श्रीनगरः एचएनबी गढ़वाल विवि में जैसे ही नए सत्र को लेकर तैयारी शुरू होने लगी है, वैसे ही छात्रों ने विवि प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलना शुरू कर दिया है. छात्रों ने विवि प्रशासन को इसी सत्र में सीयूईटी की बाध्यता खत्म करने की चेतावनी दी है. छात्रों का कहना है कि सीयूईटी की प्रणाली को अगर खत्म नहीं किया गया तो इस बार विवि में एडमिशन प्रक्रिया को नहीं होने दिया जाएगा. इस संबंध में आज छात्रों ने विवि के कुलसचिव का भी घेराव किया. जिसमें छात्रों ने अपनी 5 सूत्रीय मांग कुलसचिव के सम्मुख रखी.
बता दें कि बीते लंबे समय से हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि के छात्र सीयूईटी एग्जाम में आ रही खामियों को लेकर विरोध जता रहे हैं. छात्रों का आरोप था कि सीयूईटी एग्जाम के चलते पहाड़ के छात्रों को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. एनटीए की लापरवाही के कारण छात्रों को राज्य से बाहर बरेली, मुजफ्फरनगर, मेरठ में परीक्षा केंद्र दिए गए. जिससे गढ़वाल क्षेत्र के छात्र परीक्षा देने से वंचित रह गए. इसके अलावा छात्रों को पेपर से एक दिन पहले एडमिट कार्ड दिए गए. जबकि, परीक्षा केंद्र दूसरे राज्यों में बना दिया गया. इससे भी छात्र परीक्षा नहीं दे पाए.
ये भी पढ़ेंः HNB गढ़वाल विवि के छात्रों ने वीसी ऑफिस में खुद को किया कैद, CUET को लेकर फूटा गुस्सा
वहीं, मामले से गुस्साए छात्रों ने इस सत्र में एडमिशन प्रक्रिया बाधित करने की चेतावनी विवि को दी है. छात्रों ने कहा कि विवि इसी सत्र से सीयूईटी एग्जाम को खत्म करें. ऐसा न होने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है. विवि के छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी ने बताया कि छात्र अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कुलसचिव कार्यालय गए थे. जहां छात्रों ने कुलसचिव के सम्मुख पांच मांग रखी हैं.
उन्होंने बताया कि उनकी पहली मांग है कि प्रवेश के लिए सीयूईटी (CUET) परीक्षा को खत्म किया जाए. भौगोलिक दृष्टि से देखा जाए तो पहाड़ी क्षेत्र है. इसके अलावा इन दिनों भारी बारिश भी हो रही है. जिस कारण से आवागमन के सभी रास्ते बंद हो चुके हैं. कई छात्र-छात्राएं रास्तों पर ही फंसे हैं, जो परीक्षा केंद्र तक नहीं पहुंच पा रहे हैं. छात्रों के भविष्य को देखते हुए उन्हें परीक्षा में मौका दिया जाए या परीक्षा की तिथि को बढ़ाया जाए.
ये भी पढ़ेंः गढ़वाल विश्वविद्यालय में नए सत्र की तैयारी शुरू, CUET परिणाम घोषित होते ही 10 दिन के भीतर एडमिशन करवाना जरूरी
छात्र संघ अध्यक्ष गौरव मोहन नेगी ने बताया कि शोध छात्रों को जो 8 हजार रुपए विवि की ओर से दी जाती है, वो उनके शोध कार्य के लिए पर्याप्त नहीं है. इसे भी विवि की ओर से बढ़ाया जाना चाहिए. अन्यथा विवि के सभी शोध छात्रों की ओर से सारे शोध कार्य रोक दिए जाएंगे. डांग क्षेत्र को जोड़ने वाला पैदल मार्ग को कोरोनाकाल में बंद कर दिया गया था, उसे खोल दिया जाए.
छात्रों और आम जनमानस को आवागमन में काफी दिक्कतें झेलनी पड़ती है. विवि में सभी इमारतों की छतों का निरीक्षण कराया जाए. उन्होंने कहा कि कभी भी इन इमारतों के छतें टूट सकती है. जिससे अनहोनी भी हो सकती है. जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी. उन्होंने कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं हुई तो छात्र आंदोलन के लिए मजबूर होंगे.