श्रीनगरः सूबे के स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत के गृह विधानसभा श्रीनगर स्थित उप जिला अस्पताल में अजब-गजब हालात देखने को मिले. यहां एक डॉक्टर ओपीडी रूम के अभाव में बरामदे में ही मरीजों को देखने के लिए बैठ गया. दरअसल, पीड़ित डॉक्टर अंकित गैरोला ने अस्पताल प्रबंधन पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप भी लगाया है.
दरअसल, डॉक्टर अंकित गैरोला (Dr Ankit Garola) पिछले एक साल से राजकीय उप जिला चिकित्सालय श्रीनगर में तैनात है. वो पिछले एक साल से ही अस्पताल की ओपीडी में बैठ कर मरीजों की स्वास्थ्य जांच करते हैं और परामर्श देते हैं, लेकिन अब उनसे ओपीडी कक्ष छीन लिया गया है. डॉक्टर अंकित गैरोला के मुताबिक, उन्हें संयुक्त अस्पताल के सीएमएस की ओर से अचानक ओपीडी खाली करने का आदेश दिया गया. जिसके बाद वो अस्पताल परिसर के बाहर ही मरीजों को देखने (Dr Ankit Gairola treating patients) लगे.
डॉक्टर अंकित गैरोला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें जबरदस्ती 12-12 घंटे काम करवाया जा रहा है. कभी उन्हें ओपीडी करने के आदेश दिए जाते हैं तो कभी उनकी ड्यूटी इमरजेंसी में लगा दी जाती है. अब तो उन्हें ओपीडी रूम भी नहीं दिया जा रहा है, लेकिन वो बिना रूम के ही मरीजों को देख रहे हैं. उनकी प्राथमिकता मरीजों को देखना है, क्योंकि जिन मरीजों का इलाज उनकी देखरेख में हो रहा है. वो रूटीन चेकअप पर आ रहे हैं. ऐसे में वो मरीजों को देख रहे हैं.
वहीं, संयुक्त अस्पताल श्रीनगर (Combined Hospital Srinagar) की प्रभारी सीएमएस डॉक्टर हेमा बुटोला का कहना है कि उनके संज्ञान में आया है कि संबंधित डॉक्टर अस्पताल के बाहर ओडीपी देख रहे हैं. उन्हें कहा कि जल्द इस मामले को सुलझा दिया जाएगा. साथ में उन्होंने कहा कि डॉक्टर अंकित गैरोला की मूल तैनाती ईएमओ पद पर है. जिसके चलते उन्हें अपनी सेवाएं इमरजेंसी में ही देनी होगी. उनके ओपीडी रूम में नए ईएनटी एक्सपर्ट डॉक्टर को रूम दिया गया है.
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