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संविदा कर्मचारियों को सता रहा नौकरी जाने का डर, अपर जिलाधिकारी से लगाई गुहार

जिला चिकित्सालय प्रबंधन समिति के तहत पौड़ी अस्पताल में 14 लोग संविदा पर कार्य कर रहे हैं. जिला अस्पताल के पीपीपी मोड में जाने के बाद जब कर्मचारियों के सामने नौकरी जाने का संकट खड़ा हुआ तो उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर इस समस्या का समाधान कराने की मांग की थी.

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संविदा कर्मचारियों पर मंडराया नौकरी जाने का खतरा
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Published : Feb 16, 2021, 12:16 PM IST

पौड़ी: जिला चिकित्सालय पौड़ी में 10 साल से अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. जिला चिकित्सालय के सीएमएस ने उनकी सेवा समाप्त करने वाले आदेश को लेकर कर्मचारी मुखर हो गए हैं. जबकि कर्मचारियों का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार 31 मार्च तक उन्हें जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं जारी रखनी थी. वहीं, इस मामले मे कोई सकारात्मक कार्रवाई न होने पर सभी कर्मचारी परेशान हैं.

संविदा कर्मचारियों को सता रहा नौकरी जाने का डर.

जिला चिकित्सालय प्रबंधन समिति के तहत पौड़ी अस्पताल में 14 लोग संविदा पर कार्य कर रहे हैं. जिला अस्पताल के पीपीपी मोड में जाने के बाद जब कर्मचारियों के सामने नौकरी जाने का संकट खड़ा हुआ तो उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर इस समस्या का समाधान कराने की मांग की थी. वहीं, जिलाधिकारी की ओर से सभी कर्मचारियों को 31 मार्च तक जिला अस्पताल में कार्य करने और उसके बाद अन्य सरकारी अस्पतालों में समायोजन करने की बात कही गई थी.

ये भी पढ़ें: सेंट्रल वाटर कमीशन की रिपोर्ट में खुलासा, नदी तल तीन से 15 मीटर तक ऊपर उठा

उधर सीएमएस की ओर से सभी कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि जिला चिकित्सालय के सीएमएस रमेश राणा जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं. साथ ही जो लोग 10 से 12 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें नौकरी से बाहर निकालकर उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा करने का काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें: चमोली आपदा: 8 महीने की वो गर्भवती 'मसीहा', जिसने 12 लोगों को बचाया

वहीं, अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि डीएम की ओर से सभी संविदा कर्मचारियों को 31 मार्च तक कार्य करने उसके बाद अन्य अस्पतालों में समायोजन करने की बात कही गई थी. लेकिन इस संबंध में सीएमएस की ओर से कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जा रहा है, जिसको लेकर संविदा कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचे थे. वहीं, मामले में सीएमओ को पत्र भेजकर अपने स्तर पर सकारात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है.

पौड़ी: जिला चिकित्सालय पौड़ी में 10 साल से अधिक समय से अपनी सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को नौकरी जाने का डर सता रहा है. जिला चिकित्सालय के सीएमएस ने उनकी सेवा समाप्त करने वाले आदेश को लेकर कर्मचारी मुखर हो गए हैं. जबकि कर्मचारियों का कहना है कि जिलाधिकारी के निर्देशानुसार 31 मार्च तक उन्हें जिला अस्पताल में अपनी सेवाएं जारी रखनी थी. वहीं, इस मामले मे कोई सकारात्मक कार्रवाई न होने पर सभी कर्मचारी परेशान हैं.

संविदा कर्मचारियों को सता रहा नौकरी जाने का डर.

जिला चिकित्सालय प्रबंधन समिति के तहत पौड़ी अस्पताल में 14 लोग संविदा पर कार्य कर रहे हैं. जिला अस्पताल के पीपीपी मोड में जाने के बाद जब कर्मचारियों के सामने नौकरी जाने का संकट खड़ा हुआ तो उन्होंने जिलाधिकारी से गुहार लगाकर इस समस्या का समाधान कराने की मांग की थी. वहीं, जिलाधिकारी की ओर से सभी कर्मचारियों को 31 मार्च तक जिला अस्पताल में कार्य करने और उसके बाद अन्य सरकारी अस्पतालों में समायोजन करने की बात कही गई थी.

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उधर सीएमएस की ओर से सभी कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाने के आदेश जारी कर दिए गए हैं. वहीं, कर्मचारियों का कहना है कि जिला चिकित्सालय के सीएमएस रमेश राणा जिलाधिकारी के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं. साथ ही जो लोग 10 से 12 सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्हें नौकरी से बाहर निकालकर उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा करने का काम कर रहे हैं.

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वहीं, अपर जिलाधिकारी एसके बरनवाल ने कहा कि डीएम की ओर से सभी संविदा कर्मचारियों को 31 मार्च तक कार्य करने उसके बाद अन्य अस्पतालों में समायोजन करने की बात कही गई थी. लेकिन इस संबंध में सीएमएस की ओर से कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया जा रहा है, जिसको लेकर संविदा कर्मचारी उनसे मिलने पहुंचे थे. वहीं, मामले में सीएमओ को पत्र भेजकर अपने स्तर पर सकारात्मक कार्रवाई करने को कहा गया है.

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