पौड़ीः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय के पौड़ी परिसर में अधिकतर विभाग अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रहे हैं. केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसर पौड़ी, श्रीनगर और टिहरी में सबसे अधिक शिक्षकों की कमी पौड़ी परिसर में चल रही है. पौड़ी परिसर से विश्वविद्यालय को इस समस्या से अवगत करवाने के बाद भी नियमित शिक्षकों की व्यवस्था नहीं की जा रही है. जिससे शिक्षा की गुणवत्ता पर भी असर पड रहा है.
अतिथि शिक्षकों का समय-समय पर तबादला होना छात्रों के लिए एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. छात्रों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के भरोसे लंबे समय से विश्वविद्यालय चल रहा है और समय-समय पर शिक्षकों के तबादलों के बाद एक ही शिक्षक पर अधिक भार पडता है. जिसके कारण शिक्षक न ही पूरा कोर्स पढ़ा पाते हैं और न ही छात्र समय पर परीक्षाओं की तैयारी कर पाते हैं.
पौड़ी परिसर में लंबे समय से नियमित शिक्षकों की कमी चल रही है. यहां अतिथि शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन का कार्य चल रहा है. पौड़ी परिसर में केवल 20 नियमित शिक्षक हैं. वहीं इस साल 4 नियमित शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए हैं. 48 अतिथि शिक्षक ही पौड़ी परिसर में शिक्षा व्यवस्था चला रहे हैं. इन आंकड़ों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के इस परिसर में अतिथि शिक्षकों के भरोसे ही पठन-पाठन का कार्य चल रहा है. वहीं छात्रों ने बताया कि अतिथि शिक्षकों के बजाय यदि उन्हें नियमित शिक्षक मिले तो कहीं ना कहीं शिक्षा के स्तर में भी अंतर देखने को मिलता.
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उन्होंने बताया कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के तीनों परिसरों पौड़ी, श्रीनगर और टिहरी में पौड़ी परिसर के साथ हमेशा से ही भेदभाव किया जाता है. चाहे संकाय की बात करें या नियमित शिक्षकों की हमेशा ही पौड़ी पीछे रहा है. जिसका खामियाजा यहां के छात्रों को भुगतना पड़ता है.
दूसरी ओर पौड़ी के परिसर निदेशक आर.एस नेगी ने बताया कि वर्तमान में पौड़ी परिसर में 20 नियमित शिक्षक मौजूद हैं और इस साल ही चार शिक्षक सेवानिवृत्त हो गए. वहीं 48 अतिथि शिक्षकों की मदद से परिसर में पठन-पाठन का कार्य चल रहा है जिसमे सिर्फ गेस्ट के भरोसे बीएड, हिंदी, बीकॉम, सांख्यिकी आदि विभाग चल रहे हैं.