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नाली की मरम्मत में 22 लाख का भुगतान, RTI में हुआ खुलासा - आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश चंद्र गौड़

दुगड्डा नगर पालिका क्षेत्र में एक नाली के निर्माण कार्य में वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया. मामले का खुलासा तब हुआ कि जब स्थानीय निवासी गिरीश चंद गौड़ ने आरटीआई के माध्यम से नगर पालिका से जवाब मांगा.

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दुगड्डा नगर पालिका
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Published : Oct 9, 2020, 2:16 PM IST

कोटद्वार: दुगड्डा नगर पालिका क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है. नगर पालिका ने वार्ड नंबर 1 में वर्ष 2019-20 में एक नाली के मरम्मत का कार्य करवाया था, जिस पर लगभग 22 लाख रुपए की धनराशि लगायी गई. निर्माण के दौरान अवर सहायक अभियंता ने अधिशासी अधिकारी व पालिका अध्यक्ष से निर्माण सामग्री की आईआईटी रुड़की से तकनीकी जांच कराने की अपील की थी, लेकिन नगर पालिका दुगड्डा ने अपर अभियंता की मांग को दरकिनार कर संबंधित ठेकेदार को भुगतान कर डाला.

गिरीश चंद गौड़ RTI के जरिये किया बड़ा खुलासा.

मामले का खुलासा तब हुआ कि जब स्थानीय निवासी गिरीश चंद गौड़ ने सूचना का अधिकार के तहत नगरपालिका से जवाब मांगा. सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ कि 19 फरवरी 2020 को ठेकेदार गौरव रावत ने वार्ड नंबर 1 में आईटीआई के पीछे से गैस गोदाम तक नाले का निर्माण कार्य करवाया था. निर्माण अवर सहायक अभियंता महेंद्र पाल सिंह ने अधिशासी अधिकारी व नगर पालिका अध्यक्ष को बताया था कि ठेकेदार द्वारा नाली निर्माण के कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री का आईआईटी रुड़की से तकनीकी परीक्षण कराया जाना चाहिये. बिना परीक्षण कराए ठेकेदार गौरव रावत का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन नगर पालिका दुगड्डा ने अवर अभियंता की दलील को दरकिनार कर ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया.

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नाली की मरम्मत में भारी अनियमितताएं.

वहीं, पूरे मामले पर आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने बताया कि सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ कि नाली का निर्माण नहीं करना था बल्कि केवल मरम्मत का कार्य था. दो हिस्सों में नाली की मरम्मत का काम किया जाना था. नाली की कुल लंबाई लगभग ढाई सौ मीटर है, मरम्मत कार्य की कुल लागत 25 लाख रुपये के आसपास है. आरटीआई में तकनीकी निरीक्षण करने वाले अपर सहायक अभियंता की जांच रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन नगर पालिका ने उपलब्ध नहीं करवाई.

पढ़ें- विधायक के बेटे पर लगा अपहरण का आरोप, देर रात कोतवाली में चला हाई वोल्टेज ड्रामा

जब निर्माण अपर सहायक अभियंता से इसकी सूचना मांगी गई तो उसमें खुलासा हुआ कि अवर सहायक अभियंता ने अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष को स्पष्ट रूप से पत्र भेजकर निर्माण सामग्री की जांच के लिये कहा था. अब आरटीआई कार्यकर्ता इस संबंध में हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराएंगे.

कोटद्वार: दुगड्डा नगर पालिका क्षेत्र में वित्तीय अनियमितताओं का मामला सामने आया है. नगर पालिका ने वार्ड नंबर 1 में वर्ष 2019-20 में एक नाली के मरम्मत का कार्य करवाया था, जिस पर लगभग 22 लाख रुपए की धनराशि लगायी गई. निर्माण के दौरान अवर सहायक अभियंता ने अधिशासी अधिकारी व पालिका अध्यक्ष से निर्माण सामग्री की आईआईटी रुड़की से तकनीकी जांच कराने की अपील की थी, लेकिन नगर पालिका दुगड्डा ने अपर अभियंता की मांग को दरकिनार कर संबंधित ठेकेदार को भुगतान कर डाला.

गिरीश चंद गौड़ RTI के जरिये किया बड़ा खुलासा.

मामले का खुलासा तब हुआ कि जब स्थानीय निवासी गिरीश चंद गौड़ ने सूचना का अधिकार के तहत नगरपालिका से जवाब मांगा. सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ कि 19 फरवरी 2020 को ठेकेदार गौरव रावत ने वार्ड नंबर 1 में आईटीआई के पीछे से गैस गोदाम तक नाले का निर्माण कार्य करवाया था. निर्माण अवर सहायक अभियंता महेंद्र पाल सिंह ने अधिशासी अधिकारी व नगर पालिका अध्यक्ष को बताया था कि ठेकेदार द्वारा नाली निर्माण के कार्य में उपयोग होने वाली सामग्री का आईआईटी रुड़की से तकनीकी परीक्षण कराया जाना चाहिये. बिना परीक्षण कराए ठेकेदार गौरव रावत का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए. लेकिन नगर पालिका दुगड्डा ने अवर अभियंता की दलील को दरकिनार कर ठेकेदार को लाखों रुपए का भुगतान कर दिया.

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नाली की मरम्मत में भारी अनियमितताएं.

वहीं, पूरे मामले पर आरटीआई कार्यकर्ता गिरीश चंद गौड़ ने बताया कि सूचना के अधिकार में खुलासा हुआ कि नाली का निर्माण नहीं करना था बल्कि केवल मरम्मत का कार्य था. दो हिस्सों में नाली की मरम्मत का काम किया जाना था. नाली की कुल लंबाई लगभग ढाई सौ मीटर है, मरम्मत कार्य की कुल लागत 25 लाख रुपये के आसपास है. आरटीआई में तकनीकी निरीक्षण करने वाले अपर सहायक अभियंता की जांच रिपोर्ट मांगी गई थी लेकिन नगर पालिका ने उपलब्ध नहीं करवाई.

पढ़ें- विधायक के बेटे पर लगा अपहरण का आरोप, देर रात कोतवाली में चला हाई वोल्टेज ड्रामा

जब निर्माण अपर सहायक अभियंता से इसकी सूचना मांगी गई तो उसमें खुलासा हुआ कि अवर सहायक अभियंता ने अधिशासी अधिकारी और नगर पालिका अध्यक्ष को स्पष्ट रूप से पत्र भेजकर निर्माण सामग्री की जांच के लिये कहा था. अब आरटीआई कार्यकर्ता इस संबंध में हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराएंगे.

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