श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने 10 अशासकीय डिग्री कॉलजों के संबंध में अपना रुख साफ कर दिया है. विवि ने इस संबंध में गेंद इन 10 अशासकीय डिग्री कॉलजों और राज्य सरकार के पाले में डाल दी है. विवि की मानें तो बिना राज्य सरकार और इन कॉलजों की इच्छा के बगैर कॉलेजों की संबद्धता रद्द नहीं की जाएगी. इसके अलावा जब तक कॉलेज स्वयं अपनी इच्छा से संबद्धता खत्म करने की मांग नहीं करते, तब तक इन डिग्री कॉलेजों की यथा स्थिति बनी रहेगी. यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को नए सत्र में भी एडमिशन दिया जाएगा.
दरअसल, हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में वर्तमान समय में 72 स्ववित्तपोषित कॉलेजों सहित 10 अशासकीय डिग्री कॉलेज की संबद्धता है. यहां पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की परीक्षा कराने की जिम्मेदारी विश्वविद्यालय निभाता रहा है. इस बीच कुछ कॉलेजों द्वारा पूर्व में विवि से असंबद्ध होने की इच्छा जताई जिसे स्वीकारते हुए विवि ने इन कॉलेजों को अपनी इच्छा अनुसार डीएफिलिएटेड कर दिया. हाल ही में हुई कार्य परिषद की बैठक में डीएफिलिएटेड के मुद्दे पर चर्चा हुई जिसमें कहा गया कि असंबद्ध मांगने वाले कॉलेजों को असंबद्ध कर दिया जाए.
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गढ़वाल केंद्रीय विवि के प्रभारी रजिस्ट्रार प्रो. एनएस पंवार का कहना है कि किसी भी छात्र छात्राओं को घबराने की जरूरत नहीं है. जब तक उनका महाविद्यालय स्वयं से नहीं चाहेगा, किसी भी कॉलेज को डीएफिलिएटेड नहीं किया जाएगा. जब कॉलेज मांग करेंगे तो इस मामले को कार्यपरिषद की बैठक में रखा जाएगा. कार्यपरिषद इस पर अपनी स्वीकृति देगी, तब महाविद्यालय को असंबद्धता की एनओसी दी जाएगी.