श्रीनगरः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विवि कर्मचारी संघर्ष समिति ने शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई न होने पर विवि प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का कहना है कि गढ़वाल विवि के केंद्रीय विश्वविद्यालय में परिवर्तित होने के बाद भी विवि में कार्यरत शिक्षणेत्तर कर्मचारियों की समस्या का सामधान नहीं हो पाया है. मांगों को लेकर वो कई बार विवि प्रशासन से मिल चुके हैं. विवि से मौखिक और लिखित आश्वासन मिलने के बाद भी अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.
शिक्षणेत्तर कर्मचारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द से जल्द मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती है तो गढ़वाल विवि कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारी सत्याग्रह के लिए मजबूर होंगे. इस संदर्भ में गढ़वाल विश्वविद्यालय की कुलपति को भेजे ज्ञापन में गढ़वाल विवि कर्मचारी संघर्ष समिति के अध्यक्ष डॉ. देवेंद्र सिंह फर्स्वाण, उपाध्यक्ष कमलेश नैथानी, महासचिव सुनील रावत ने कहा कि लंबे समय से विवि में कार्यरत समस्त दैनिक वेतन कर्मियों की रिक्त पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है. उन्होंने दैनिक वेतन कर्मियों की नियुक्ति तिथि से समायोजन किए जाने की मांग की है.
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इसके अलावा न्यायालय में विचाराधीन मामलों को छोड़कर अन्य सभी वर्ग के कर्मचारियों और एमटीएस को लेकर अनुभागीय अधिकारी के पदों को ग्रुप ए के अनुसार आंतरिक पदोन्नति के जरिए भरे जाने, रेशनलाइजेशन कमेटी गठन हेतु यूजीसी को प्रस्ताव भेजकर कर अन्य कर्मचारियों को भी न्याय दिए जाने, विवि में कार्यरत सभी 16 साल की सेवा पूरी कर चुके एलडीसी कर्मिकों को 4200 का ग्रेड पे निर्गत करने की मांग की. साथ ही विवि में कार्यरत कर्मचारी, जिनकी मृत्यु सेवाकाल के दौरान हो गई है, उनके आश्रितों को आउटसोर्स के माध्यम से नियुक्ति दिए जाने को कहा.
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वहीं, प्रयोगशाला में कार्यरत समूह ग के कर्मचारियों को प्रयोगशाला के पदों पर पदोन्नत किए जाने और विवि के अधीन एक केंद्रीय विद्यालय खोले जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि यदि जल्द उनकी मांगों पर अमल नहीं होता है तो वो सत्याग्रह आंदोलन के लिए विवश होंगे. ज्ञापन सौंपने वालों में समिति के सह सचिव राजेंद्र सिंह रावत, संगठन मंत्री बृजमोहन शाह, कोषाध्यक्ष मयंक जोशी, मीडिया प्रभारी संजीव तोमर आदि शामिल रहे.