ETV Bharat / state

ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग के बीच 37 क्रोनिक जोन का होगा ट्रीटमेंट, 10 के डीपीआर को मिली मंजूरी

author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 18, 2023, 10:56 AM IST

Updated : Dec 18, 2023, 3:55 PM IST

Treatment of landslide zone will be done on Rishikesh Badrinath NH उत्तराखंड में ऋषिकेश से बदरीनाथ जाने वाले नेशनल हाईवे 58 पर करीब 37 स्थान ऐसे हैं जो बरसात में लैंड स्लाइड की चपेट में आकर ट्रैफिक बाधित करते हैं. लोक निर्माण विभाग खंड नेशनल हाईवे और टीएचडीसी ने मिलकर 27 क्रोनिक जोन की डीपीआर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय को भेजी थी. इनमें से 10 के डीपीआर को मंजूरी मिल गई है. अब जल्द इन डेंजर जोन का ट्रीटमेंट शुरू हो जाएगा. कोशिश है कि बरसात से पहले ट्रीटमेंट वर्क पूरा कर लिया जाए, जिससे मानसून की बारिश नासूर न बना पाए.

Rishikesh Badrinath NH
श्रीनगर समाचार
नेशनल हाइवे 58 पर 37 क्रोनिक जोन का होगा ट्रीटमेंट.

श्रीनगर: नेशनल हाइवे 58 पर मॉनसून के दौरान पहाड़ी से गिरने वाले बोल्डर, मलबे से हर कोई परेशान रहता है. हालात ऐसे होते हैं कि सिरोबगड़, चमधार, मूल्यागाव, पंतनगर, तोता घाटी और तीन धारा के आस पास पहाड़ी से मलबा गिरने से 8 से 10 घंटे तक हाईवे बंद हो जाता है. इससे बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों सहित लोकल यात्री जाम में फंस कर परेशान होते हैं.

लैंड स्लाइड वाले क्रोनिक जोन चयनित: अब इन मुसीबतों से राहत मिलने वाली है. इसके लिए एनएच खंड लोक निर्माण विभाग ने ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 37 ऐसे क्रोनिक जोन का चयन किया है, जहां बरसात के दिनों में लैंड स्लाइड होता है. लैंड स्लाइड ना हो, इसके लिए टीएचडीसी के साथ मिलकर इन 37 जगहों के ट्रीटमेंट के लिए प्लान बनाया है. इनमें से 27 की डीपीआर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजी गई है. इनमें से 10 जगहों में होने वाले ट्रीटमेंट के लिए मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है. अब इन 10 जगहों में मानसून से पहले कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

10 क्रोनिक जोन के डीपीआर को मंजूरी: मानसून के दौरान ये 37 जगहें आम से लेकर खास लोगों के लिए परेशानी का सबब रहती हैं. इन जगहों में बरसात में कभी भी पहाड़ियां दरक कर सड़क पर आ जाती हैं. जिससे हाईवे कई कई घंटे तक बंद रहता है. अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 10 डेंजर जोन की डीपीआर को हरी झंडी दे दी है. विभाग ने 27 जगहों की डिपीआर मंत्रालय को भेजी थी. उम्मीद है कि बाकी को सेकेंड फेज में हरी झंडी मिल जाएगी. इन सभी जगहों पर टीएचडीसी ने स्पेशल प्लान बनाया है. इसमें पहाड़ियों पर शॉर्ट ट्रिटिंग, वाया मेंस, स्लोप ड्रिल एंकर का कार्य किया जाना है, जिससे इनमें लैंड स्लाइड की घटनाओं पर रोक लग सकेगी.

बरसात से पहले शुरू होगा ट्रीटमेंट: लोक निर्माण विभाग खंड नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता तनुज कम्बोज ने बताया कि ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 37 जगहों का सर्वे किया गया था, जहां बरसात के दिनों में लैंड स्लाइड होता है. जिसके लिए टीएचडीसी के साथ मिलकर इनके ट्रीटमेंट प्लान बनाये गए हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय को 27 जगहों के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर भेजी गई थी. जिसमें से मंत्रालय ने 10 डिपीआर को हरी झंडी दे दी है. विभाग ने इन 10 जगहों के लिए टेंडर प्रकिया शुरू कर दी है. बरसात से पहले इन पर काम शुरू किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: बदरीनाथ NH पर नरकोटा में बन रहा उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर ब्रिज, सिरोबगड़ के जाम से मिलेगी निजात, मई 2024 तक होगा शुरू

नेशनल हाइवे 58 पर 37 क्रोनिक जोन का होगा ट्रीटमेंट.

श्रीनगर: नेशनल हाइवे 58 पर मॉनसून के दौरान पहाड़ी से गिरने वाले बोल्डर, मलबे से हर कोई परेशान रहता है. हालात ऐसे होते हैं कि सिरोबगड़, चमधार, मूल्यागाव, पंतनगर, तोता घाटी और तीन धारा के आस पास पहाड़ी से मलबा गिरने से 8 से 10 घंटे तक हाईवे बंद हो जाता है. इससे बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जाने वाले यात्रियों सहित लोकल यात्री जाम में फंस कर परेशान होते हैं.

लैंड स्लाइड वाले क्रोनिक जोन चयनित: अब इन मुसीबतों से राहत मिलने वाली है. इसके लिए एनएच खंड लोक निर्माण विभाग ने ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 37 ऐसे क्रोनिक जोन का चयन किया है, जहां बरसात के दिनों में लैंड स्लाइड होता है. लैंड स्लाइड ना हो, इसके लिए टीएचडीसी के साथ मिलकर इन 37 जगहों के ट्रीटमेंट के लिए प्लान बनाया है. इनमें से 27 की डीपीआर केंद्रीय परिवहन मंत्रालय को भेजी गई है. इनमें से 10 जगहों में होने वाले ट्रीटमेंट के लिए मंत्रालय ने हरी झंडी दे दी है. अब इन 10 जगहों में मानसून से पहले कार्य शुरू कर दिया जाएगा.

10 क्रोनिक जोन के डीपीआर को मंजूरी: मानसून के दौरान ये 37 जगहें आम से लेकर खास लोगों के लिए परेशानी का सबब रहती हैं. इन जगहों में बरसात में कभी भी पहाड़ियां दरक कर सड़क पर आ जाती हैं. जिससे हाईवे कई कई घंटे तक बंद रहता है. अब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 10 डेंजर जोन की डीपीआर को हरी झंडी दे दी है. विभाग ने 27 जगहों की डिपीआर मंत्रालय को भेजी थी. उम्मीद है कि बाकी को सेकेंड फेज में हरी झंडी मिल जाएगी. इन सभी जगहों पर टीएचडीसी ने स्पेशल प्लान बनाया है. इसमें पहाड़ियों पर शॉर्ट ट्रिटिंग, वाया मेंस, स्लोप ड्रिल एंकर का कार्य किया जाना है, जिससे इनमें लैंड स्लाइड की घटनाओं पर रोक लग सकेगी.

बरसात से पहले शुरू होगा ट्रीटमेंट: लोक निर्माण विभाग खंड नेशनल हाईवे के अधिशासी अभियंता तनुज कम्बोज ने बताया कि ऋषिकेश से लेकर रुद्रप्रयाग तक 37 जगहों का सर्वे किया गया था, जहां बरसात के दिनों में लैंड स्लाइड होता है. जिसके लिए टीएचडीसी के साथ मिलकर इनके ट्रीटमेंट प्लान बनाये गए हैं. सड़क परिवहन मंत्रालय को 27 जगहों के ट्रीटमेंट के लिए डीपीआर भेजी गई थी. जिसमें से मंत्रालय ने 10 डिपीआर को हरी झंडी दे दी है. विभाग ने इन 10 जगहों के लिए टेंडर प्रकिया शुरू कर दी है. बरसात से पहले इन पर काम शुरू किया जाएगा.
ये भी पढ़ें: बदरीनाथ NH पर नरकोटा में बन रहा उत्तराखंड का पहला सिग्नेचर ब्रिज, सिरोबगड़ के जाम से मिलेगी निजात, मई 2024 तक होगा शुरू

Last Updated : Dec 18, 2023, 3:55 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.