पौड़ी: मंडल मुख्यालय से 45 किलोमीटर दूर बनेलस्युं पट्टी में स्थित डांडानागराजा मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण को अद्वितीय रूप में पूजा जाता है. इस मंदिर में लोग दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं. यहां के लोगों की एक पत्थर से अनोखी मान्यता जुड़ी है, जिसको वह भगवान श्रीकृष्ण का स्वरूप मानकर पूजते हैं.
मान्यता के अनुसार, मंदिर के पास बसे लसेरा गांव की एक गाय रोजाना एक पत्थर को दूध से नहलाकर वापस घर को चली जाती थी. गाय का मालिक इस बात को देखकर आश्चर्यचकित था कि पूरे दिन भरपेट घास खाने के बाद भी गाय दूध क्यों नहीं दे रही है. इसका कारण जानने के लिए एक दिन गाय का पीछा करते हुए मालिक जब जंगल पहुंचा तो गाय द्वारा पत्थर को दूध देते हुए देखकर उसने उस पत्थर पर डंडे से प्रहार किया तो तुरंत ही वहां नाग प्रकट हो गया. तब से यहां पर नाग देवता की पूजा की जाती है. लोगों का मानना है कि कृष्ण भगवान अपने अद्वितीय रूप में यहां पर विराजमान हैं.
लोगों का यह भी मानना है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने अद्वितीय रूप में यहां पर विराजमान हैं. भक्त मंदिर में घंटी चढ़ाकर सच्चे मन से मनोकामना मांगते हैं. साथ ही जिन भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है, वह भगवान को घंटी अर्पित करते हैं. इस मंदिर में भगवान को दूध और प्रसाद के रूप में गुड़ चढ़ाया जाता है. हर साल बैसाखी के दूसरे दिन यहां पर भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है.