कोटद्वार: नगर के पहाड़ी क्षेत्रों में शुक्रवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते नदी-नाले, उफान पर हैं. वहीं लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में निवास कर रहे वन गुर्जरों के आशियाने सिगड्डी स्रोत के तेज बहाव में बह गए. साथ ही गुर्जरों के कई मवेशी भी लापता है. मामले की सूचना से मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस की टीम ने हालातों का जायजा लिया. साथ ही शासन-प्रशासन ने वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी.
वहीं वन गुर्जर नजरुदीन ने बताया कि सिगड्ड़ी स्रोत उफान पर बह रहा है, जिसके चलते कई मवेशी लापता हैं. साथ ही 3 झोपड़ियां भी स्रोत के तेज बहाव में बह गयी हैं. उन्होंने आगे बताया कि ऐसे हालातों के बावजूद वन विभाग उन्हें किसी अन्य जगह पर छप्पर बनाने की इजाजत नहीं देता है और ना ही यहां से किसी अन्य स्थान पर जाने देता है. उन्होंने कहा कि 20 दिन पूर्व भी बरसात से काफी नुकसान हुआ था और तेज बहाव के चलते लगभग 7 भैंसे पानी में बह गई थी. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग और तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है.
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SDRF के एसआई जयपाल राणा ने बताया कि सुबह 7:00 बजे के लगभग सिगडड़ी स्रोत के उफान पर आने से वहां कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली. जिसके बाद एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. सभी वन गुर्जर सुरक्षित हैं, हालांकि उनके कुछ मवेशी अभी लापता हैं. वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है.