श्रीनगर: उत्तराखंड में ऊर्जा कर्मचारियों ने अपनी 14 सूत्रीय मांगों को लेकर 6 अक्टूबर से हड़ताल की घोषणा की है, तो वहीं, निगम प्रबंधन ने दूसरे राज्यों समेत बाकी विभागों से मदद लेने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. इसी कड़ी में टिहरी, पौड़ी, चमोली, उत्तरकाशी के विद्युत विभाग कर्मचारी श्रीनगर पहुंचे और सरकार के विरोध में जमकर नारेबाजी. सरकार की नीतियों से गुस्साए विद्युत कर्मियों ने श्रीनगर के मुख्य मार्गो से होते हुए विशाल रैली भी निकाली.
कब तक क्या हुआ: पौड़ी के श्रीनगर गढ़वाल में 132 केवी सब स्टेशन में ऊर्जा निगम के कर्मियों का जारी आंदोलन अब सत्याग्रह आंदोलन में तब्दील हो गया है. 14 सूत्रीय मांगों को लेकर इससे इससे कर्मचारियों ने 20 से 25 अगस्त तक कार्य बहिष्कार किया गया था. 26 और 27 अगस्त को कर्मचारियों ने टूल डाउन-पेन डाउन हड़ताल की थी. 27 अगस्त शाम को कर्मचारियों की ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत से मुलाकात हुई थी. मंत्री ने उनकी मांगों के लिए एक माह का आश्वासन दिया था. लेकिन, एक महीने बाद भी मांगें पूरी नहीं होने के बाद कर्मचारियों ने एक बार फिर आंदोलन की राह पकड़ ली है. अब कर्मियों ने 6 अक्टूबर से टूल डाउन-पेन डाउन हड़ताल पर जाने की बात कही है.
सरकार के बीच बैठक रही सकारात्मक: मुख्य सचिव एसएस संधू ने सोमवार शाम ऊर्जा कर्मचारियों से बातचीत की और बताया जा रहा है कि यह बातचीत सकारात्मक रही है. ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही ऊर्जा कर्मचारियों की मांगों को लेकर कोई हल निकल सकता है. वहीं, आज भी मुख्यसचिव ऊर्जा निगम के कर्मचारियों से बातचीत करेंगे. इस बैठक में कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत भी शामिल हो सकते हैं.
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एश्योर करियर प्रोग्रेस पर फंसा पेंचः ऊर्जा निगम कर्मचारियों की 14 सूत्रीय मांगे हैं, जिसमें से कई मांगों पर शासन ने बातचीत हो चुकी है और आश्वासन भी मिला है. लेकिन कर्मचारियों की एसीपी (एश्योर करियर प्रोग्रेस) की मांग पर अब भी पेंच फंसा हुआ है. ये मांग पूरा न होता देख कर्मचारी हड़ताल का रुख कर रहे हैं. बड़ी बात ये है कि ऊर्जा निगम में वॉक इन इंटरव्यू के जरिए जेई और एई की भर्ती की जा रही है, हालांकि यह भर्ती फिलहाल 11 महीने के लिए ही होगी.
एक तरफ ऊर्जा निगम प्रबंधन की तरफ से हड़ताल की स्थितियों को देखते हुए तैयारियां की जा रही हैं, दूसरी तरफ कर्मचारी भी हड़ताल के लिए अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं. खास बात ये है कि कुछ मांगों के पूरा होने की दशा में भी कर्मचारी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं.
श्रीनगर विद्युत वितरण खंड के अधिशासी अभियंता वाईएस तोमर ने ईटीवी भारत से बताया कि ऊर्जा निगम के सारे कर्मी लबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. सरकार की मंशा है कि कर्मियों को आंदोलन की तरफ झोंका जाए, जिससे आम जनता परेशान हों. उन्होंने कहा कि अभी कर्मी शांति पूर्वक सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. लेकिन अब 6 अक्टूबर को कर्मी पूरे प्रदेश में हड़ताल पर चले जाएंगे. जिसका सारा दोष प्रदेश सरकार का होगा. 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उतराखंड आ रहे है, जिसका वे स्वागत करते हैं, लेकिन सरकार के अड़ियल रवैये के कारण कर्मियों ने हड़ताल पर जाने का मन बना लिया है.