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देहरादून में RPF में नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों की ठगी, IMA के दैनिक कर्मी समेत 4 पर मुकदमा दर्ज

थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत चार आरोपियों द्वारा पीड़ितों को रेलवे पुलिस में नौकरी (dehradun job fraud case) लगवाने के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है. थाना प्रेमनगर प्रभारी मनोज नैनवाल ने बताया कि पीड़ितों की तहरीर के आधार पर डीपी जुयाल, भारती अधिकारी, शेफाली अधिकारी और अनिल भट्ट के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है.

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देहरादून प्रेमनगर कोतवाली
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Published : Apr 29, 2022, 2:05 PM IST

देहरादून/पौड़ी: थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत चार आरोपियों द्वारा पीड़ितों को रेलवे पुलिस में नौकरी (dehradun job fraud case) लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़ितों की तहरीर के आधार पर आईएमए के दैनिक कर्मचारी सहित चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

रीना रानी निवासी ठाकुरपुर ने शिकायत दर्ज कराई की उनके पति राजेन्द्र सिंह इंडियन मिलिट्री एकेडमी में दैनिक वेतन पर काम करते हैं. पति के साथ आईएमए में डीपी जुयाल नाम का व्यक्ति भी काम करता है. डीपी जुयाल ने पति से अपने कुछ परिचितों के बारे में बताया और कहा कि वह सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं. लेकिन इसके लिए रुपए खर्च करने पड़ेंगे. इसके बाद राजेन्द्र ने अगस्त 2021 में अपने तीन रिश्तेदारों से रेलवे पुलिस में सरकारी नौकरी लगवाने के लिए कहा. रिश्तेदारों ने हामी भर दी.

पढ़ें-पौड़ी में साइबर ठग ने डीएम की डीपी लगाकर सूचना अधिकारी से मांगे 10 हजार रुपए

डीपी जुयाल के कहने पर प्रत्येक रिश्तेदारों से 6-6 लाख रुपए लेते हुए 18 लाख दे दिए, लेकिन नौकरी नहीं लगी. नौकरी नहीं लगने पर जब राजेंद्र ने रुपए वापस मांगे तो जुयाल और उसके साथी धमकी देने लगे. थाना प्रेमनगर प्रभारी मनोज नैनवाल ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर डीपी जुयाल, भारती अधिकारी, शैफाली अधिकारी और अनिल भट्ट के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है.

पौड़ी में पुलिस को मिली कामयाबी: पौड़ी में जिला पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों के ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों को उनकी मूल रकम वापस लौटाई है. तीनों मामले इसी साल जनवरी तथा मार्च के हैं. जिनमें से एक मामला ऑनलाइन क्रिकेट सट‌्टे से भी संबंधित है. एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि जिले में गठित साइबर क्राइम पुलिस को साइबर ठगी के तीन अलग-अलग मामलों में सफलता हाथ लगी है. तीनों मामले इसी साल जनवरी से मार्च माह के हैं.

उन्होंने बताया कि बीते जनवरी माह में कोटद्वार के कुम्भीचौड़ निवासी सचिन नेगी पुत्र ज्ञान सिंह नेगी से गूगल-पे के माध्यम से 20 हजार की धनराशि भूलवश ट्रांसफर हो गई थी. जो कि इंडसइंड बैंक के खाते में जमा हुई थी. इस पर पुलिस ने बैंक से पत्राचार कर यह राशि पीड़ित को वापस लौटाई.

देहरादून/पौड़ी: थाना प्रेमनगर क्षेत्र के अंतर्गत चार आरोपियों द्वारा पीड़ितों को रेलवे पुलिस में नौकरी (dehradun job fraud case) लगवाने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर डाली. पीड़ितों की तहरीर के आधार पर आईएमए के दैनिक कर्मचारी सहित चार आरोपियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.

रीना रानी निवासी ठाकुरपुर ने शिकायत दर्ज कराई की उनके पति राजेन्द्र सिंह इंडियन मिलिट्री एकेडमी में दैनिक वेतन पर काम करते हैं. पति के साथ आईएमए में डीपी जुयाल नाम का व्यक्ति भी काम करता है. डीपी जुयाल ने पति से अपने कुछ परिचितों के बारे में बताया और कहा कि वह सरकारी नौकरी लगवा सकते हैं. लेकिन इसके लिए रुपए खर्च करने पड़ेंगे. इसके बाद राजेन्द्र ने अगस्त 2021 में अपने तीन रिश्तेदारों से रेलवे पुलिस में सरकारी नौकरी लगवाने के लिए कहा. रिश्तेदारों ने हामी भर दी.

पढ़ें-पौड़ी में साइबर ठग ने डीएम की डीपी लगाकर सूचना अधिकारी से मांगे 10 हजार रुपए

डीपी जुयाल के कहने पर प्रत्येक रिश्तेदारों से 6-6 लाख रुपए लेते हुए 18 लाख दे दिए, लेकिन नौकरी नहीं लगी. नौकरी नहीं लगने पर जब राजेंद्र ने रुपए वापस मांगे तो जुयाल और उसके साथी धमकी देने लगे. थाना प्रेमनगर प्रभारी मनोज नैनवाल ने बताया कि पीड़िता की तहरीर के आधार पर डीपी जुयाल, भारती अधिकारी, शैफाली अधिकारी और अनिल भट्ट के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है.

पौड़ी में पुलिस को मिली कामयाबी: पौड़ी में जिला पुलिस ने तीन अलग-अलग मामलों के ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए लोगों को उनकी मूल रकम वापस लौटाई है. तीनों मामले इसी साल जनवरी तथा मार्च के हैं. जिनमें से एक मामला ऑनलाइन क्रिकेट सट‌्टे से भी संबंधित है. एसएसपी पौड़ी यशवंत सिंह चौहान ने बताया कि जिले में गठित साइबर क्राइम पुलिस को साइबर ठगी के तीन अलग-अलग मामलों में सफलता हाथ लगी है. तीनों मामले इसी साल जनवरी से मार्च माह के हैं.

उन्होंने बताया कि बीते जनवरी माह में कोटद्वार के कुम्भीचौड़ निवासी सचिन नेगी पुत्र ज्ञान सिंह नेगी से गूगल-पे के माध्यम से 20 हजार की धनराशि भूलवश ट्रांसफर हो गई थी. जो कि इंडसइंड बैंक के खाते में जमा हुई थी. इस पर पुलिस ने बैंक से पत्राचार कर यह राशि पीड़ित को वापस लौटाई.

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