पौड़ी: सरकारी धन गबन मामले में दो आरोपियों को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया है. ये दोनों आरोपी मुख्य कोषागार पौड़ी एवं उपकोषागार श्रीनगर से संबंधित हैं. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी हैं. पौड़ी पुलिस ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया है. वहीं, अब श्रीनगर पुलिस भी आरोप पत्र तैयार करने में जुटी हुई है.
पौड़ी कोतवाली में सहायक कोषाधिकारी राजेश कुमार की तहरीर पर 9 जनवरी को लेखा लिपिक नितिन रावत के खिलाफ और श्रीनगर उप कोषाधिकारी नंदन सिंह खत्री की तहरीर पर सुभाष के खिलाफ इसी साल 11 जनवरी को सरकारी धन के गबन, दस्तावेज गायब करने व उनके साथ छेड़छाड़ आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.
मुख्य कोषागार पौड़ी व उप कोषागार श्रीनगर में जनवरी 2022 को 53 लाख 97 हजार 779 रुपए के सरकारी धन के गबन का मामला सामने आया था, जिसमें मुख्य कोषागार पौड़ी में नियुक्त लेखा लिपिक नितिन रावत ने ₹15,36,362/- और श्रीनगर के कार्मिक सुभाष चंद्र ने ₹17,34,424/- के सरकारी धन का गबन किया गया था.
श्रीनगर में सहायक लेखाकार हरिदर्शन सिंह बिष्ट ने ₹21,26,993/- का गबन किया था. लेकिन उनकी एक वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है, तब डीएम ने मामले में कार्मिक नितिन रावत एवं सुभाष चंद्र को निलंबित करते हुए सीडीओ प्रशांत कुमार आर्य की अध्यक्षता में जांच टीम भी गठित की थी.
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वहीं, सीओ सदर पीएल टम्टा ने बताया कि पुलिस विवेचना में मुख्य कोषागार पौड़ी एवं उप कोषागार श्रीनगर में सरकारी धन के गबन के आरोपियों नितिन रावत व सुभाष चंद्र को भ्रष्टाचार में संलिप्त पाया गया है. पुलिस के पास मामले में पर्याप्त साक्ष्य हैं.
कोतवाली पौड़ी एवं श्रीनगर पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा जोड़ दी है. कोतवाली पौड़ी ने आरोपी नितिन के खिलाफ विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण देहरादून की अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया है, जबकि श्रीनगर पुलिस आरोप पत्र तैयार करने में जुटी हुई है, जिसे जल्द की कोर्ट में दाखिल किया जाएगा.