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श्रीनगर के जंगल में लगी आग, लाखों की वन संपदा जलकर खाक - श्रीनगर के खोला के जंगल (Fire in Khola Forest)

प्रदेश में लगातार वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं. देर रात श्रीनगर में खोला के जंगल में आग लगने की घटना सामने आई है. इस घटना में .50 हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई है.

श्रीनगर के जंगल में लगी आग
श्रीनगर के जंगल में लगी आग
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Published : Apr 12, 2022, 3:05 PM IST

श्रीनगर: गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग (Forest Fire in Uttarakhand) लगने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. इसी क्रम में श्रीनगर के खोला के जंगल (Fire in Khola Forest) में देर रात आग लग गई. जिसकी वजह से जंगल धू-धू कर जलने लगा. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. वन विभाग के मुताबिक खोला के जंगल की घटना से .50 हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई है.

बताया जा रहा है कि सड़क किनारे कचरे में लगी आग धीरे-धीरे जंगल में फैल गई. श्रीनगर रेंजर प्रमोद ने बताया कि वन विभाग की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है. फिलहाल श्रीनगर रेंज में कहीं कोई फॉरेस्ट फायर नहीं है. लेकिन, संसाधनों की कमी के चलते आग काबू पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

पढ़ें: गढ़वाल मंडल में खाक हुई 39.15 हेक्टेयर वन संपदा, अलर्ट पर फॉरेस्ट विभाग

गढ़वाल डिवीजन में फायर सीजन शुरू होने के बाद अभी तक वनाग्नि की 19 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसमें 39.15 हेक्टेयर की वन संपदा जल कर खाक हो गयी है. हालांकि, वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं पर खुद को हमेशा की तरह चौकन्ना बता रहा है. लेकिन जिस तरह वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं वो विभाग की पोल भी खोल रही हैं.

दरअसल, सड़क के इर्द-गिर्द गिरने वाली सूखी चीड़ और बांज की पत्तियां वनाग्नि का मुख्य कारण बनती हैं. सड़क किनारे लगी आग जंगल तक पहुंचती है. फिर देखते ही देखते वनाग्नि अपना विकराल रूप ले लेती है. ऐसे में वन विभाग को काफी सतर्कता की जरूरत होती है. वहीं, वनकर्मी सुबह सड़कों के किनारे पड़ी सूखी पत्तियों को लगातार हटाने में जुटे हैं.

श्रीनगर: गर्मी बढ़ने के साथ ही उत्तराखंड के जंगलों में आग (Forest Fire in Uttarakhand) लगने की घटनाएं बढ़ने लगी हैं. इसी क्रम में श्रीनगर के खोला के जंगल (Fire in Khola Forest) में देर रात आग लग गई. जिसकी वजह से जंगल धू-धू कर जलने लगा. सूचना पाकर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. वन विभाग के मुताबिक खोला के जंगल की घटना से .50 हेक्टेयर वन संपदा जलकर राख हो गई है.

बताया जा रहा है कि सड़क किनारे कचरे में लगी आग धीरे-धीरे जंगल में फैल गई. श्रीनगर रेंजर प्रमोद ने बताया कि वन विभाग की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया है. फिलहाल श्रीनगर रेंज में कहीं कोई फॉरेस्ट फायर नहीं है. लेकिन, संसाधनों की कमी के चलते आग काबू पाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा.

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गढ़वाल डिवीजन में फायर सीजन शुरू होने के बाद अभी तक वनाग्नि की 19 घटनाएं दर्ज की गई हैं. इसमें 39.15 हेक्टेयर की वन संपदा जल कर खाक हो गयी है. हालांकि, वन विभाग वनाग्नि की घटनाओं पर खुद को हमेशा की तरह चौकन्ना बता रहा है. लेकिन जिस तरह वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं वो विभाग की पोल भी खोल रही हैं.

दरअसल, सड़क के इर्द-गिर्द गिरने वाली सूखी चीड़ और बांज की पत्तियां वनाग्नि का मुख्य कारण बनती हैं. सड़क किनारे लगी आग जंगल तक पहुंचती है. फिर देखते ही देखते वनाग्नि अपना विकराल रूप ले लेती है. ऐसे में वन विभाग को काफी सतर्कता की जरूरत होती है. वहीं, वनकर्मी सुबह सड़कों के किनारे पड़ी सूखी पत्तियों को लगातार हटाने में जुटे हैं.

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