कोटद्वार: लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग पर उत्तराखंड राज्य बनने के 20 वर्षों बाद पहली बार डामरीकरण कार्य शुरू हो गया. डामरीकरण की सालों से मांग उठ रही थी, जो अब पूरी होती हुई दिखाई दे रही है.
बता दें कि, राज्य गठन के बाद से ही गढ़वाल-कुमाऊं को राज्य की सीमा के भीतर जोड़ने के लिए कंडी मार्ग हरिद्वार-लालढांग-चिल्लरखाल-कोटद्वार-पाखरो-कालागढ़ में डामरीकरण की मांग उठती आ रही है. कभी राजनैतिक महत्वाकांक्षा सड़क में रोड़ा बनी तो कभी पर्यावरणविदों ने मार्ग निर्माण में रोड़े अटकाए. लेकिन अब प्रदेश के वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कोटद्वार विधानसभा में कदम रखते ही कंडी रोड के अंतर्गत पड़ने वाले लालढांग-चिल्लरखाल वन मोटर मार्ग को डामरीकरण करने की घोषणा कर दी. घोषणा को धरातल पर उतारने के लिए वे लगातार प्रयासरत रहे. सड़क निर्माण कार्य शुरू हुआ तो मामला राष्ट्रीय वन्य जीव बोर्ड के साथ ही उच्चतम न्यायालय में भी मामला पहुंचा. लेकिन वन मंत्री ने अपने अथक प्रयासों से तमाम बाधाएं हटाई. जिसके बाद जून 2021 में सड़क निर्माण को हरी झंडी मिल गई.
इधर शासन ने इस मार्ग के सुदृढ़ीकरण व डामरीकरण के लिए 613.30 लाख की धनराशि स्वीकृत कर दी. कार्य शुरू होने वाला ही था, तभी बरसात शुरू हो गई. हालांकि, बरसात के मौसम में भी सड़क पर पत्थर व मिट्टी बिछाने का कार्य जारी रहा. बरसात बंद होने के बाद अब लोनिवि दुगड्डा इकाई ने इस मार्ग पर डामरीकरण कार्य शुरू कर दिया है.
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स्थानीय निवासी शैलेन्द्र डबराल, अनुराग कोटनाला, मनीष आर्य, जितेंद्र पंवार, अनन्त पोखरियाल, राजीव डबराल, सतीश धूलिया, मुकेश वर्मा, अरविंद बडोला ने लालढांग चिल्लरखाल मार्ग पर डामरीकरण का कार्य शुरू होने पर खुशी जताई व वन मंत्री डॉ हरक सिंह रावत का आभार व्यक्त किया.