देहरादून: कुन्नूर में हेलीकॉप्टर दुर्घटना में CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत 13 लोगों की मौत हो गई है. जिसके बाद देश के हर कोने में शोक की लहर दौड़ गई है. सीडीएस बिपिन रावत की सलामती के लिए उनके गांव में भी लोग चिंतित दिखाई दे रहे थे, उनके निधन की खबर के बाद वे भी टूट गये हैं.
CDS बिपिन रावत के निधन के बाद उनके गांव सैंण में सन्नाटा पसरा हुआ है. गांव में हर तरफ खामोशी छाई हुई है. सभी की आंखों से आंसू छलक रहे हैं. यहां शोक की ऐसी लहर दौड़ी कि सभी मौजूद लोग बेजान से हो गए हैं. ऐसा लग रहा है जैसे अपने चहेते के गुजर जाने के बाद उनके दिल ने धड़कना और दिमाग ने काम करना बंद कर दिया हो. लोग CDS को याद करते हुए अपने आंसू रोक नहीं पा रहे हैं.
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CDS बिपिन रावत के परिजनों से जब इस बारे में बात की गई तो उनकी आंखें नम हो गईं. उन्होंने अभी इस घटना पर कुछ भी कहने से इनकार किया है. वहीं, अगर गांव की बात करें तो यहां के लोग भी लगातार टीवी सेट्स और सोशल मीडिया पर इस बाबत जानकारी ले रहे हैं. गांव के साथ ही क्षेत्र में हर कोई CDS बिपिन रावत के निधन की खबर से अजीब सी खामोशी छाई हुई है. लोग फेसबुक, ट्विटर सभी जगहों पर सीडीएस के निधन पर शोक संवेदनाएं प्रकट कर रहे हैं.
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उत्तराखंड से ताल्लुक रखते थे बिपिन रावत: CDS बिपिन रावत उत्तराखंड के रहने वाले थे. उनका जन्म पौड़ी गढ़वाल में हुआ था. सीडीएस बिपिन रावत पौड़ी, द्वारीखाल ब्लाक के सैंण गांव के मूल निवासी हैं. जनरल रावत के घर तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर का पहाड़ी रास्ता पैदल तय करना पड़ता है.
जनरल बिपिन रावत का परिवार दशकों पहले देहरादून शिफ्ट हो गया था, लेकिन उन्हें अपने पैतृक गांव सैंण से इतना लगाव है कि आज भी वह यहां आते जाते रहते हैं. गांव में उनके चाचा भरत सिंह रावत और उनका परिवार रहता है. उनकी पत्नी मधुलिका उत्तरकाशी जिले से हैं. वे 1978 से भारतीय सेना में अपनी सेवाएं दे रहे थे.