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HNB के रिसर्च स्कॉलर्स के लिए खुशखबरी, शिक्षा मंत्रालय ने गढ़वाल विवि को वेबसाइट के लिए चुना

हेमवंती नंदन गढ़वाल विवि के रिसर्च स्कॉलर्स के लिए खुशखबरी है. उन्हें अब अपनी स्कॉलरशिप के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. मंत्रालय स्कॉलरशिप की प्रक्रिया को पेपरलेस बनाने जा रहा है.

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Published : Feb 3, 2021, 8:14 PM IST

श्रीनगर: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हेमवंती नंदन गढ़वाल विवि के रिसर्च स्कॉलर्स के लिए वेबसाइट पोर्टल खोलने के लिए चुना है. इसके जरिए रिसर्च स्कॉलर्स को स्कॉलरशिप के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. सारा कार्य पेपरलेस करने की कार्य योजना है. फिलहाल, मंत्रालय ने इसे ट्रायल बेस पर कर रहा है, जिसके लिए गढ़वाल विवि का चयन किया गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गढ़वाल विवि को दी जिम्मेदारी

किसी भी देश के लिए उसके शोधकर्ता महत्वपूर्ण होते है. उनकी रिसर्च में धन की कोई परेशानी न हो, इसके लिए उन्हें केंद्र की तरफ से स्कॉलरशिप दी जाती है. कई बार इस स्कॉलरशिप को लेने के लिए शोधकर्ताओं को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं. लेकिन अब केंद्र सरकार छात्रों की सुविधा को लेकर इस सारे कार्य को पेपरलेस करने की कार्य योजना बना रही है. इस पेपरलेस ट्रायल के लिए देश को दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है. इन दो विश्वविद्यालयों गढ़वाल विवि और दिल्ली विश्वविधालय है, जिनमें इस प्रयोग को किया जाएगा.

पढ़ें- AIIMS के डॉक्टरों ने दिल में छेद की सफल सर्जरी कर मरीज को दिया जीवनदान

गढ़वाल विवि के कुलसचिव योगेद्र खंडूरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने ट्रायल के लिए वेवसाइट बनाने के लिए कहा है, जहां विवि को लॉगिन आईडी जनरेट करने के लिए कहा है. इस पोर्टल में छात्रों के डिपार्टमेंट, एफिलिएट कॉलेज के साथ साथ नोडल अधिकारी होंगे, जो इस कार्य को पेपरलेस तरीके से करेंगे, जिससे छात्रों को सहूलियत मिलेगी. फिलहाल ये प्रयोग है.

श्रीनगर: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने हेमवंती नंदन गढ़वाल विवि के रिसर्च स्कॉलर्स के लिए वेबसाइट पोर्टल खोलने के लिए चुना है. इसके जरिए रिसर्च स्कॉलर्स को स्कॉलरशिप के लिए भटकना नहीं पड़ेगा. सारा कार्य पेपरलेस करने की कार्य योजना है. फिलहाल, मंत्रालय ने इसे ट्रायल बेस पर कर रहा है, जिसके लिए गढ़वाल विवि का चयन किया गया है.

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने गढ़वाल विवि को दी जिम्मेदारी

किसी भी देश के लिए उसके शोधकर्ता महत्वपूर्ण होते है. उनकी रिसर्च में धन की कोई परेशानी न हो, इसके लिए उन्हें केंद्र की तरफ से स्कॉलरशिप दी जाती है. कई बार इस स्कॉलरशिप को लेने के लिए शोधकर्ताओं को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते हैं. लेकिन अब केंद्र सरकार छात्रों की सुविधा को लेकर इस सारे कार्य को पेपरलेस करने की कार्य योजना बना रही है. इस पेपरलेस ट्रायल के लिए देश को दो केंद्रीय विश्वविद्यालयों का चयन किया गया है. इन दो विश्वविद्यालयों गढ़वाल विवि और दिल्ली विश्वविधालय है, जिनमें इस प्रयोग को किया जाएगा.

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गढ़वाल विवि के कुलसचिव योगेद्र खंडूरी ने बताया कि केंद्र सरकार ने ट्रायल के लिए वेवसाइट बनाने के लिए कहा है, जहां विवि को लॉगिन आईडी जनरेट करने के लिए कहा है. इस पोर्टल में छात्रों के डिपार्टमेंट, एफिलिएट कॉलेज के साथ साथ नोडल अधिकारी होंगे, जो इस कार्य को पेपरलेस तरीके से करेंगे, जिससे छात्रों को सहूलियत मिलेगी. फिलहाल ये प्रयोग है.

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