श्रीनगर: उत्तराखंड कांग्रेस में मची अंदरुनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है. हाल में हुई प्रदेश संगठन की बैठक से भी इसी तरह की खबरें निकल कर आई थी. कांग्रेस में अंदरुनी कलह की एक बड़ी वजह पार्टी में गुटबाजी को माना जाता है. हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह हमेशा पार्टी के अंदर गुटबाजी और मनमुटाव की खबरों के नकारते रहे हैं, लेकिन कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की मानें तो पार्टी कई धड़ों में बंटी हुई है और जबतक कांग्रेस में खेमे बाजी खत्म नहीं होगी पार्टी को चुनाव में मजबूती नहीं मिलेगी.
किशोर उपाध्याय रविवार को श्रीनगर गढ़वाल पहुंचे थे, जहां उन्होंने पत्रकार वार्ता के इस बातों को कहा. किशोर ने कहा कि वह खेमेबाजी को खत्म करने का प्रयास कर रहे हैं. यही कारण है कि वे पूर्व मुख्य मंत्री हरीश रावत, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के लगातार संपर्क में है. कांग्रेस को दोबार से सत्ता में काबिज करने के लिए चारों एक साथ मिलकर काम करना होगा.
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किशोर ने कहा कि 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी नेताओं कुछ गलतियां हुई है, जिसका खामियाजा उन्हें भी उन्हें भुगतना पड़ा है. यदि ये कमियां न होती तो कांग्रेस 11 सीटों पर सिमट कर नहीं रह जाती है. लेकिन कांग्रेस कमजोर नहीं है.
किशोर के मुताबिक, उन्होंने कोरोना काल में करीब पांच हजार कार्यकर्ताओं से बात की है, सब ने उन्हें सलाह दी थी कि वे चारों एक हो जाए. यदि चारों एक हो जाएंगे तो कांग्रेस, बीजेपी को अच्छा जवाब दे सकती है. किशोर ने विश्वास जताया है कि उनके तीनों साथी (हरीश रावत, इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह) उनकी इन भावनों की समझेंगे. कांग्रेस और जनता की भावना का अनुसार साथ चलकर काम करेंगे.