श्रीनगरः कीर्तिनगर ब्लॉक के दूरस्थ गांव डांग चौरा क्षेत्र की एक महिला बीते एक महीने से मुंह में खून आने की समस्या से परेशान थी. जिसके चलते वो श्रीनगर बेस अस्पताल के ईएनटी ओपीडी पहुंची. जहां डॉक्टरों जांच की तो पता चला कि महिला के सांस नली में एक जिंदा जोंक फंसा है. जिसके बाद डॉक्टरों ने दूरबीन विधि के जरिए ऑपरेशन कर जोंक को बाहर निकाला. अब जोंक से ग्रसित महिला पूरी तरह से स्वस्थ है.
दरअसल, ग्रामीण क्षेत्रों में लोग प्राकृतिक जल स्रोतों से पानी पीते हैं. इस दौरान जोंक नामक जीव उनके नाक या मुंह में चला जाता है. जिसका पता नहीं चल पाता है. जो बाद में मानव शरीर के अंदर जीवित अवस्था में रहता है और परेशानी का सबब बन जाता है. ऐसा ही एक मामला डांग चौरा क्षेत्र के 42 वर्षीय महिला दीपा देवी के साथ भी हुआ. जिनके मुंह के रास्ते जोंक चला गया था. जिससे महिला के मुंह से लगातार एक महीने से खून आ रहा था. काफी दवा खाने के बाद भी ठीक नहीं हुआ.
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जब महिला श्रीनगर बेस अस्पताल पहुंची तो ईएनटी विभाग के एचओडी रविंद्र बिष्ट ने जांच की. जांच में पाया कि एक जिंदा जोंक महिला के सांस नली में फंसा है. जो महिला की सांस नली को चूस रहा था. जिसकी वजह से लगातार खून आ रहा था. इसके बाद डॉक्टर रविंद्र बिष्ट और उनकी टीम के सदस्य डॉ. अर्जुन सिंह, डॉ. सोनल काला, डॉ. स्वाती, डॉ. सोनाली की टीम एवं एनेस्थीसिया विभाग के एचओडी डॉ. अजेय विक्रम के सहयोग से महिला का दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन किया गया. जो पूरी तरह से सफल रहा.
जोंक से ऐसे बचेंः श्रीनगर बेस अस्पताल के एमएस और ईएनटी एक्सपर्ट डॉक्टर रविंद्र बिष्ट ने बताया कि महिला के मुंह में लगातार खून आने की शिकायत थी. ऐसे में महिला का दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर सांस नली में फंसे जीवित जोंक को बाहर निकाला गया. पहले नाक में जोंक जाने की शिकायत होती थी, लेकिन यह पहला केस था, जिसमें महिला के सांस नली में जोंक फंसा मिला. उन्होंने कहा कि जोंक से बचने के लिए लोगों को प्राकृतिक स्रोतों, धारे या झरने का पानी सीधे नहीं पीना चाहिए. पानी को बर्तन में लेकर छानकर पीना चाहिए, ताकि ऐसे जीवों से बचा जा सके.