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पैठाणी हादसे में बुझ गए पांच घरों के चिराग, होली पर एक साथ जलीं चिताएं, पसरा मातम - Five pyres burnt in Pauri

होली के दिन बिसौंणा गांव में पांच चिताएं जलने से पूरे क्षेत्र में मातम पसरा हुआ है. इसके साथ ही आसपास के गांवों में भी मातम छाया हुआ है.

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पौड़ी
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Published : Mar 19, 2022, 3:49 PM IST

Updated : Mar 19, 2022, 5:08 PM IST

पौड़ी: होली के दिन जहां लोग जश्न में डूबे थे, वहीं पैठाणी हादसे के बाद बिसौंणा गांव में मातम छाया हुआ था. गांव में एक साथ पांच चिताएं जलने से हर कोई शोक में डूब गया. दरअसल, 17 मार्च को गुरुवार को पौड़ी जिले के पैठाणी-कर्णप्रयाग मोटरमार्ग पर चुठाणी के समीप एक मैक्स वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वाहन में करीब 14 लोग सवार थे. हादसे में चार लोगों को मौत हो गई थी और अन्य घायल हो गये थे. एक घायल की इलाज के दौरान मौत हो गई है. ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.

स्थानीय रेवत सिंह नेगी ने बताया कि होली के दिन घटी घटना के बाद से गांव में पूरी तरह से शोक का माहौल है. बिसौंणा के साथ ही पुनगांव, पिंडवली व लम्बासैंण आदि गांवों में शोक की लहर है. हादसे में जान गंवाने वाले युवकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बता दें, चमोली के बिसौंणा गांव के युवा होल्यार पैठाणी में होली खेलने गए थे. ये युवा होल्यार दोपहर भोजन करने के बाद अपने घरों को लौटने की तैयारी में थे. पैठाणी से होली खेलने के बाद वापस लौटने के लिए उन्होंने पैठाणी से अपने गांव के लिए मैक्स में बैठे. लेकिन वे अपने घरों को नहीं पहुंच पाए. पौड़ी अस्पताल में भर्ती पवन ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में वे भी सवार थे. लेकिन, वो अभी तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं.
पढ़ें- पैठाणी में गाड़ी खाई में गिरी, 4 की मौत, होली खेलकर लौट रहे थे गांव

जानकारी मिली है कि मौके पर अमित नेगी 16 साल पुत्र महेंद्र सिंह निवासी ग्राम बिसौणा पट्टी चांदपुर ने दम तोड़ दिया, जबकि इसी गांव के रोहित सिंह 19 साल पुत्र शेर सिंह, बलंवत सिंह 21 साल पुत्र कल्याण सिंह और संतोष 22 साल पुत्र आनंद सिंह को पाबौ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके साथ ही आज सुबह भी एक घायल की अस्पताल में मौत हो गई है.

हादसों नहीं ले रहे सबक: जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में दिन टैक्सी वाहन चालक नियमों को ताक पर रखकर ड्राइविंग कर रहे हैं. इस क्षेत्रों में वाहनों पर जमकर ओवरलोडिंग के चलते कई बार चलान भी हो चुके हैं, तो कई बार यात्रियों को ओवरलोडिंग के चलते अपनी जान की कीमत भी चुकानी पड़ रही है, जिसकी बानगी है पैठाणी हादसा है. जिसमें ओवर लोडिंग के चलते अभी तक पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

ओवरलोडिंग पर नकेल की जरूरत: मंडल मुख्यालय पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी, थलीसैंण, धुमाकोट, बीरोंखाल आदि क्षेत्रों में वाहन चालकों द्वारा यात्री वाहनों में जमकर यात्रियों को बैठाया जाता है. कई बार यात्रियों को वाहनों के भीतर व छतों पर भी बैठाया जाता है. आरटीओ विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी दूरस्थ क्षेत्रों में ओवर लोड़िग के मामलों में नकेल नहीं लगाई जा सकी है.

साल 2018 का धूमाकोट हादसा: ओवर लोडिंग का ऐसा ही मामला जुलाई, 2018 में धुमाकोट में सामने आया था, जहां भौन-पीपली मोटर मार्ग पर 61 सवारियों से खचाखच भरी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें ओवरलोडिंग और सड़कों की बदहाल स्थिति ने 45 लोगों की जान ले ली, जबकि 13 लोग गंभीर घायल हो गये थे.

क्या कहते हैं अधिकारी: आरटीओ पौड़ी अनीता चंद ने बताया कि जिले के सभी क्षेत्रों में टीम के द्वारा समय-समय पर निरीक्षण व वाहनों की चेकिंग आदि की जाती हैं. उन्होंने बताया की ओवरलोडिंग के मामलों में विभाग पहले से ही सर्तक है. इस साल कॉमर्शियल वाहनों के करीब 741 चलान हुए हैं, जिसमें से 80 ओवरलोडिंग के चालान हैं.

पौड़ी: होली के दिन जहां लोग जश्न में डूबे थे, वहीं पैठाणी हादसे के बाद बिसौंणा गांव में मातम छाया हुआ था. गांव में एक साथ पांच चिताएं जलने से हर कोई शोक में डूब गया. दरअसल, 17 मार्च को गुरुवार को पौड़ी जिले के पैठाणी-कर्णप्रयाग मोटरमार्ग पर चुठाणी के समीप एक मैक्स वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. वाहन में करीब 14 लोग सवार थे. हादसे में चार लोगों को मौत हो गई थी और अन्य घायल हो गये थे. एक घायल की इलाज के दौरान मौत हो गई है. ऐसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 5 हो गई है.

स्थानीय रेवत सिंह नेगी ने बताया कि होली के दिन घटी घटना के बाद से गांव में पूरी तरह से शोक का माहौल है. बिसौंणा के साथ ही पुनगांव, पिंडवली व लम्बासैंण आदि गांवों में शोक की लहर है. हादसे में जान गंवाने वाले युवकों के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

बता दें, चमोली के बिसौंणा गांव के युवा होल्यार पैठाणी में होली खेलने गए थे. ये युवा होल्यार दोपहर भोजन करने के बाद अपने घरों को लौटने की तैयारी में थे. पैठाणी से होली खेलने के बाद वापस लौटने के लिए उन्होंने पैठाणी से अपने गांव के लिए मैक्स में बैठे. लेकिन वे अपने घरों को नहीं पहुंच पाए. पौड़ी अस्पताल में भर्ती पवन ने बताया कि दुर्घटनाग्रस्त वाहन में वे भी सवार थे. लेकिन, वो अभी तक सदमे से उबर नहीं पाए हैं.
पढ़ें- पैठाणी में गाड़ी खाई में गिरी, 4 की मौत, होली खेलकर लौट रहे थे गांव

जानकारी मिली है कि मौके पर अमित नेगी 16 साल पुत्र महेंद्र सिंह निवासी ग्राम बिसौणा पट्टी चांदपुर ने दम तोड़ दिया, जबकि इसी गांव के रोहित सिंह 19 साल पुत्र शेर सिंह, बलंवत सिंह 21 साल पुत्र कल्याण सिंह और संतोष 22 साल पुत्र आनंद सिंह को पाबौ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इसके साथ ही आज सुबह भी एक घायल की अस्पताल में मौत हो गई है.

हादसों नहीं ले रहे सबक: जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में दिन टैक्सी वाहन चालक नियमों को ताक पर रखकर ड्राइविंग कर रहे हैं. इस क्षेत्रों में वाहनों पर जमकर ओवरलोडिंग के चलते कई बार चलान भी हो चुके हैं, तो कई बार यात्रियों को ओवरलोडिंग के चलते अपनी जान की कीमत भी चुकानी पड़ रही है, जिसकी बानगी है पैठाणी हादसा है. जिसमें ओवर लोडिंग के चलते अभी तक पांच लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी.

ओवरलोडिंग पर नकेल की जरूरत: मंडल मुख्यालय पौड़ी के दूरस्थ क्षेत्र पैठाणी, थलीसैंण, धुमाकोट, बीरोंखाल आदि क्षेत्रों में वाहन चालकों द्वारा यात्री वाहनों में जमकर यात्रियों को बैठाया जाता है. कई बार यात्रियों को वाहनों के भीतर व छतों पर भी बैठाया जाता है. आरटीओ विभाग की लाख कोशिशों के बाद भी दूरस्थ क्षेत्रों में ओवर लोड़िग के मामलों में नकेल नहीं लगाई जा सकी है.

साल 2018 का धूमाकोट हादसा: ओवर लोडिंग का ऐसा ही मामला जुलाई, 2018 में धुमाकोट में सामने आया था, जहां भौन-पीपली मोटर मार्ग पर 61 सवारियों से खचाखच भरी बस दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसमें ओवरलोडिंग और सड़कों की बदहाल स्थिति ने 45 लोगों की जान ले ली, जबकि 13 लोग गंभीर घायल हो गये थे.

क्या कहते हैं अधिकारी: आरटीओ पौड़ी अनीता चंद ने बताया कि जिले के सभी क्षेत्रों में टीम के द्वारा समय-समय पर निरीक्षण व वाहनों की चेकिंग आदि की जाती हैं. उन्होंने बताया की ओवरलोडिंग के मामलों में विभाग पहले से ही सर्तक है. इस साल कॉमर्शियल वाहनों के करीब 741 चलान हुए हैं, जिसमें से 80 ओवरलोडिंग के चालान हैं.

Last Updated : Mar 19, 2022, 5:08 PM IST
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