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कोटद्वारः वन महकमे ने 700 बंदरों को पकड़कर भेजा रेस्क्यू सेंटर, ग्रामीणों ने ली राहत की सांस

लैंसडाउन वन प्रभाग ने पांचो रेंज में बंदरों को पकड़ने का कार्य तेज कर दिया है.ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान थे.

बंदर
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Published : Nov 22, 2019, 2:06 PM IST

कोटद्वारः क्षेत्र में बंदरों के बढ़ते आतंक से लोगों को निजात मिलने वाली है. लैंसडाउन वन प्रभाग ने अपने पांचो रेंज के ग्रामीण क्षेत्रों से बंदरों को पकड़ने का कार्य शुरू कर दिया है. वन प्रभाग ने अब तक अलग-अलग जगहों से 700 से अधिक बंदर पकड़कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज दिए हैं.

वन विभाग ने 700 बंदर पकड़े.

वन विभाग की इस मुहिम से बंदरों के आतंक से ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है. लैंसडाउन वन प्रभाग से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान थे. बंदर ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे. कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन न होने के कारण वन विभाग बंदरों के आतंक से ग्रामीणों को राहत दिलाने में नाकाम रहा. वर्तमान में वन प्रभाग ने बंदर पकड़ने वाली टीम को बुलाया गया.

इस टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग जगह से 700 से भी अधिक बंदरों को पिंजरे में बंद कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज चुके हैं और आगे भी बंदरों को पकड़ने का सिलसिला टीम के द्वारा जारी रहेगा.

यह भी पढ़ेंः मुर्गे की हत्या के आरोप में 7 लोगों पर FIR, कराया गया पोस्टमॉर्टम

लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी का कहना है कि वर्तमान में बंदर पकड़ने का कार्य किया जा रहा है. सभी रेंज से बंदरों को पकड़कर पिंजरे में बंद किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों से अधिक शिकायत थी उन जगहों पर टीम लगातार बंदरों को पकड़ने का कार्य कर रही है.

कोटद्वारः क्षेत्र में बंदरों के बढ़ते आतंक से लोगों को निजात मिलने वाली है. लैंसडाउन वन प्रभाग ने अपने पांचो रेंज के ग्रामीण क्षेत्रों से बंदरों को पकड़ने का कार्य शुरू कर दिया है. वन प्रभाग ने अब तक अलग-अलग जगहों से 700 से अधिक बंदर पकड़कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज दिए हैं.

वन विभाग ने 700 बंदर पकड़े.

वन विभाग की इस मुहिम से बंदरों के आतंक से ग्रामीणों ने चैन की सांस ली है. लैंसडाउन वन प्रभाग से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान थे. बंदर ग्रामीणों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे. कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन न होने के कारण वन विभाग बंदरों के आतंक से ग्रामीणों को राहत दिलाने में नाकाम रहा. वर्तमान में वन प्रभाग ने बंदर पकड़ने वाली टीम को बुलाया गया.

इस टीम ने ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग जगह से 700 से भी अधिक बंदरों को पिंजरे में बंद कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज चुके हैं और आगे भी बंदरों को पकड़ने का सिलसिला टीम के द्वारा जारी रहेगा.

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लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी का कहना है कि वर्तमान में बंदर पकड़ने का कार्य किया जा रहा है. सभी रेंज से बंदरों को पकड़कर पिंजरे में बंद किया जा रहा है. जिन क्षेत्रों से अधिक शिकायत थी उन जगहों पर टीम लगातार बंदरों को पकड़ने का कार्य कर रही है.

Intro:summary लैंसडौन वन प्रभाग ने अपने पांचो रेंज के ग्रामीण क्षेत्रों से बंदरों को पकड़ने का कार्य शुरू किया, वन प्रभाग ने अब तक अलग-अलग जगहों से 700 से अधिक बंदर पकड़कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज दिए हैं, वन विभाग की इस मुहिम से बंदरो के आतंक से ग्रामीणों चैन की सांस ली।

intro kotdwar लैंसडौन वन प्रभाग से लगे ग्रामीण क्षेत्रों में आए दिन बंदरों के आतंक से ग्रामीण परेशान थे, बंदर ग्रामीणों की फसल को नष्ट कर देते थे, कई बार ग्रामीणों ने इसकी शिकायत वन विभाग से की, लेकिन वन विभाग के पास पर्याप्त संसाधन ना होने के कारण वन विभाग बंदरों के आतंक से ग्रामीणों को राहत दिलाने में नाकाम रहा, वर्तमान में वन प्रभाग ने बंदर पकड़ने वाली टीम को बुलाया,जो ग्रामीण क्षेत्रों के अलग-अलग जगह से 700 से भी अधिक बंदरों को पिंजरे में बंद कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज चुके हैं, आगे भी बंदरों को पकड़ने का सिलसिला टीम के द्वारा जारी रहेगा।


Body:वीओ1- लैंसडौन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी का कहना है कि वर्तमान में बंदर पकड़ने का कार्य किया जा रहा है सभी रेंज से बंदरों को पकड़कर पिंजरे में बंद किया जा रहा है जिन क्षेत्रों से अधिक शिकायत थी उन जगहों पर टीम लगातार बंदरों को पकड़ने का कार्य कर रही है अभी तक वन विभाग की टीम के द्वारा 700 से भी अधिक बंदरों को पकड़कर रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भेज दिया गया है आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा।

बाइट अखिलेश तिवारी डीएफओ लैंसडौन वन प्रभाग


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