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कोटद्वार: क्या ऐसे बनेगा डिजिटल इंडिया, ब्लॉक मुख्यालय में ही नहीं मोबाइल नेटवर्क

पौड़ी जिले के दुगड्डा और द्वारीखाल ब्लॉक में सेल्युलर नेटवर्क तक नही हैं. इस वजह से ब्लॉक मुख्यालय में अधिकारियों व कर्मचारियों को फोन पर बात करने के लिए कार्यालय से दूर जाना पड़ता है.

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Published : Sep 3, 2020, 6:43 PM IST

Updated : Sep 3, 2020, 7:54 PM IST

कोटद्वारः केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया की ढोल पीटकर दुनियाभर में वाहवाही लूट रही है. सरकार कह रही है कि 21 सदी डिजिटल युग है, जिसमें गांवों से शहरों को जोड़कर एक नए भारत की कहानी लिखी जा रही है. लेकिन, सूबे में डिजिटल इंडिया दूर की कौड़ी है. हम यहां दूरस्थ गांवों की बात नहीं कर रहे, मैदानी इलाकों में भी डिजिटल इंडिया के दावों की पोल खुल रही है. हालत ये है कि ब्लॉक मुख्यालय तक में अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन पर बात करने के लिए कार्यालय से दूर जाना पड़ता है.

कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

जिन ब्लॉकों से न्याय पंचायत और ग्राम पंचायतों का विकास का ढांचा तैयार किया जाता है, अगर वही नेटवर्क जैसी सुविधाओं से वंचित हो तो डिजिटल युग के दावे पर इससे बड़ा तमाचा और क्या होगा? पौड़ी जिले के द्वारीखाल व दुगड्डा ब्लॉक में सेल्यूलर नेटवर्क न होने के कारण अधिकारियों- कर्मचारियों का जनप्रतिनिधियों से संपर्क नहीं हो पाता. उच्चाधिकारियों से फोन पर बात करने के लिए उन्हें मुख्यालय से सड़क पर निकलना पड़ता है. अब सोचने वाली बात ये है कि ऐसे में ब्लॉक मुख्यालय से ग्राम और न्याय पंचायतों के विकास का ढ़ांचा कैसे तैयार हो पाएगा?

पढ़ेंः गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का ढांचा बना रहा है उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड

यमकेश्वर विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी रितु खंडूड़ी ने जीओ और बीएसएनल के माध्यम से ऐसे स्थानों पर टॉवर लगवाने की बात कही हैं, जहां नेटवर्क नहीं आते. जाएंगे जहां पर नेटवर्क नहीं है, ताकि ब्लॉक मुख्यालय और ग्राम पंचायतों को दूरसंचार से जोड़ा जाए.

रितु खंडूड़ी का कहना है कि जहां तक इंटरनेट कनेक्शन की बात है, राज्य सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है. इंटरनेट कनेक्शनों के लिए केंद्र सरकार से फंड भी आया है. जल्द ही हम नेट कनेक्शन हॉप करके ब्लॉक मुख्यालय तहसीलों में लगाएंगे. जहां तक सेल्युलर नेटवर्क की बात है हमें उसके लिए टॉवर्स की जरूरत होगी, उसके लिए हम प्रयासरत हैं.

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के माध्यम से भी हम यमकेश्वर क्षेत्र में टॉवर लगाने की कोशिश कर रहे हैं. जिओ कंपनी से भी हमें कुछ पहाड़ों के लिए टॉवर मिले हैं. लेकिन थोड़ी सी परेशानी ये है कि जिओ बिजनेस मॉडल पर काम करता है. इसलिए मामले में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को अवगत कराया है. सांसद ने आश्वासन दिया है कि वह केंद्र सरकार तक इस बात को पहुंचाएंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि यमकेश्वर विधानसभा में टॉवर लगवाए जाए.

कोटद्वारः केंद्र सरकार डिजिटल इंडिया की ढोल पीटकर दुनियाभर में वाहवाही लूट रही है. सरकार कह रही है कि 21 सदी डिजिटल युग है, जिसमें गांवों से शहरों को जोड़कर एक नए भारत की कहानी लिखी जा रही है. लेकिन, सूबे में डिजिटल इंडिया दूर की कौड़ी है. हम यहां दूरस्थ गांवों की बात नहीं कर रहे, मैदानी इलाकों में भी डिजिटल इंडिया के दावों की पोल खुल रही है. हालत ये है कि ब्लॉक मुख्यालय तक में अधिकारियों और कर्मचारियों को फोन पर बात करने के लिए कार्यालय से दूर जाना पड़ता है.

कैसे बनेगा डिजिटल इंडिया?

जिन ब्लॉकों से न्याय पंचायत और ग्राम पंचायतों का विकास का ढांचा तैयार किया जाता है, अगर वही नेटवर्क जैसी सुविधाओं से वंचित हो तो डिजिटल युग के दावे पर इससे बड़ा तमाचा और क्या होगा? पौड़ी जिले के द्वारीखाल व दुगड्डा ब्लॉक में सेल्यूलर नेटवर्क न होने के कारण अधिकारियों- कर्मचारियों का जनप्रतिनिधियों से संपर्क नहीं हो पाता. उच्चाधिकारियों से फोन पर बात करने के लिए उन्हें मुख्यालय से सड़क पर निकलना पड़ता है. अब सोचने वाली बात ये है कि ऐसे में ब्लॉक मुख्यालय से ग्राम और न्याय पंचायतों के विकास का ढ़ांचा कैसे तैयार हो पाएगा?

पढ़ेंः गंगोत्री और यमुनोत्री धाम का ढांचा बना रहा है उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड

यमकेश्वर विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी की बेटी रितु खंडूड़ी ने जीओ और बीएसएनल के माध्यम से ऐसे स्थानों पर टॉवर लगवाने की बात कही हैं, जहां नेटवर्क नहीं आते. जाएंगे जहां पर नेटवर्क नहीं है, ताकि ब्लॉक मुख्यालय और ग्राम पंचायतों को दूरसंचार से जोड़ा जाए.

रितु खंडूड़ी का कहना है कि जहां तक इंटरनेट कनेक्शन की बात है, राज्य सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है. इंटरनेट कनेक्शनों के लिए केंद्र सरकार से फंड भी आया है. जल्द ही हम नेट कनेक्शन हॉप करके ब्लॉक मुख्यालय तहसीलों में लगाएंगे. जहां तक सेल्युलर नेटवर्क की बात है हमें उसके लिए टॉवर्स की जरूरत होगी, उसके लिए हम प्रयासरत हैं.

उन्होंने कहा कि बीएसएनएल के माध्यम से भी हम यमकेश्वर क्षेत्र में टॉवर लगाने की कोशिश कर रहे हैं. जिओ कंपनी से भी हमें कुछ पहाड़ों के लिए टॉवर मिले हैं. लेकिन थोड़ी सी परेशानी ये है कि जिओ बिजनेस मॉडल पर काम करता है. इसलिए मामले में गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को अवगत कराया है. सांसद ने आश्वासन दिया है कि वह केंद्र सरकार तक इस बात को पहुंचाएंगे और पूरी कोशिश करेंगे कि यमकेश्वर विधानसभा में टॉवर लगवाए जाए.

Last Updated : Sep 3, 2020, 7:54 PM IST
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