कोटद्वार: तहसील क्षेत्र अतिवृष्टि और बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. 15 दिन बीतने के बाद भी आपदा प्रभावितों को सरकार द्वारा प्रस्तावित आपदा मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में रतनपुर निवासी तहसील कार्यालय पहुंचे और उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्होंने प्रभावित 35-40 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग उठाई.
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भीषण आपदा से कुल 160 परिवार प्रभावित: बता दें कि 8-9 अगस्त को कोटद्वार सनेह पट्टी रतनपुर के बहेड़ा स्रोत के उफान में 8-9 घर बह गए, जबकि 12-13 अगस्त की आपदा में 16 से 17 मकान बह गए हैं. अन्य मकानों के लिए नदी का खतरा बढ़ता देख तहसील प्रशासन ने मकान खाली करवा दिए हैं. भीषण आपदा से कोटद्वार में कुल 160 परिवार प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के कारण कोटद्वार में बहने वाली नदियां उफान हैं.
रतनपुर के प्रभावित लोगों ने अनदेखी का लगाया आरोप: आपदा प्रभावित लोगों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने एक व दो दिन के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद प्रभावितों की मदद के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों के लिए प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया नहीं करवा रहा है. जिससे प्रभावित लोगों के बच्चों को बीमारी ने जकड़ लिया है.
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