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देवप्रयाग का ऐतिहासिक झूला पुल पर हमेशा के लिए हुआ बंद, लोगों की बढ़ेंगी परेशानियां - Historical suspension bridge

देवप्रयाग के ऐतिहासिक अलकनंदा झूला पुल (Historical Alaknanda Suspension Bridge of Devprayag) को हमेशा के लिए बंद कर दिया गया है. ऐतिहासिक अलकनंदा झूला पुल राजशाही के जमाने का है. इस पुल के बंद होने से शहर और उसके पास रहने वाले लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.

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देवप्रयाग का ऐतिहासिक झूला पुल पर हमेशा के लिए हुआ बंद
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Published : Nov 27, 2022, 9:35 PM IST

श्रीनगर: देवप्रयाग में अलकनंदा झूला पुल को बढ़ते जोखिम के कारण प्रशासन ने पूरी तरह बंद (alaknanda suspension bridge closed) करने का फैसला लिया है. प्रशासन के इस फैसले की खबर के बाद से ही देवप्रयाग वासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस पुल के पूरी तरह बंद किये जाने से यहां 600 से अधिक छात्र-छात्राओं सहित 35 से अधिक गांवों व बाजार क्षेत्र के लोगों के सामने आवागमन की समस्या खड़ी हो जाएगी.

मोराबी गुजरात पुल हादसे से सबक लेते जिला प्रशासन पौड़ी ने देवप्रयाग के अलकनंदा झूला पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है. एसडीएम पौड़ी आकाश जोशी ने लोनिवि ईई आर पी नैथानी, नगर पालिका अध्यक्ष केके कोटियाल, तहसीलदार मानवेंद्र वर्तवाल की मौजूदगी यह बात कही. उन्होंने कहा कि पुल पर सीमित आवाजाही को लेकर चेतावनी बोर्ड बीती मार्च में लगा दिये गए थे. बाबजूद इसके पुल पर लगातार लोगों का आना जाना बना रहा. ऐसे में अब प्रशासन ने पुल को पूरी तरह बंद किये जाने का फैसला किया है.

पढ़ें- किराये का भुगतान न होने से बढ़ी आंगनबाड़ी केंद्रों की मुसीबत, संचालिकाओं ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी

इस फैसले के बाद छात्रों ने यहां बस सेवा शुरू करने की भी बात कही. इसके लिए नगर पालिका द्वारा उन्हें एक पत्र भी सौंपा गया. ईई श्रीनगर आरपी नैथानी ने कहा कि दो बर्ष पहले यहां सौ मीटर स्पान के 541 लाख लागत के स्टिल ट्रस पुल का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, मगर अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिल पायी है. अलकनंदा झूला पुल बंद होने से बाजार स्थित जीआईसी, शिशु व विद्या मंदिर, केंद्रीय सस्कृत विवि,एसबीआई बैंक व ग्रामीणों परेशानियों का सामना करना होगा.

पढ़ें- उत्तराखंड बीजेपी में शुरू हुआ गुट 'वॉर'!, कोश्यारी-खंडूड़ी के बाद अब इनका है दौर

इस क्षेत्र से जीजीआईसी, डिग्री कॉलेज, बस अड्डा, तहसील, सीएचसी आने वाले लोगों को भी काफी कठिनाई झेलनी पड़ेगी. बता दें कि टिहरी पौड़ी जिले को जोड़ने वाला अलकनंदा झूला पुल राजशाही के जमाने का है. ये पुल करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. जिसकी मरम्मत की जाती रही है, मगर अब इसके हालात को देखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया गया है.

श्रीनगर: देवप्रयाग में अलकनंदा झूला पुल को बढ़ते जोखिम के कारण प्रशासन ने पूरी तरह बंद (alaknanda suspension bridge closed) करने का फैसला लिया है. प्रशासन के इस फैसले की खबर के बाद से ही देवप्रयाग वासियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. इस पुल के पूरी तरह बंद किये जाने से यहां 600 से अधिक छात्र-छात्राओं सहित 35 से अधिक गांवों व बाजार क्षेत्र के लोगों के सामने आवागमन की समस्या खड़ी हो जाएगी.

मोराबी गुजरात पुल हादसे से सबक लेते जिला प्रशासन पौड़ी ने देवप्रयाग के अलकनंदा झूला पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद करने का फैसला किया है. एसडीएम पौड़ी आकाश जोशी ने लोनिवि ईई आर पी नैथानी, नगर पालिका अध्यक्ष केके कोटियाल, तहसीलदार मानवेंद्र वर्तवाल की मौजूदगी यह बात कही. उन्होंने कहा कि पुल पर सीमित आवाजाही को लेकर चेतावनी बोर्ड बीती मार्च में लगा दिये गए थे. बाबजूद इसके पुल पर लगातार लोगों का आना जाना बना रहा. ऐसे में अब प्रशासन ने पुल को पूरी तरह बंद किये जाने का फैसला किया है.

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इस फैसले के बाद छात्रों ने यहां बस सेवा शुरू करने की भी बात कही. इसके लिए नगर पालिका द्वारा उन्हें एक पत्र भी सौंपा गया. ईई श्रीनगर आरपी नैथानी ने कहा कि दो बर्ष पहले यहां सौ मीटर स्पान के 541 लाख लागत के स्टिल ट्रस पुल का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था, मगर अभी तक इसकी मंजूरी नहीं मिल पायी है. अलकनंदा झूला पुल बंद होने से बाजार स्थित जीआईसी, शिशु व विद्या मंदिर, केंद्रीय सस्कृत विवि,एसबीआई बैंक व ग्रामीणों परेशानियों का सामना करना होगा.

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इस क्षेत्र से जीजीआईसी, डिग्री कॉलेज, बस अड्डा, तहसील, सीएचसी आने वाले लोगों को भी काफी कठिनाई झेलनी पड़ेगी. बता दें कि टिहरी पौड़ी जिले को जोड़ने वाला अलकनंदा झूला पुल राजशाही के जमाने का है. ये पुल करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. जिसकी मरम्मत की जाती रही है, मगर अब इसके हालात को देखते हुए इसे बंद करने का फैसला लिया गया है.

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