श्रीनगर: पौड़ी बस दुर्घटना (Pauri bus accident) में 33 लोगों की जान जाने के बाद अब पौड़ी जिला प्रशासन (Pauri District Administration) की नींद टूटी है. प्रशासन वाहनों और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर हरकत में आया है. दरअसल, बस दुर्घटना के बाद आरटीओ की तकनीकी टीम ने हादसे वाले क्षेत्र का मुआयना किया. जिसमें दुर्घटना का कारण प्रथम दृष्टि वाहन पर चालक के नियंत्रण खोने की वजह बताई जा रही है.
पौड़ी आरटीओ अनिता चंद ने कहा तकनीकी टीम ने मौके पर जाकर रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है. घटनास्थल पर देखा गया है कि यहां सड़क काफी पतली है और कई स्थानों पर सुरक्षा मानक भी पूरे नहीं किए गए हैं. हालांकि, सड़क दुर्घटना का मुख्य जो कारण प्रतीत हो रहा है कि चालक ने बस से नियंत्रण खो दिया होगा.
वहीं, जिलाधिकारी पौड़ी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने कहा उन्होंने कहा लोक निर्माण विभाग और पीएमजीएसवाई के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया है. डीएम ने अधिकारियों को सड़कों के चौड़ीकरण, डामरीकरण और सुरक्षा मानकों को पूरा करने के लिए प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने को कहा है. ताकि जनपद की सड़कों के सुधारीकरण का कार्य शुरू हो सके.
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डीएम ने कहा इसके साथ ही प्राथमिकता के आधार पर क्रैश बैरियर और सड़क डामरीकरण का कार्य करवाया जाएगा. इस पूरी घटना के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश भी दिए गए हैं. जिसमें एसडीएम थलीसैंण को जांच अधिकारी नामित किया गया है.
वहीं, कांग्रेस जिला अध्यक्ष विनोद नेगी ने कहा सड़क हादसों के बाद ही जिला प्रशासन जाग रहा है. पहाड़ों में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए बहुत जरूरी है कि रोड का चौड़ीकरण और उनके डामरीकरण पर समय-समय पर मॉनिटरिंग की जाए. इसके साथ ही जिन स्थानों पर तीव्र मोड है, वहां पर क्रैश बैरियर लगाया जाएं.
उन्होंने कहा जिला प्रशासन सड़क सुरक्षा की समय-समय पर बैठक तो लेती है, लेकिन धरातल पर उन समस्याओं को समाधान करने के लिए तत्परता से निर्णय नहीं लिए जा रहे हैं. जिसका परिणाम है कि पहाड़ों में लगातार सड़क हादसे हो रहे हैं.