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कोटद्वार में हाथियों का आतंक, रौंदी काश्तकारों की फसल - wild elephants in Kotdwar

काश्तकार रामप्रसाद ने बताया कि रात के 11 हाथियों का झुंड उनके खेतों में घुसा. जिसके बाद हाथियों ने गेहूं की फसल को रौंदा. ग्रामीण जंगल से सटे इलाकों में सुरक्षा दीवार बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं.

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कोटद्वार में हाथियों का आतंक
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Published : Mar 6, 2020, 4:33 PM IST

कोटद्वार: शहर के वॉर्ड नंबर 37 में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां आए दिन हाथी जंगलों से निकलकर काश्तकारों की खेती को बर्बाद कर रहे हैं. बीते 2 दिनों से लगातार देर रात हाथियों का झुंड झंडीचौड़ पश्चिमी में काश्तकारों के खेत में घुसकर गेहूं की फसल को रौंद रहे हैं. काश्तकारों ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है.

काश्तकार रामप्रसाद ने बताया कि रात के 11 हाथियों का झुंड उनके खेतों में घुसा. जिसके बाद हाथियों ने गेहूं की फसल को रौंदा. ग्रामीण जंगल से सटे इलाकों में सुरक्षा दीवार बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं. मगर वन विभाग के अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं. फसल बर्बाद होने से काश्तकारों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है. यहां हाथी सहित अन्य जंगली जानवर भी आए दिन घुसकर काश्तकारों की खेती को बर्बाद कर रहे हैं. जिसके कारण काश्तकार वन विभाग से फसल सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

पढ़ें- हल्द्वानी के हर्बल कलर देश विदेश में बने पहली पसंद, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करती हैं तैयार

वहीं, इस मामले में लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने कहा कि वन विभाग की टीम लगातार वन क्षेत्र में गश्त कर रही है. उन्होंने कहा आजकल कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया हुआ है. जिसके कारण कुछ दिक्कतें सामने आ रही हैं. जैसे ही कर्मचारियों का धरना प्रर्दशन खत्म होता है, तो शीघ्र ही जंगली जानवरों से किसानों की फसल की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी जाएगी.

कोटद्वार: शहर के वॉर्ड नंबर 37 में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां आए दिन हाथी जंगलों से निकलकर काश्तकारों की खेती को बर्बाद कर रहे हैं. बीते 2 दिनों से लगातार देर रात हाथियों का झुंड झंडीचौड़ पश्चिमी में काश्तकारों के खेत में घुसकर गेहूं की फसल को रौंद रहे हैं. काश्तकारों ने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है.

काश्तकार रामप्रसाद ने बताया कि रात के 11 हाथियों का झुंड उनके खेतों में घुसा. जिसके बाद हाथियों ने गेहूं की फसल को रौंदा. ग्रामीण जंगल से सटे इलाकों में सुरक्षा दीवार बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं. मगर वन विभाग के अधिकारी सुध लेने को तैयार नहीं हैं. फसल बर्बाद होने से काश्तकारों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ा है. यहां हाथी सहित अन्य जंगली जानवर भी आए दिन घुसकर काश्तकारों की खेती को बर्बाद कर रहे हैं. जिसके कारण काश्तकार वन विभाग से फसल सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

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वहीं, इस मामले में लैंसडाउन वन प्रभाग के डीएफओ अखिलेश तिवारी ने कहा कि वन विभाग की टीम लगातार वन क्षेत्र में गश्त कर रही है. उन्होंने कहा आजकल कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार किया हुआ है. जिसके कारण कुछ दिक्कतें सामने आ रही हैं. जैसे ही कर्मचारियों का धरना प्रर्दशन खत्म होता है, तो शीघ्र ही जंगली जानवरों से किसानों की फसल की सुरक्षा के लिए गश्त बढ़ा दी जाएगी.

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