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गुलदार का शिकार हुई आइसा को नम आंखों से दी गई विदाई, बिलखते रहे परिजन, जल्द पकड़ में होगा लेपर्ड

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 6, 2023, 3:29 PM IST

Updated : Sep 6, 2023, 3:42 PM IST

Srinagar Leopard Attack श्रीनगर के ढिकाल गांव में उस वक्त लोगों की आंखें नम हो गई, जब एक छोटी से बच्ची आइसा का अंतिम संस्कार किया गया. आइसा को गुलदार ने निवाला बना लिया था. आइसा की उम्र महज तीन साल थी. आइसा के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है. उधर, गुलदार को मारने के आदेश दे दिए गए हैं. Leopard Attack on Girl Srinagar

Last rites of Aisa who died due to leopard attack
आइसा को नम आंखों से दी गई विदाई

गुलदार का शिकार हुई आइसा को नम आंखों से दी गई विदाई

श्रीनगरः गुलदार का शिकार हुई आइसा को ग्रामीणों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. ग्रामीण जब तक गुलदार को मारने के आदेश नहीं दिया जाता, तब तक आइसा का अंतिम संस्कार न करने की मांग पर अड़ गए थे. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई करने से भी मना कर दिया था. ऐसे में मामला बिगड़ता देख प्रशासन और वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने का आश्वासन दिया. जिसके बाद ही आइसा का अंतिम संस्कार किया गया.

Srinagar Leopard Attack
गुलदार का शिकार हुई आइसा

गौर हो कि बीती 5 सितंबर को श्रीनगर के ढिकाल गांव में 3 साल की आइसा पुत्री गणेश नेगी आंगन में खेल रही थी. तभी गुलदार ने घात लगाकर बच्ची पर हमला कर दिया. जब तक परिजन कुछ कर पाते गुलदार बच्ची को घसीट कर काफी दूर ले जा चुका था. कुछ ही देर में आइसा की मौत हो गई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला. जबकि, बच्ची के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया. ग्रामीणों ने आइसा का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया, लेकिन वन कर्मियों और प्रशासन के मान मनौव्वल के बाद देर शाम आइसा का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

Srinagar Leopard Attack
रोते बिलखते आइसा के परिजन

ढिकाल के ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक महीने से इलाके में गुलदार की दहशत बनी हुई है. कई बार गुलदार लोगों को दिखाई दिया था. इसके अलावा गुलदार के शावक भी नजर आए थे. जिसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसका खामियाजा तीन साल की आइसा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
ये भी पढ़ेंः गुलदार ने आंगन में खेल रही तीन साल की मासूम को बनाया निवाला, लोगों में आक्रोश

वहीं, स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता केसर सिंह नेगी ने कहा कि गुलदार की सक्रियता के मामले में वन विभाग पहले से ही लापरवाह बना रहा. विभाग को कई बार कहने के बावजूद भी गुलदार को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में श्रीनगर, चौरास समेत 20 से ज्यादा गांवों में गुलदार की दहशत है. ग्रामीण बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं.

Srinagar Leopard Attack
ढिकाल गांव में मातम

मामले में उप प्रभागीय वन अधिकारी लक्की साह का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए 2 टीमों का गठन किया गया है. जिसमें 12 सदस्य शामिल हैं, जो दिन रात गांव के आस पास गश्त करेंगे. साथ में कैमरा ट्रैपिंग, ड्रोन कैमरों की भी मदद गुलदार को पकड़ने के लिए ली जा रही है.

Srinagar Leopard Attack
ढिकाल गांव में श्रीनगर एसडीएम नूपुर वर्मा

वहीं, श्रीनगर उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहती तो गुलदार को मार दिया जाएगा. बच्ची के परिजनों को मुआवजे के रूप में 30 फीसदी धनराशि दे दी गई है. जबकि, 70 फीसदी धनराशि देने की कार्रवाई गतिमान है.
ये भी पढ़ेंः बेरीनाग में गुलदार का आतंक, घास कटाने गई महिला पर किया हमला

गुलदार का शिकार हुई आइसा को नम आंखों से दी गई विदाई

श्रीनगरः गुलदार का शिकार हुई आइसा को ग्रामीणों ने नम आंखों से अंतिम विदाई दी. इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा. ग्रामीण जब तक गुलदार को मारने के आदेश नहीं दिया जाता, तब तक आइसा का अंतिम संस्कार न करने की मांग पर अड़ गए थे. इतना ही नहीं ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम की कार्रवाई करने से भी मना कर दिया था. ऐसे में मामला बिगड़ता देख प्रशासन और वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने का आश्वासन दिया. जिसके बाद ही आइसा का अंतिम संस्कार किया गया.

Srinagar Leopard Attack
गुलदार का शिकार हुई आइसा

गौर हो कि बीती 5 सितंबर को श्रीनगर के ढिकाल गांव में 3 साल की आइसा पुत्री गणेश नेगी आंगन में खेल रही थी. तभी गुलदार ने घात लगाकर बच्ची पर हमला कर दिया. जब तक परिजन कुछ कर पाते गुलदार बच्ची को घसीट कर काफी दूर ले जा चुका था. कुछ ही देर में आइसा की मौत हो गई. इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश देखने को मिला. जबकि, बच्ची के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हो गया. ग्रामीणों ने आइसा का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया, लेकिन वन कर्मियों और प्रशासन के मान मनौव्वल के बाद देर शाम आइसा का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

Srinagar Leopard Attack
रोते बिलखते आइसा के परिजन

ढिकाल के ग्रामीणों ने बताया कि बीते एक महीने से इलाके में गुलदार की दहशत बनी हुई है. कई बार गुलदार लोगों को दिखाई दिया था. इसके अलावा गुलदार के शावक भी नजर आए थे. जिसकी सूचना उन्होंने वन विभाग को दी, लेकिन वन विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिसका खामियाजा तीन साल की आइसा को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी.
ये भी पढ़ेंः गुलदार ने आंगन में खेल रही तीन साल की मासूम को बनाया निवाला, लोगों में आक्रोश

वहीं, स्थानीय निवासी और कांग्रेस नेता केसर सिंह नेगी ने कहा कि गुलदार की सक्रियता के मामले में वन विभाग पहले से ही लापरवाह बना रहा. विभाग को कई बार कहने के बावजूद भी गुलदार को पकड़ने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में श्रीनगर, चौरास समेत 20 से ज्यादा गांवों में गुलदार की दहशत है. ग्रामीण बाहर निकलने से भी कतरा रहे हैं.

Srinagar Leopard Attack
ढिकाल गांव में मातम

मामले में उप प्रभागीय वन अधिकारी लक्की साह का कहना है कि गुलदार को पकड़ने के लिए 2 टीमों का गठन किया गया है. जिसमें 12 सदस्य शामिल हैं, जो दिन रात गांव के आस पास गश्त करेंगे. साथ में कैमरा ट्रैपिंग, ड्रोन कैमरों की भी मदद गुलदार को पकड़ने के लिए ली जा रही है.

Srinagar Leopard Attack
ढिकाल गांव में श्रीनगर एसडीएम नूपुर वर्मा

वहीं, श्रीनगर उपजिलाधिकारी नूपुर वर्मा ने बताया कि गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने के संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं. आदेश में कहा गया है कि अगर परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहती तो गुलदार को मार दिया जाएगा. बच्ची के परिजनों को मुआवजे के रूप में 30 फीसदी धनराशि दे दी गई है. जबकि, 70 फीसदी धनराशि देने की कार्रवाई गतिमान है.
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Last Updated : Sep 6, 2023, 3:42 PM IST
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