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घर वापसी करते युवाओं के सामने रोजगार की चुनौती, जानें कैसे सुधर सकते हैं हालात

प्रदेश में लॉकडाउन के बीच उत्तराखंड प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि के असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि यहां युवाओं के सामने रोजकर सृजित करने की अपार संभावनाएं हैं.

HNB Garhwal Central University
युवाओं की घर वापसी पर असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र बाबू की राय.
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Published : May 16, 2020, 3:48 PM IST

Updated : May 16, 2020, 4:15 PM IST

श्रीनगर: देशभर में फैले कोरोना वायरस के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से रुक गयी हैं. प्रदेश में लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में उत्तराखंड प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में अब राज्य सरकार के लिये इन युवाओं को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती बन गयी है.

युवाओं की घर वापसी पर असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र बाबू की राय.

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड में घरों को वापसी कर रहे युवा ज्यादा दिनों तक प्रदेश में नहीं रहेंगे. लॉकडाउन खुलते ही ये युवा रोजगार के लिये अन्य राज्यों का रुख करेंगे.

पढ़ें: प्रवासियों को घर पहुंचा रहे ड्राइवरों के खाने में निकला कॉकरोच, मच गया हंगामा

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि में एमबीए विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र बाबू का कहना है कि प्रवासियों का लंबे समय तक प्रदेश में प्रवास नहीं रहेगा. जल्द ही कोविड-19 के खत्म होने पर एक बार फिर हालात सामान्य हो जाएंगे. जिसके बाद ये युवा वापस अपने काम पर लौटने के लिये दूसरे राज्यों का रुख करेंगे.

वहीं, उन्होंने कहा कि अगर उतराखंड प्रवासी प्रदेश में रुकते हैं तो उनके पास यहीं पर रोजगार सृजन के मौके हैं. केंद्र की नई पॉलिसी इसमें कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हैंडीक्राफ्ट विश्व भर में प्रसिद्ध है. साथ ही औषधीय वनस्पति भी युवाओं के लिये रोजगार सृजित करने में अहम भूमिका निभा सकती है.

श्रीनगर: देशभर में फैले कोरोना वायरस के कारण देश में आर्थिक गतिविधियां पूरी तरह से रुक गयी हैं. प्रदेश में लॉकडाउन के बीच बड़ी संख्या में उत्तराखंड प्रवासी अपने घरों को लौट रहे हैं. ऐसे में अब राज्य सरकार के लिये इन युवाओं को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती बन गयी है.

युवाओं की घर वापसी पर असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र बाबू की राय.

वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तराखंड में घरों को वापसी कर रहे युवा ज्यादा दिनों तक प्रदेश में नहीं रहेंगे. लॉकडाउन खुलते ही ये युवा रोजगार के लिये अन्य राज्यों का रुख करेंगे.

पढ़ें: प्रवासियों को घर पहुंचा रहे ड्राइवरों के खाने में निकला कॉकरोच, मच गया हंगामा

एचएनबी गढ़वाल केंद्रीय विवि में एमबीए विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर महेंद्र बाबू का कहना है कि प्रवासियों का लंबे समय तक प्रदेश में प्रवास नहीं रहेगा. जल्द ही कोविड-19 के खत्म होने पर एक बार फिर हालात सामान्य हो जाएंगे. जिसके बाद ये युवा वापस अपने काम पर लौटने के लिये दूसरे राज्यों का रुख करेंगे.

वहीं, उन्होंने कहा कि अगर उतराखंड प्रवासी प्रदेश में रुकते हैं तो उनके पास यहीं पर रोजगार सृजन के मौके हैं. केंद्र की नई पॉलिसी इसमें कारगर साबित हो सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हैंडीक्राफ्ट विश्व भर में प्रसिद्ध है. साथ ही औषधीय वनस्पति भी युवाओं के लिये रोजगार सृजित करने में अहम भूमिका निभा सकती है.

Last Updated : May 16, 2020, 4:15 PM IST
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