पौड़ी: ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन (Rishikesh Karnprayag Rail Line) परियोजना से जिन गांवों व आवासीय बस्तियों में दरारें व अन्य समस्याऐं आ रही हैं, उन स्थानों का थर्ड पार्टी के माध्यम से सर्वे व निरीक्षण का कार्य किया जाएगा. इतना ही नहीं इस सारे कार्य पर निरीक्षण हेतु जियोलॉजिस्टों की निगरानी रहेगी. यह बात पौड़ी में रेलवे प्रभावित ग्रामों के पुर्नवास एवं पुनर्व्यवस्थापन योजना की समीक्षा लेते हुए गढ़वाल कमिश्नर ने कही.
पौड़ी में गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार (Garhwal Commissioner Sushil Kumar) ने बैठक में रेलवे अधिकारियों को टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग व चमोली में जिन स्थानों व गांवों में रेलवे कार्यों (rishikesh karnprayag rail line work) से पहाड़ियों व गांव-घरों में दरारें पड़ने या अन्य प्रकार की समस्याऐं आ रही हैं, उन स्थानों का थर्ड पार्टी के माध्यम से निरीक्षण करवाने के निर्देश दिए. इतना ही नहीं कमिश्नर ने पूरे निरीक्षण कार्य में की निगरानी के लिए भू-वैज्ञानिकों को भी तैनात करने के निर्देश दिये.
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आयुक्त सुशील कुमार ने टिहरी व रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारियों से भूमि-अधिग्रहण व लंबित मुआवजा वितरण की भी जानकारी ली. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिये आवश्यकता के अनुसार ही भूमि का अधिग्रहण किया जाए. वहीं आयुक्त ने डीएम पौड़ी को स्वीत गांव में खुली बैठक कर लोगों की सभी संबंधित समस्याओं का निस्तारण के निर्देश दिये.
रुद्रप्रयाग में मुआवजे की मांग: रुद्रप्रयाग जिले की ग्राम पंचायत नरकोटा में पिछले दो दिनों से रेल परियोजना का कार्य बंद किये जाने के बाद मंगलवार को मजबूरन परियोजना के मुख्य परियोजना प्रबंधक अजीत सिंह यादव आंदोलनरत ग्रामीणों से मिलने पहुंचे. इस मौके पर ग्रामीणों ने टनल विस्फोटों से आवासीय भवनों को हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग प्रमुखता से उठाई, जिस पर सीपीएम ने आश्वासन दिया कि इस संबंध में मुख्यमंत्री एवं मुख्य सचिव से वार्ता हो चुकी है. अब जल्द से जल्द मामला सुलझाने का काम किया जायेगा.