श्रीनगर: कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका को देखते हुए स्वास्थ्य महकमे में हलचल तेज हो गई है. स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतना चाहता है. विभाग की ओर से कड़े एहतियात बरते जा रहे हैं. इसी कड़ी में श्रीनगर में 18 साल से कम उम्र के बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण शुरू कर दिया गया है. शहरी और ग्रामीण परिवेश के क्षेत्रों में बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, जिससे बच्चों में व्याप्त हर छोटी-बड़ी बीमारी का समय रहते इलाज किया जा सके.
स्वास्थ विभाग की टीम कमेडा गांव सहित कई गांवों पहुंची. इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया. साथ ही बच्चों को कुपोषण और एनीमिया से बचाने के लिए अभिभावकों को जानकारी दी गई. स्वस्थ्य विभाग की टीम ने बच्चों के खानपान से लेकर कोरोना से बचाने तक की जानकारी भी दी. टीम ने बताया कि बच्चों को सही तरीके से मास्क पहनना चाहिए. खाने से पहले हाथों को साबुन से अच्छी तरह धुलना चाहिए. वहीं, विभाग की ओर से बताया जा रहा है कि सभी बच्चों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है, जिससे समय रहते बच्चों को कोरोना महामारी से बचाया जा सके.
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दरअसल, कोरोना की पहली और दूसरी लहर में श्रीनगर में 297 लोग काल के गाल में समा चुके हैं. 17 लोग मेडिकल कॉलेज पहुंचते-पहुंचते रास्ते में ही जान गवां चुके हैं, जबकि 1,523 लोगों को कोविड अस्पताल में भर्ती किया गया. वहीं, 1,299 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं, जबकि 906 लोगों ने होम आइसोलेशन में रहकर अस्पताल के डॉक्टरों से परामर्श लेकर इलाज करवाया. वहीं, पौड़ी में अबतक संक्रमितों की संख्या 17,323 रही.