श्रीनगर: पौड़ी जनपद की गगवाड़स्यूं घाटी में लंबे समय से गुलदार की दहशत बनी हुई थी. गुलदार रोजाना दोपहर में ही लोगों के घरों के बाहर दिखने लगा था. इससे ग्रामीणों में दहशत का माहौल बनना शुरू हो गया था. ग्रामीणों ने वन विभाग पौड़ी और जिलाधिकारी से शिकायत की थी. लोगों ने इस समस्या से निजात दिलाने की मांग की थी.
पिंजरे में कैद हुआ गुलदार: बीती 6 जनवरी को वन विभाग पौड़ी की टीम ने मौके पर पिंजरा लगाया था. साथ ही दोनों समय पूरे क्षेत्र में गश्त की जा रही थी, ताकि लोगों को गुलदार की दहशत से निजात दिलाई जा सके. वहीं अब गुलदार 2 सप्ताह बाद पिंजरे में कैद हो गया है. डीएफओ पौड़ी अभिमन्यु ने बताया कि यह गुलदार डांग गांव में लगे पिंजरे में कैद हुआ है. गुलदार की उम्र करीब 4 वर्ष है.
मानव बस्ती के पास दिखाई दे रहा था गुलदार: अभिमन्यु ने बताया कि यह गुलदार लगातार लोगों के घरों के इर्द-गिर्द दिखाई दिया था. इससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ था. लोगों ने इस सम्बंध में विभाग से भी शिकायत की थी. लोगों की शिकायत के बाद उनकी टीम मौके पर पहुंचकर गश्त भी कर रही थी. जिसके चलते अब गुलदार पिंजरे में कैद हो गया है. गुलदार को रेस्क्यू कर की पौड़ी नागदेव रेंज लाया गया है.
रेस्क्यू कर पौड़ी लाया गया गुलदार: वहीं मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत कुमार पटनायक ने बताया कि कुछ समय से पौड़ी और उसके आसपास के इलाकों में गुलदार की सक्रियता बढ़ी है. ऐसे स्थानों पर पिंजरे भी लगाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि पौड़ी के पास एक गुलदार पिंजरे में कैद हुआ है. गुलदार को रेस्क्यू करके पौड़ी लाया गया है. यहां चिकित्सकों की टीम के द्वारा गुलदार के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद आगे की कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.
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लोगों से सतर्क रहने की अपील: उन्होंने कहा कि लंबे अरसे से देखा जा रहा है कि मानवीय बस्तियों की तरफ जंगली जानवरों की हलचल बढ़ी है. खास तौर पर शिकार की तलाश में गुलदार आवासीय बस्तियों की ओर आ रहे हैं. ऐसे हालातों में सभी को सतर्क रहना चाहिए. जंगली जानवरों की हलचल के बारे में वन विभाग को सूचना देनी चाहिए.