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चमोली आपदा: झील दे रही तबाही का संकेत, ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट फिर से शुरू करने को लेकर लिखा पत्र - srinagar news

गढ़वाल विवि की कुलपति अनपूर्णा नौटियाल ने बताया कि अगर जल्द इस झील को नहीं खोला गया तो फिर से कोई दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि वाडिया इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट बंद हो गए थे, जिसे वे नीति आयोग के सम्मुख रखेंगी और इसको खुलवाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया है.

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Published : Feb 12, 2021, 1:45 PM IST

Updated : Feb 12, 2021, 4:34 PM IST

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल विवि के दो सदस्यीय जियोलॉजिस्ट की टीम ने ऋषिगंगा वैली में दूसरा बर्फ का तालाब खोज निकाला है. अगर जल्द इस झील को खोलने पर विचार नहीं किया गया तो एक बार फिर कोई तबाही घटित हो सकती है. गढ़वाल विवि की कुलपति अनपूर्णा नौटियाल ने बताया कि अगर जल्द इस झील को नहीं खोला गया तो फिर से कोई दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि वाडिया इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट बंद हो गए थे, जिसे वे नीति आयोग के सम्मुख रखेंगी और इसको खुलवाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया है.

ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट फिर से शुरू करने को लेकर लिखा पत्र

गौर हो कि गढ़वाल विवि का असिस्टेंट प्रो. नरेश राणा की अगुवाई में दो सदस्यीय दल ऋषिगंगा इलाके में तबाही के कारणों का पता लगाने गया था. जिसके बाद उन्होंने इलाके में देखा की एक और दूसरी झील का निर्माण हो गया है जो कभी भी फट सकता है. अब टीम इस झील के मुहाने को जल्द खोलने की मांग कर रहा है, जिससे तबाही से बचा जा सकें

पढ़ें: चिपको आंदोलन की नायिका गौरा देवी के गांव ने देखा तबाही का मंजर, डर के साए में ग्रामीण

गढ़वाल विवि की कुलपति अनपूर्णा नौटियाल ने बताया कि अगर जल्द इसे बर्स्ट नहीं किया गया तो फिर से कोई दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि वाडिया इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट बंद हो गए थे, जिसे वे नीति आयोग के सम्मुख रखेंगी और इसको खुलवाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया है.

श्रीनगर: हेमवती नंदन गढ़वाल विवि के दो सदस्यीय जियोलॉजिस्ट की टीम ने ऋषिगंगा वैली में दूसरा बर्फ का तालाब खोज निकाला है. अगर जल्द इस झील को खोलने पर विचार नहीं किया गया तो एक बार फिर कोई तबाही घटित हो सकती है. गढ़वाल विवि की कुलपति अनपूर्णा नौटियाल ने बताया कि अगर जल्द इस झील को नहीं खोला गया तो फिर से कोई दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि वाडिया इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट बंद हो गए थे, जिसे वे नीति आयोग के सम्मुख रखेंगी और इसको खुलवाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया है.

ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट फिर से शुरू करने को लेकर लिखा पत्र

गौर हो कि गढ़वाल विवि का असिस्टेंट प्रो. नरेश राणा की अगुवाई में दो सदस्यीय दल ऋषिगंगा इलाके में तबाही के कारणों का पता लगाने गया था. जिसके बाद उन्होंने इलाके में देखा की एक और दूसरी झील का निर्माण हो गया है जो कभी भी फट सकता है. अब टीम इस झील के मुहाने को जल्द खोलने की मांग कर रहा है, जिससे तबाही से बचा जा सकें

पढ़ें: चिपको आंदोलन की नायिका गौरा देवी के गांव ने देखा तबाही का मंजर, डर के साए में ग्रामीण

गढ़वाल विवि की कुलपति अनपूर्णा नौटियाल ने बताया कि अगर जल्द इसे बर्स्ट नहीं किया गया तो फिर से कोई दुर्घटना हो सकती है. उन्होंने बताया कि वाडिया इंस्टीट्यूट में पिछले कई सालों से ग्लेशियोलॉजी डिपार्टमेंट बंद हो गए थे, जिसे वे नीति आयोग के सम्मुख रखेंगी और इसको खुलवाने के लिए पत्राचार शुरू कर दिया है.

Last Updated : Feb 12, 2021, 4:34 PM IST
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