहुंचाते हैं. जिससे पहाड़ के कृषकों के लिए इसकी खेती करना काफी फायदेमंद रहेगा.

पौड़ी में औषधीय पौधों की बागवानी की शुरूआत

जनपद पौड़ी में औषधीय एवं सगंधीय पौधों के उत्पादन की जो योजना जिला प्रशासन की ओर से शुरू की गई है, यह महिलाओं की आर्थिकी बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगी. जिला प्रशासन ने पौड़ी के दो ब्लॉकों एकेश्वर ब्लॉक के गजेरा गांव में दो हेक्टेयर भूमि व खिर्सू ब्लॉक के ग्राम पंचायत बुदेशु में 5 हेक्टेयर भूमि पर रोजमैरी व डेंडेलियन की बागवानी शुरू कर दी है. यह पहला मौका है जब औषधीय उत्पाद को बढ़ावा देने की दिशा में बागवानी का यह कार्य शुरू किया गया है, जो कि दर्शकों को काफी मुनाफा पहुंचाएगा.

वहीं, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई ने बताया कि पौड़ी जनपद में सगंघीय एवं औषधीय पौधों के उत्पादन की संभावनाओं को देखते हुए रोजमैरी, डेंडेलियन की बागवानी की कार्य योजना तैयार की गई है. यहां औषधीय उत्पादों के लिए मौसम काफी अनुकूल है. पौड़ी के दो ब्लॉक एकेश्वर और खिर्सू में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं के माध्यम से रोजमैरी व डेंडेलियन के करीब 70 हजार से अधिक पौधों का रोपण किया गया है.

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साथ ही उन्होंने बताया कि मनरेगा व राष्ट्रीय आजीविका ग्रामीण मिशन के तहत युगपतिकरण से स्वीकृत योजना में गजेरा गांव में उत्पादन की बेहतर संभावनाओं को देखते हुए अब अन्य क्षेत्रों में इसकी बागवानी शुरू की जायेगी. साथ ही बताया कि औषधियों की बाजार में मांग काफी है, जिसको देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए इस मुहिम को पहली बार शुरू किया गया है, जोकि आने वाले समय मे काफी बेहतर परिणाम देगी.

Last Updated : Mar 30, 2021, 2:21 PM IST
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