कोटद्वार: बेस अस्पताल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में कुछ लोग, अस्पताल के डॉक्टर और कर्मचारी दिखाई दे रहे हैं. वीडियो में कुछ लोग मरे हुए इंसान का कोरोना टेस्ट किये जाने का विरोध कर रहे हैं. इतना ही नहीं वीडियो में एक व्यक्ति डॉक्टरों और कर्मचारियों पर भड़कते हुए देखा जा सकता है.
बता दें कि बेस अस्पताल से आये दिन मरीजों का वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड हो रहा है. कोटद्वार बेस हॉस्पिटल का ऐसा ही एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. वीडियो में एक मरीज के परिजन चिल्ला-चिल्ला कर कह रहें है कि 13 तारीख को कोटद्वार बेस हॉस्पिटल में एक मरीज को निमोनिया हुआ था. उसके सभी टेस्ट हुए हैं, कोविड जांच रिपोर्ट भी निगेटिव थी, समय से उपचार न मिलने के कारण उसकी मौत हुई है. मौत के तुरंत बाद हॉस्पिटल स्टॉफ मृत व्यक्ति का सैंपल कोविड जांच के लेने लगे.
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परिजनों का आरोप है कि जीते जी तो घरवाले चिल्लाते रहे कि टेस्ट कर लो, लेकिन हॉस्पिटल के स्टाफ ने टेस्ट नहीं किया. अब व्यक्ति के मरने के बाद कोविड टेस्ट किया जा रहा है. परिजनों ने अस्पताल प्रशासन से पूछा कि अब कोरोना टेस्ट की क्या जरूरत पड़ रही है? मगर अब अस्पताल प्रशासन इस मामले पर कोई जवाब नहीं दे रहा है.
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वहीं, जब इस संबंध में कोविड नोडल प्रभारी बेस हॉस्पिटल डॉक्टर सुनील शर्मा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस समय हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को कोविड से जोड़ कर ही देखा जा रहा है. भर्ती के दौरान चाहे उनकी रिपोर्ट निगेटिव हो, लेकिन उपचार के दौरान मृत्यु होते ही तो शव को परिजनों को देने से पहले कोरोना टेस्ट करना अनिवार्य है. बस परिजन इसी का विरोध कर रहे थे. यह सभी कार्य सुरक्षा की दृष्टि से किए जाते हैं.