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महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा: हरिद्वार से जल भरकर निकला शिव भक्तों का टोला

महाशिवरात्रि से पूर्व भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा पर हैं. एक 22 सदस्यीय दल ने 22 फरवरी को हर की पैड़ी हरिद्वार से जल भरकर रामनगर को प्रस्थान किया. दल कोटद्वार पहुंच चुका है. दल का आखिरी पड़ाव रामनगर होगा.

कावड़ यात्रा
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Published : Feb 25, 2022, 9:35 AM IST

कोटद्वार: 1 मार्च को महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि से पूर्व भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा पर हैं. एक 22 सदस्यीय दल ने 22 फरवरी को हर की पैड़ी हरिद्वार से जल भरकर रामनगर को प्रस्थान किया. लगभग 6 दिन की पैदल यात्रा विभिन्न पड़ावों से करते हुए भोले भक्त प्राचीन शिवालय रामनगर व सीतानवी मंदिर कॉर्बेट पार्क रामनगर के पटकोट गांव पहुंचेंगे. हरिद्वार से रामनगर की सड़क मार्ग से दूरी करीब 200 किलोमीटर है. इस दूरी को भोलेनाथ के भक्त पैदल भी खुशी-खुशी नाप रहे हैं.

कावड़ियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कोविड-19 के वजह से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध था. इसके चलते वे कांवड़ यात्रा नहीं कर पाए थे. इस समय कोरोना का प्रभाव कम होने के चलते उनकी कांवड़ यात्रा भोले की कृपा से सफल रहेगी. हरिद्वार से जल भरकर भोले भक्त बहुत प्रसन्न नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि वो दुनिया से कोरोना रूपी महामारी समाप्त करने समेत विश्व शांति के लिए भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना कर रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा

पढ़ें: हरिद्वार में कांवड़ यात्रा को लेकर ट्रैफिक रहेगा डायवर्ट, घर से निकलने से पहले देखें ये रूट प्लान

श्रद्धालु सुरेंद्र नेगी का कहना है कि दल के अधिकांश लोग पिछले कई वर्षों से महाशिवरात्रि पर कांवड़ लेकर आ रहे हैं. 22 सदस्यीय दल में कुछ नये भक्तगण भी हैं. उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को हर की पैड़ी हरिद्वार से चली यात्रा ने रात्रि विश्राम लालढांग में किया. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान जहां भी रात पड़ती है, उन्हें वहीं विश्राम करने की व्यवस्था बनानी पड़ती है. दल के नंदी वाहन भी साथ में हैं. जिसमें जरूरत का सभी सामान मौजूद रहता है. उन्होंने कहा कि भोले बाबा से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना का अंत हो और कांवड़ यात्रा पहले की तरह निरंतर चलती रहे.

कोटद्वार: 1 मार्च को महाशिवरात्रि है. महाशिवरात्रि से पूर्व भोलेनाथ के भक्त कांवड़ यात्रा पर हैं. एक 22 सदस्यीय दल ने 22 फरवरी को हर की पैड़ी हरिद्वार से जल भरकर रामनगर को प्रस्थान किया. लगभग 6 दिन की पैदल यात्रा विभिन्न पड़ावों से करते हुए भोले भक्त प्राचीन शिवालय रामनगर व सीतानवी मंदिर कॉर्बेट पार्क रामनगर के पटकोट गांव पहुंचेंगे. हरिद्वार से रामनगर की सड़क मार्ग से दूरी करीब 200 किलोमीटर है. इस दूरी को भोलेनाथ के भक्त पैदल भी खुशी-खुशी नाप रहे हैं.

कावड़ियों का कहना है कि पिछले दो वर्षों से कोविड-19 के वजह से कांवड़ यात्रा पर प्रतिबंध था. इसके चलते वे कांवड़ यात्रा नहीं कर पाए थे. इस समय कोरोना का प्रभाव कम होने के चलते उनकी कांवड़ यात्रा भोले की कृपा से सफल रहेगी. हरिद्वार से जल भरकर भोले भक्त बहुत प्रसन्न नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि वो दुनिया से कोरोना रूपी महामारी समाप्त करने समेत विश्व शांति के लिए भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना कर रहे हैं.

महाशिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा

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श्रद्धालु सुरेंद्र नेगी का कहना है कि दल के अधिकांश लोग पिछले कई वर्षों से महाशिवरात्रि पर कांवड़ लेकर आ रहे हैं. 22 सदस्यीय दल में कुछ नये भक्तगण भी हैं. उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को हर की पैड़ी हरिद्वार से चली यात्रा ने रात्रि विश्राम लालढांग में किया. उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान जहां भी रात पड़ती है, उन्हें वहीं विश्राम करने की व्यवस्था बनानी पड़ती है. दल के नंदी वाहन भी साथ में हैं. जिसमें जरूरत का सभी सामान मौजूद रहता है. उन्होंने कहा कि भोले बाबा से प्रार्थना करते हैं कि कोरोना का अंत हो और कांवड़ यात्रा पहले की तरह निरंतर चलती रहे.

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