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सिगड्डी स्रोत के उफान पर आने से बहे वन गुर्जरों के आशियाने, कई मवेशी लापता

वन गुर्जर नजरुदीन ने बताया कि सिगड्ड़ी स्रोत उफान पर बह रहा है, जिसके चलते कई मवेशी लापता हैं. साथ ही 3 झोपड़ियां भी स्रोत के तेज बहाव में बह गयी हैं.

पालतु पशुओं को सुरक्षित स्थान पर ले जाते वन गुर्जर.
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Published : Aug 3, 2019, 1:28 PM IST

कोटद्वार: नगर के पहाड़ी क्षेत्रों में शुक्रवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते नदी-नाले, उफान पर हैं. वहीं लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में निवास कर रहे वन गुर्जरों के आशियाने सिगड्डी स्रोत के तेज बहाव में बह गए. साथ ही गुर्जरों के कई मवेशी भी लापता है. मामले की सूचना से मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस की टीम ने हालातों का जायजा लिया. साथ ही शासन-प्रशासन ने वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी.

सिगड्डी स्रोत के उफान में बहे वन गुर्जरों के आशियाने.

वहीं वन गुर्जर नजरुदीन ने बताया कि सिगड्ड़ी स्रोत उफान पर बह रहा है, जिसके चलते कई मवेशी लापता हैं. साथ ही 3 झोपड़ियां भी स्रोत के तेज बहाव में बह गयी हैं. उन्होंने आगे बताया कि ऐसे हालातों के बावजूद वन विभाग उन्हें किसी अन्य जगह पर छप्पर बनाने की इजाजत नहीं देता है और ना ही यहां से किसी अन्य स्थान पर जाने देता है. उन्होंने कहा कि 20 दिन पूर्व भी बरसात से काफी नुकसान हुआ था और तेज बहाव के चलते लगभग 7 भैंसे पानी में बह गई थी. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग और तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है.

ये भी पढ़े: अमरनाथ यात्रा पर आतंकी साया, श्रद्धालुओं को J-K से लौटने का सुझाव

SDRF के एसआई जयपाल राणा ने बताया कि सुबह 7:00 बजे के लगभग सिगडड़ी स्रोत के उफान पर आने से वहां कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली. जिसके बाद एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. सभी वन गुर्जर सुरक्षित हैं, हालांकि उनके कुछ मवेशी अभी लापता हैं. वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है.

कोटद्वार: नगर के पहाड़ी क्षेत्रों में शुक्रवार रात से ही मूसलाधार बारिश हो रही है. जिसके चलते नदी-नाले, उफान पर हैं. वहीं लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेंज में निवास कर रहे वन गुर्जरों के आशियाने सिगड्डी स्रोत के तेज बहाव में बह गए. साथ ही गुर्जरों के कई मवेशी भी लापता है. मामले की सूचना से मौके पर पहुंचे एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस की टीम ने हालातों का जायजा लिया. साथ ही शासन-प्रशासन ने वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की हिदायत दी.

सिगड्डी स्रोत के उफान में बहे वन गुर्जरों के आशियाने.

वहीं वन गुर्जर नजरुदीन ने बताया कि सिगड्ड़ी स्रोत उफान पर बह रहा है, जिसके चलते कई मवेशी लापता हैं. साथ ही 3 झोपड़ियां भी स्रोत के तेज बहाव में बह गयी हैं. उन्होंने आगे बताया कि ऐसे हालातों के बावजूद वन विभाग उन्हें किसी अन्य जगह पर छप्पर बनाने की इजाजत नहीं देता है और ना ही यहां से किसी अन्य स्थान पर जाने देता है. उन्होंने कहा कि 20 दिन पूर्व भी बरसात से काफी नुकसान हुआ था और तेज बहाव के चलते लगभग 7 भैंसे पानी में बह गई थी. हादसे के बाद मौके पर पहुंचे वन विभाग और तहसील प्रशासन के अधिकारियों ने मुआवजा दिलाने की बात कही थी, लेकिन अभी तक कोई राहत नहीं मिली है.

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SDRF के एसआई जयपाल राणा ने बताया कि सुबह 7:00 बजे के लगभग सिगडड़ी स्रोत के उफान पर आने से वहां कुछ लोगों के फंसे होने की सूचना मिली. जिसके बाद एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची. फिलहाल किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है. सभी वन गुर्जर सुरक्षित हैं, हालांकि उनके कुछ मवेशी अभी लापता हैं. वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कहा गया है.

Intro:summary कोटद्वार कोतवाली के कलालघाटी चौकी क्षेत्र में सिगड्ड़ी स्रोत के उफान पर होने के कारण वन गुर्जरों की बही भैंस, कई वन गुजरो के आशियाना चढ़े स्रोत की भेंट।

intro कोटद्वार और आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में देर रात से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण नदी, नाले, गाड गधेरे उफान पर है, इसी में लैंसडौन वन प्रभाग के कोटद्वार रेज में निवास कर रहे वन गुर्जर सिगड्ड़ी स्रोत के उफान पर होने के करण कई भैंस अभी भी लापता है, वही नदी किनारे बसे वन गुर्जरों की कई आशियाने सिगड्ड़ी स्रोत के भेंट चढ़ गए, किसी तरह वन गुर्जरों ने देर रात को अपनी जान बचाई लगातार हो रही बारिश के कारण वन गुर्जर अभी भी दहशत में है, सुबह सूचना पर पहुंची एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस ने मौके पर पहुच कर वन गुर्जरों को सुरक्षित जाने को कहा। वन गुर्जरों के बर्तन और खाने पीने का सामान सभी पानी के तेज बहाव में बह गया।


Body:वीओ- वही वन गुर्जर नजरुदीन का कहना है कि 20 दिन पहले हुई बरसात में भी हमारा बहुत नुकसान हुआ था, जिसमें लगभग 7 भैसे बह गई थी और उनके बच्चे भी बह गए थे, उस दौरान भी रेंजर साहब और पटवारी मौके पर आए थे, लिख कर ले गए थे और कहा था कि तुम्हें मुआवजा दिलवाया जाएगा लेकिन अभी तक कुछ नहीं मिला, देर रात को सिगड्ड़ी स्रोत उफान पर आया जिससे हमारी कई भैसे लापता हैं 3 झोपड़ियां स्रोत के तेज बहाव में बह गयी, भैंसों के लिए रखा भूसा भी बह गया खाने पीने का सामान भी पानी के तेज बहाव में बह गया, बर्तन भी बह गए हमें वन विभाग के द्वारा कहीं और छप्पर भी नहीं बनाने दिया जाता है और ना ही हमें यहां से कहीं और जाने दिया जाता है।

बाइट नज़ुरूदीन वन गुजर

वीओ2- sdrf के एसआई जयपाल राणा का कहना है कि हमें सुबह 7:00 बजे के लगभग सूचना मिली की सिगडड़ी स्रोत उफान पर है वहां कुछ लोग फंसे हैं सूचना के बाद एसडीआरएफ फायर ब्रिगेड और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची किसी तरह के जानमाल का नुकसान की सूचना नहीं है, नदी में पानी बढ़ा है वन गुर्जर सभी सुरक्षित हैं हालांकि उनके कुछ मवेशी अभी लापता हैं वन गुर्जरों को सुरक्षित स्थान पर जाने को कह दिया गया है।

बाइट जयपाल राणा sdrf si


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