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गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से मांगी मदद, परीक्षाओं पर लटकी तलवार

गढ़वाल विवि की स्नातक और स्नाकोत्तर की अंतिम वर्ष के छात्रो की परीक्षाएं 10 सितम्बर से होनी है. जिसे लेकर हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय विवि के कुलसचिव ने 10 अगस्त को मुख्य सचिव उतराखण्ड को पत्र लिखकर राज्य सरकार से मदद मांगी है, लेकिन 8 दिन बीत जाने के बाद भी राज्य सरकार की तरफ से कोई भी जवाब नहीं आया है.

srinagar
गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से मांगी मदद
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Published : Aug 18, 2020, 4:44 PM IST

Updated : Aug 18, 2020, 4:57 PM IST

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को 10 सितंबर से परीक्षा करवाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. शिक्षा मंत्रालय ने तो इस सम्बंध में गाइड लाइन जारी करते हुए विवि को परीक्षा करवाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. वहीं, विवि ने परीक्षा आयोजित करवाने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है लेकिन, इस पत्र का अभीतक कोई जवाब नहीं आया है.

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से मांगी मदद.

पढ़ें- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम होगा शिक्षा मंत्रालय, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

गढ़वाल विवि की स्नातक और स्नाकोत्तर की अंतिम वर्ष के छात्रो की परीक्षाएं 10 सितम्बर से होनी है, लेकिन तैयारियां ना राज्य स्तर पर हुई हैं और ना ही विवि के स्तर से ही हो पा रही हैं. आगामी परीक्षाओं में प्रदेश के 7 जनपदों के 135 केंद्रों में ये परीक्षाएं संपन्न होनी हैं, जिसमें 41 हजार से अधिक छात्रों हिस्सा लेंगे. इनमें से भी 5 हजार से अधिक संख्या में छात्रों को अन्य राज्यों से आना है, ऐसे में छात्रों के आने-जाने रहने और क्वारंटीन होने जैसी कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हो सकी है.

विवि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार की मदद भी चाहता है. इतनी बड़ी संख्या में परीक्षाओं का आयोजन करवाना अकेले विवि के लिए संभव नहीं है, ऐसे में राज्य सरकार की मदद के बिना पेपर करवाना मुश्किल लग रहा है. विवि के कुलसचिव ने अपने पत्र में छात्रों के रहने, खाने-पीने, सुरक्षित आवागमन, कोविड टेस्ट रिपोर्ट की जांच, ई-पास जैसे 10 बिंदुओं को लेकर पत्र लिखा है. जिसके जवाब का विवि प्रशासन इंतजार कर रहा है.

विवि के कुलसचिव प्रो एनएस पंवार का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय ने तो परीक्षाएं करवाने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं, लेकिन उसमें राज्य सरकार की भी भूमिका अहम हो जाती है. क्योंकि, छात्रों की परीक्षाएं राज्य में ही होनी है. इसलिए राज्य सरकार की भी दिशा-निर्देश की आवश्कता पड़ रही है.

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय को 10 सितंबर से परीक्षा करवाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है. शिक्षा मंत्रालय ने तो इस सम्बंध में गाइड लाइन जारी करते हुए विवि को परीक्षा करवाने के दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. वहीं, विवि ने परीक्षा आयोजित करवाने के लिए मुख्य सचिव को पत्र लिखा है लेकिन, इस पत्र का अभीतक कोई जवाब नहीं आया है.

गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय ने राज्य सरकार से मांगी मदद.

पढ़ें- मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम होगा शिक्षा मंत्रालय, राष्ट्रपति ने दी मंजूरी

गढ़वाल विवि की स्नातक और स्नाकोत्तर की अंतिम वर्ष के छात्रो की परीक्षाएं 10 सितम्बर से होनी है, लेकिन तैयारियां ना राज्य स्तर पर हुई हैं और ना ही विवि के स्तर से ही हो पा रही हैं. आगामी परीक्षाओं में प्रदेश के 7 जनपदों के 135 केंद्रों में ये परीक्षाएं संपन्न होनी हैं, जिसमें 41 हजार से अधिक छात्रों हिस्सा लेंगे. इनमें से भी 5 हजार से अधिक संख्या में छात्रों को अन्य राज्यों से आना है, ऐसे में छात्रों के आने-जाने रहने और क्वारंटीन होने जैसी कोई भी गाइडलाइन जारी नहीं हो सकी है.

विवि इस सम्बन्ध में राज्य सरकार की मदद भी चाहता है. इतनी बड़ी संख्या में परीक्षाओं का आयोजन करवाना अकेले विवि के लिए संभव नहीं है, ऐसे में राज्य सरकार की मदद के बिना पेपर करवाना मुश्किल लग रहा है. विवि के कुलसचिव ने अपने पत्र में छात्रों के रहने, खाने-पीने, सुरक्षित आवागमन, कोविड टेस्ट रिपोर्ट की जांच, ई-पास जैसे 10 बिंदुओं को लेकर पत्र लिखा है. जिसके जवाब का विवि प्रशासन इंतजार कर रहा है.

विवि के कुलसचिव प्रो एनएस पंवार का कहना है कि शिक्षा मंत्रालय ने तो परीक्षाएं करवाने के लिए गाइडलाइन जारी कर दी हैं, लेकिन उसमें राज्य सरकार की भी भूमिका अहम हो जाती है. क्योंकि, छात्रों की परीक्षाएं राज्य में ही होनी है. इसलिए राज्य सरकार की भी दिशा-निर्देश की आवश्कता पड़ रही है.

Last Updated : Aug 18, 2020, 4:57 PM IST
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