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कैसे होगी किसानों की आय दोगुनी?, दो महीने से क्षतिग्रस्त पड़ी सिंचाई नहर, छाया बुआई का संकट

एक तरफ तो सरकार नई नई योजनाओं के जरिए किसानों की आय दोगुना करने के प्रयास में लगी हुई है. वहीं, रिखणीखाल क्षेत्र के तीन गांवों को जोड़ने वाली सिंचाई नहर बीते दो महीने से क्षतिग्रस्त हो रखी है, जिसकी वजह से किसानों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है.

Kotdwar
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Published : Oct 29, 2022, 1:12 PM IST

कोटद्वार: प्रखंड रिखणीखाल क्षेत्र में कई जगहों पर सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो रखी है. जिसकी वजह से किसानों को सही से पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्हें रबी फसल की बुवाई की चिंता सता रही है. किसान कई बार सिंचाई विभाग से नहरों को सही करने की गुहार लगा चुके हैं.

किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत कोटड़ी की चौंफुल कतेड़ागाड़ से बनी तीन किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर व कांडा नाला की मन्दाल नदी से आठ किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर की स्थिति ठीक नहीं है. इसके अलावा कांडा नाला की सम्पूर्ण नहर पर मलबा भरने से व जगह जगह रिसाव के कारण सिंचाई पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. वहीं कोटड़ी में नहर का लगभग पंद्रह मीटर तक हिस्सा धंसकर जमींदोज हो गया है.
पढ़ें- गैरसैंण में भाषा अकादमी संस्थान स्थापित करने की तैयारी, चार भाषा बोलियों के लिए कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव

किसानों ने बताया कि दो महीने पहले भारी बारिश के साथ आए मलबे से पूरी नगर क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे सिंचाई हेतु स्थानीय किसानों ने प्लास्टिक पाइप लगवाकर जुगाड़ किया. अब वह भी पानी के भारी वजन से टूट गया. अब क्षेत्र में गेहूं की बुवाई का समय हो रहा है. ऐसे में खेतों में पानी देकर हल चलाने लायक बनाया जाता है. किसानों को खेतों में सिंचाई हेतु पानी न पहुंचने पर बुवाई के लायक नहीं बनाने पर उपज कम हो सकती है.

कृषक बीरेंद्र सिंह और रवींद्र रावत सतेंद्र पटवाल आदि का कहना है कि जब तक नहर का काम शुरू होता है, तब तक के लिए उन्होंने छह इंच का पाइप लगाकर कुछ जुगाड़ किया है. उक्त प्रकरण पर क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने कहा कि संबंधित विभाग कैनाल दुगड्डा के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह रावत को कृषकों की समस्या के निदानार्थ मलबा सफाई, रिसाव बंद कराने व क्षतिग्रस्त नहर पर वैकल्पिक व्यवस्था हेतु कहा गया है. शीघ्र ही अवश्यंभावी निराकरण हो जायेगा. प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये अधिशासी अभियंता सिंचाई खण्ड दुगड्डा द्वारा एक दो दिन में कार्रवाई का भरोसा दिया है.

कोटद्वार: प्रखंड रिखणीखाल क्षेत्र में कई जगहों पर सिंचाई नहर क्षतिग्रस्त हो रखी है. जिसकी वजह से किसानों को सही से पानी नहीं मिल पा रहा है. ऐसे में उन्हें रबी फसल की बुवाई की चिंता सता रही है. किसान कई बार सिंचाई विभाग से नहरों को सही करने की गुहार लगा चुके हैं.

किसानों ने बताया कि ग्राम पंचायत कोटड़ी की चौंफुल कतेड़ागाड़ से बनी तीन किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर व कांडा नाला की मन्दाल नदी से आठ किलोमीटर लंबी सिंचाई नहर की स्थिति ठीक नहीं है. इसके अलावा कांडा नाला की सम्पूर्ण नहर पर मलबा भरने से व जगह जगह रिसाव के कारण सिंचाई पानी की आपूर्ति बाधित हो रही है. वहीं कोटड़ी में नहर का लगभग पंद्रह मीटर तक हिस्सा धंसकर जमींदोज हो गया है.
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किसानों ने बताया कि दो महीने पहले भारी बारिश के साथ आए मलबे से पूरी नगर क्षतिग्रस्त हो गई थी, जिससे सिंचाई हेतु स्थानीय किसानों ने प्लास्टिक पाइप लगवाकर जुगाड़ किया. अब वह भी पानी के भारी वजन से टूट गया. अब क्षेत्र में गेहूं की बुवाई का समय हो रहा है. ऐसे में खेतों में पानी देकर हल चलाने लायक बनाया जाता है. किसानों को खेतों में सिंचाई हेतु पानी न पहुंचने पर बुवाई के लायक नहीं बनाने पर उपज कम हो सकती है.

कृषक बीरेंद्र सिंह और रवींद्र रावत सतेंद्र पटवाल आदि का कहना है कि जब तक नहर का काम शुरू होता है, तब तक के लिए उन्होंने छह इंच का पाइप लगाकर कुछ जुगाड़ किया है. उक्त प्रकरण पर क्षेत्र पंचायत सदस्य कर्तिया बिनीता ध्यानी ने कहा कि संबंधित विभाग कैनाल दुगड्डा के अधिशासी अभियंता विक्रम सिंह रावत को कृषकों की समस्या के निदानार्थ मलबा सफाई, रिसाव बंद कराने व क्षतिग्रस्त नहर पर वैकल्पिक व्यवस्था हेतु कहा गया है. शीघ्र ही अवश्यंभावी निराकरण हो जायेगा. प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुये अधिशासी अभियंता सिंचाई खण्ड दुगड्डा द्वारा एक दो दिन में कार्रवाई का भरोसा दिया है.

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