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उत्तराखंड में अब ऑनलाइन मिलेगा भारत-तिब्बत सीमा इनर लाइन परमिट, जानें क्यों जरूरी है ये परमिशन - INNER LINE PERMIT CHAMOLI

चमोली में भारत-तिब्बत सीमा इलाके में जाने वाले पर्यटकों को अब इनर लाइन परमिट के लिए जिलाधिकारी दफ्तर के चक्कर नहीं कटाने पड़ेंगे.

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भारत-तिब्बत सीमा इनर लाइन परमिट (फाइल फोटो) (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 15, 2025, 4:51 PM IST

Updated : Feb 15, 2025, 6:39 PM IST

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में भ्रमण के आवेदन की प्रक्रिया अब सरल हो जाएगी. जिला प्रशासन की पहल पर इनर लाइन परमिट के आवेदन के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की जा रही है. जिसके लिए प्रशासन की ओर वेबसाइट तैयार की गई है. जिसका शीघ्र सुचारू संचालन शुरू किया जाएगा. इसके बाद सीमा क्षेत्र में भ्रमण के इच्छुक पर्यटक घर बैठे सुगमता से इनर लाइन परमिट के लिये आवेदन कर सकेंगे.

चमोली जनपद में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में माणा पास, रिमखिम पास और नीती पास मौजूद हैं, जो नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर होने के साथ ही धार्मिक आस्था के केंद्र भी है. ऐसे में इन क्षेत्रों के भ्रमण के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में राज्य और देश के अनेकों पर्यटक व श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सीमा क्षेत्र होने के चलते यहां पहुंचने के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है. इसके लिए वर्तमान तक ऑफ लाइन आवेदन करना होता था.

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चीन सीमा पर स्थित भारत का पहला गांव माणा. (ETV Bharat)

पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवेदन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन आवेदन की प्रक्रिया को ऑन लाइन सुविधा से जोड़ने का कार्य किया है. जिससे पर्यटक और श्रद्धालु अब घर बैठे ही इनर लाइन पास के लिए आवेदन कर सकेंगे.

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि

चमोली के सीमा क्षेत्र में भ्रमण के लिए इनर लाइन पास के आवेदन की सुविधा को ऑनलाइन किया जा रहा है. इसके लिए एचडीएफसी बैंक की ओर से सीएसआर मद से वेबसाइट निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने कहा कि इनर लाइन पास के लिए अब इच्छुक व्यक्ति सुगमता से आवेदन कर सकेंगे

ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर जयवीर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से https://Pass.chamoli.org/ वेबसाइट तैयार की गई है. जिसके माध्यम आवेदन प्राप्त होने के बाद व्यक्ति को स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त कर सीमा क्षेत्र में भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगा.

वेबसाइट के माध्यम से सीमा क्षेत्र के घस्तोली, रत्ताकोणा, जगराऊं, देवताल, माणा पास, गोटिंग, ग्याल डुंग, गणेशगंगा, क्यूलांग, नीती पास, 16 प्वाइंट, अपर रिमखिम, लोअर रिमखिम और पार्वती कुंड के भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया की वेबसाइट पर आवेदन के दौरान ही मौसम व सीमा क्षेत्र की सड़क की स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध होगी.

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चमोली जिले में चीन सीमा से लगे इलाके में जाने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है. (photo- चमोली जिला प्रशासन.)

इनर लाइन परमिट क्या होता है: दरअसल, भारतीय नागरिकों को भी देश के कुछ संरक्षित क्षेत्र में जाने के लिए परिमिशन की जरूरत पड़ती है. इसी परिमिशन को इनर लाइन परमिट कहते है. इनर लाइन परमिट के जरिए ही पर्यटकों को उन क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिए यात्रा करने की अनुमति मिलती है. उत्तराखंड में इनर लाइन परमिट वाले क्षेत्रों की बात करें तो चीन सीमा से लगे जिले जैसे पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के कुछ इलाके ऐसे है, जहां जाने के लिए भारतीयों को भी इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है

पढ़ें---

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में भ्रमण के आवेदन की प्रक्रिया अब सरल हो जाएगी. जिला प्रशासन की पहल पर इनर लाइन परमिट के आवेदन के लिए ऑनलाइन सुविधा शुरू की जा रही है. जिसके लिए प्रशासन की ओर वेबसाइट तैयार की गई है. जिसका शीघ्र सुचारू संचालन शुरू किया जाएगा. इसके बाद सीमा क्षेत्र में भ्रमण के इच्छुक पर्यटक घर बैठे सुगमता से इनर लाइन परमिट के लिये आवेदन कर सकेंगे.

चमोली जनपद में भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र में माणा पास, रिमखिम पास और नीती पास मौजूद हैं, जो नैसर्गिक सौंदर्य से भरपूर होने के साथ ही धार्मिक आस्था के केंद्र भी है. ऐसे में इन क्षेत्रों के भ्रमण के लिए प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में राज्य और देश के अनेकों पर्यटक व श्रद्धालु पहुंचते हैं, लेकिन सीमा क्षेत्र होने के चलते यहां पहुंचने के लिए प्रशासनिक अनुमति आवश्यक है. इसके लिए वर्तमान तक ऑफ लाइन आवेदन करना होता था.

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चीन सीमा पर स्थित भारत का पहला गांव माणा. (ETV Bharat)

पर्यटकों और श्रद्धालुओं की आवेदन में हो रही दिक्कतों को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन आवेदन की प्रक्रिया को ऑन लाइन सुविधा से जोड़ने का कार्य किया है. जिससे पर्यटक और श्रद्धालु अब घर बैठे ही इनर लाइन पास के लिए आवेदन कर सकेंगे.

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि

चमोली के सीमा क्षेत्र में भ्रमण के लिए इनर लाइन पास के आवेदन की सुविधा को ऑनलाइन किया जा रहा है. इसके लिए एचडीएफसी बैंक की ओर से सीएसआर मद से वेबसाइट निर्माण के लिए धनराशि उपलब्ध करवाई गई है. उन्होंने कहा कि इनर लाइन पास के लिए अब इच्छुक व्यक्ति सुगमता से आवेदन कर सकेंगे

ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर जयवीर सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन की ओर से https://Pass.chamoli.org/ वेबसाइट तैयार की गई है. जिसके माध्यम आवेदन प्राप्त होने के बाद व्यक्ति को स्थानीय पुलिस और स्वास्थ्य विभाग से प्रमाण पत्र प्राप्त कर सीमा क्षेत्र में भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगा.

वेबसाइट के माध्यम से सीमा क्षेत्र के घस्तोली, रत्ताकोणा, जगराऊं, देवताल, माणा पास, गोटिंग, ग्याल डुंग, गणेशगंगा, क्यूलांग, नीती पास, 16 प्वाइंट, अपर रिमखिम, लोअर रिमखिम और पार्वती कुंड के भ्रमण की अनुमति प्रदान की जाएगी. उन्होंने बताया की वेबसाइट पर आवेदन के दौरान ही मौसम व सीमा क्षेत्र की सड़क की स्थिति की जानकारी भी उपलब्ध होगी.

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चमोली जिले में चीन सीमा से लगे इलाके में जाने के लिए इनर लाइन परमिट की जरूरत पड़ती है. (photo- चमोली जिला प्रशासन.)

इनर लाइन परमिट क्या होता है: दरअसल, भारतीय नागरिकों को भी देश के कुछ संरक्षित क्षेत्र में जाने के लिए परिमिशन की जरूरत पड़ती है. इसी परिमिशन को इनर लाइन परमिट कहते है. इनर लाइन परमिट के जरिए ही पर्यटकों को उन क्षेत्र में निश्चित अवधि के लिए यात्रा करने की अनुमति मिलती है. उत्तराखंड में इनर लाइन परमिट वाले क्षेत्रों की बात करें तो चीन सीमा से लगे जिले जैसे पिथौरागढ़, उत्तरकाशी और चमोली के कुछ इलाके ऐसे है, जहां जाने के लिए भारतीयों को भी इनर लाइन परमिट लेना पड़ता है

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Last Updated : Feb 15, 2025, 6:39 PM IST
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