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कनाडा में टेस्ला कार में विस्फोट, नासिक के दिग्विजय समेत तीन की मौत, गर्लफ्रेंड बची, शव की डीएनए से पहचान

Nashik Youth Die In Canada: नासिक के रहने वाले दिग्विजय अपनी प्रेमिका और दो अन्य दोस्तों के साथ टेस्ला कार से ड्राइव पर निकले थे.

Nashik Youth and two Others Die In Canada After Tesla Car Explodes Dead body Identified by DNA
दिग्विजय राजेंद्र औसरकर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 2 hours ago

नासिक: कनाडा के टोरंटो शहर में 24 अक्टूबर की रात को एक नई टेस्ला कार में विस्फोट हो गया, जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई. इस हादसे में जान गंवाने वालों में नासिक के इंदिरानगर निवासी दिग्विजय राजेंद्र औसरकर (उम्र 30) भी शामिल थे. दिग्विजय के पिता और बहन के नासिक से कनाडा जाने के बाद कनाडा की पुलिस ने डीएनए के जरिये दिग्विजय की पहचान करने में सफलता हासिल की है.

दिग्विजय कनाडा में एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने अमेरिका से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की थी. पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन के कारण दिग्विजय को वहां की यूनिवर्सिटी ने ब्रांड एंबेसडर बनाया था. दो साल पहले उन्हें कनाडा की एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिली थी, इसलिए वह कनाडा शिफ्ट हो गए थे.

हादसे से 15 दिन पहले दिग्विजय के माता-पिता उनसे कनाडा में मिले थे और फिर नासिक लौट आए थे. 24 अक्टूबर को दिग्विजय की गर्लफ्रेंड झलक पटेल का जन्मदिन है, इसलिए गुजरात के केटा गोहली, नील गोहली समेत चार लोग जन्मदिन मनाने के लिए टोरंटो शहर में इकट्ठे हुए.

गुजरात के रहने वाले दो दोस्तों की मौत
उनके एक दोस्त ने हाल ही में टेस्ला कार खरीदी थी. जन्मदिन मनाने के बाद चारों टेस्ट ड्राइव के लिए निकले. इस दौरान कार अचानक पलट गई और सड़क के दूसरी तरफ लोहे के गार्डर से टकरा गई. जिससे कार में आग लग गई और कुछ ही मिनटों में उसमें विस्फोट हो गया. इस दुर्घटना में झलक बच गई. लेकिन दिग्विजय के साथ गुजरात के रहने वाले केटा गोहली और नील गोहली की भी मौत हो गई.

दिग्विजय की मौत की खबर मिलते ही उनके पिता और बहन नासिक से टोरंटो पहुंचे. उनके आग्रह पर कनाडा पुलिस ने जांच शुरू की और डीएनए के जरिये दिग्विजय की पहचान की गई.

कनाडा ने रिश्तेदारों को वीजा देने से मना किया
एक सफल पेशेवर दिग्विजय अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे. उनकी दुखद मौत से परिवार में मातम छा गया. कनाडा सरकार ने उनके रिश्तेदारों को वीजा देने से मना कर दिया. उनके पिता राजेंद्र और बहन स्वामिनी के वीजा की अवधि समाप्त नहीं हुई थी, इसलिए वे कनाडा जा सके.

दिग्विजय के चचेरे भाई केतन औसरकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का असर इस दुखद घड़ी में महसूस किया जा रहा है.

यह भी पढ़ें- 'हम दो साल से अलग-अलग रह रहे हैं...', पप्पू यादव के बयान से सांसद पत्नी ने खुद को अलग किया

नासिक: कनाडा के टोरंटो शहर में 24 अक्टूबर की रात को एक नई टेस्ला कार में विस्फोट हो गया, जिसमें तीन युवकों की मौत हो गई. इस हादसे में जान गंवाने वालों में नासिक के इंदिरानगर निवासी दिग्विजय राजेंद्र औसरकर (उम्र 30) भी शामिल थे. दिग्विजय के पिता और बहन के नासिक से कनाडा जाने के बाद कनाडा की पुलिस ने डीएनए के जरिये दिग्विजय की पहचान करने में सफलता हासिल की है.

दिग्विजय कनाडा में एक बड़ी कंपनी में उच्च पद पर मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में कार्यरत थे. उन्होंने अमेरिका से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की थी. पढ़ाई में शानदार प्रदर्शन के कारण दिग्विजय को वहां की यूनिवर्सिटी ने ब्रांड एंबेसडर बनाया था. दो साल पहले उन्हें कनाडा की एक बड़ी कंपनी में नौकरी मिली थी, इसलिए वह कनाडा शिफ्ट हो गए थे.

हादसे से 15 दिन पहले दिग्विजय के माता-पिता उनसे कनाडा में मिले थे और फिर नासिक लौट आए थे. 24 अक्टूबर को दिग्विजय की गर्लफ्रेंड झलक पटेल का जन्मदिन है, इसलिए गुजरात के केटा गोहली, नील गोहली समेत चार लोग जन्मदिन मनाने के लिए टोरंटो शहर में इकट्ठे हुए.

गुजरात के रहने वाले दो दोस्तों की मौत
उनके एक दोस्त ने हाल ही में टेस्ला कार खरीदी थी. जन्मदिन मनाने के बाद चारों टेस्ट ड्राइव के लिए निकले. इस दौरान कार अचानक पलट गई और सड़क के दूसरी तरफ लोहे के गार्डर से टकरा गई. जिससे कार में आग लग गई और कुछ ही मिनटों में उसमें विस्फोट हो गया. इस दुर्घटना में झलक बच गई. लेकिन दिग्विजय के साथ गुजरात के रहने वाले केटा गोहली और नील गोहली की भी मौत हो गई.

दिग्विजय की मौत की खबर मिलते ही उनके पिता और बहन नासिक से टोरंटो पहुंचे. उनके आग्रह पर कनाडा पुलिस ने जांच शुरू की और डीएनए के जरिये दिग्विजय की पहचान की गई.

कनाडा ने रिश्तेदारों को वीजा देने से मना किया
एक सफल पेशेवर दिग्विजय अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे. उनकी दुखद मौत से परिवार में मातम छा गया. कनाडा सरकार ने उनके रिश्तेदारों को वीजा देने से मना कर दिया. उनके पिता राजेंद्र और बहन स्वामिनी के वीजा की अवधि समाप्त नहीं हुई थी, इसलिए वे कनाडा जा सके.

दिग्विजय के चचेरे भाई केतन औसरकर ने कहा कि दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण संबंधों का असर इस दुखद घड़ी में महसूस किया जा रहा है.

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