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कोटद्वार तहसील कार्यालय पहुंचे आपदा प्रभावित, विस्थापन की उठाई मांग

Disaster affected families protest in Kotdwar कोटद्वार में आपदा प्रभावित लोग आज तहसील ऑफिस पहुंचे और उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इसी बीच उन्होंने उप जिलाधिकारी से मांग उठाई कि हमें कहीं रहने के लिए भूमि उपलब्ध करवा दी जाए. हम झोपड़ी और टेंट बनाकर अपना जीवन यापन कर लेंगे.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 23, 2023, 3:51 PM IST

Updated : Aug 23, 2023, 4:33 PM IST

कोटद्वार तहसील कार्यालय पहुंचे आपदा प्रभावित

कोटद्वार: तहसील क्षेत्र अतिवृष्टि और बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. 15 दिन बीतने के बाद भी आपदा प्रभावितों को सरकार द्वारा प्रस्तावित आपदा मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में रतनपुर निवासी तहसील कार्यालय पहुंचे और उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्होंने प्रभावित 35-40 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग उठाई.

ये भी पढ़ें: जलभराव की समस्या से परेशान लोगों ने नगर निगम ऋषिकेश में दिया धरना, आंदोलन की दी चेतावनी

भीषण आपदा से कुल 160 परिवार प्रभावित: बता दें कि 8-9 अगस्त को कोटद्वार सनेह पट्टी रतनपुर के बहेड़ा स्रोत के उफान में 8-9 घर बह गए, जबकि 12-13 अगस्त की आपदा में 16 से 17 मकान बह गए हैं. अन्य मकानों के लिए नदी का खतरा बढ़ता देख तहसील प्रशासन ने मकान खाली करवा दिए हैं. भीषण आपदा से कोटद्वार में कुल 160 परिवार प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के कारण कोटद्वार में बहने वाली नदियां उफान हैं.

रतनपुर के प्रभावित लोगों ने अनदेखी का लगाया आरोप: आपदा प्रभावित लोगों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने एक व दो दिन के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद प्रभावितों की मदद के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों के लिए प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया नहीं करवा रहा है. जिससे प्रभावित लोगों के बच्चों को बीमारी ने जकड़ लिया है.
ये भी पढ़ें: पुनर्वास की मांग को लेकर टिहरी झील के किनारे धरने पर बैठे ग्रामीण, प्रशासन को दी ये चेतावनी

कोटद्वार तहसील कार्यालय पहुंचे आपदा प्रभावित

कोटद्वार: तहसील क्षेत्र अतिवृष्टि और बादल फटने से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है. 15 दिन बीतने के बाद भी आपदा प्रभावितों को सरकार द्वारा प्रस्तावित आपदा मदद नहीं मिल पा रही है. ऐसे में रतनपुर निवासी तहसील कार्यालय पहुंचे और उप जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और उन्होंने प्रभावित 35-40 परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग उठाई.

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भीषण आपदा से कुल 160 परिवार प्रभावित: बता दें कि 8-9 अगस्त को कोटद्वार सनेह पट्टी रतनपुर के बहेड़ा स्रोत के उफान में 8-9 घर बह गए, जबकि 12-13 अगस्त की आपदा में 16 से 17 मकान बह गए हैं. अन्य मकानों के लिए नदी का खतरा बढ़ता देख तहसील प्रशासन ने मकान खाली करवा दिए हैं. भीषण आपदा से कोटद्वार में कुल 160 परिवार प्रभावित हुए हैं. भारी बारिश के कारण कोटद्वार में बहने वाली नदियां उफान हैं.

रतनपुर के प्रभावित लोगों ने अनदेखी का लगाया आरोप: आपदा प्रभावित लोगों ने बताया कि तहसील प्रशासन ने एक व दो दिन के लिए रहने व खाने की व्यवस्था की, लेकिन उसके बाद प्रभावितों की मदद के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा. उन्होंने बताया कि आपदा प्रभावितों के लिए प्रशासन स्वास्थ्य सुविधा भी मुहैया नहीं करवा रहा है. जिससे प्रभावित लोगों के बच्चों को बीमारी ने जकड़ लिया है.
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Last Updated : Aug 23, 2023, 4:33 PM IST
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