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पौड़ी जिले में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम, इन बातों का रखेंगे ख्‍याल तो बचे रहेंगे!

पौड़ी जिले में साइबर अपराध (cyber crime in pauri district) में वृद्धि हुई है. साल 2021 में साइबर क्राइम के 385 अपराध पंजीकृत किये गये. साल 2022 में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक 424 मामले दर्ज किये गये.

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पौड़ी जिले में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम
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Published : Nov 24, 2022, 5:21 PM IST

पौड़ी: जनपद में सामान्य अपराध की अपेक्षा साइबर क्राइम (increase in cyber crime in pauri district) में इजाफा हो रहा है. जनपद पौड़ी की साइबर सेल पुलिस (Cyber Cell Police of Pauri) टीम की मानें हर रोज जिले में तीन से चार साइबर अपराध के मामले सामने आ रहे हैं. जनपद साइबर सेल के आंकड़े बताते हैं की साल 2021 में साइबर क्राइम के 385 अपराध पंजीकृत किये गये. साल 2022 में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक 424 मामले दर्ज किये गये. पौड़ी साइबर क्राइम पुलिस अपराध को कम करने लिए सरकारी और निजी स्कूलों में कार्यक्रम कर रही है. इसके माध्यम से लोगों, युवाओं को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है.

उत्तराखंड की शान्त वादियों में सामान्य के बजाय दो वर्षों में साइबर अपराध में लगातार वृद्धि हुई है. जिला पौड़ी कभी अपराध की श्रेणी सबसे निचले पायदान पर होता था, लेकिन पौड़ी की शान्त पहाड़ियों में सामान्य अपराध से अधिक साइबर क्राइम में वृद्धि हुई है‌. साइबर सेल पुलिस टुकड़ी के लिए साइबर अपराध चुनौती बन रहा है.

पौड़ी जिले में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम.

पढ़ें- Cyber Crime in India: साइबर क्राइम में टॉप 10 देशों में भारत, एक्सपर्ट से जानें ठगी से बचने का उपाय

साइबर सेल ने वर्ष 2021 में 385 साइबर अपराध पंजीकृत कर लोगों से ठगी के 2553900 रुपये बैंक खातों में वापस लोटाये हैं. साल 2022 में 1 जनवरी से 30 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 424 साइबर अपराध के मामले दर्ज कर 5327428 रुपये आवेदकों के बैंक खातों में वापसी करवाने में सफलता पाई है.जनपद साइबर सेल पुलिस टीम की जानकारी के अनुसार 60-70 मामले दर्ज हैं. जिनमें साइबर सेल पुलिस की जांच जारी है‌‌.

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साइबर क्राइम

सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी भी मानते हैं की उत्तराखंड में साइबर क्राइम में वृद्धि हो रही है. उत्तराखंड पुलिस एसोसिएशन भी लोगों के मिलकर जागरुकता अभियान चलाया रहा है. जिसमें बताया जाता है की किसी व्यक्ति को बैंक खातों से जुड़ी जानकारी न दें. OTP बैंक पासवर्ड गलत लिंक पर क्लिक न करें.

पढ़ें- क्या है साइबर क्राइम? आखिर साइबर अपराधियों से कैसे बचें? जानें एक्सपर्ट की राय...

साइबर क्राइम क्या होता है: साइबर अपराध 'इलेक्ट्रॉनिक अपराध' के नाम से भी जाने जाते हैं. ऐसे अपराध है जिसे करने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, नेटवर्क डिवाइस या इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, वे सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं.ATM कार्ड, नेट बैंकिंग, फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, सोशल अकाउंट पर किसी की इमेज बदलना, उसके नाम से पैसे एंठना, आदि सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं. साइबर क्राइम के अंतर्गत 3 प्रमुख श्रेणियां आती हैं, जिसमें व्यक्ति विशेष, संपत्ति और सरकार के खिलाफ अपराध शामिल हैं

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साइबर क्राइम

साइबर क्राइम से कैसे बचें:अगर किसी के भी साथ साइबर ठगी होती है, तो वे तुरंत राज्य साइबर सेल के ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज करवा सकता है. अगर जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जाए तो बैंक से रुपए ट्रांसफर होने से रोके जा सकते हैं. इसके अलावा साइबर सेल ने एक हेल्प लाइन नंबर भी शिकायतों के लिए जारी किया है. 7049106300 इस नंबर पर भी तुरंत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.

पौड़ी: जनपद में सामान्य अपराध की अपेक्षा साइबर क्राइम (increase in cyber crime in pauri district) में इजाफा हो रहा है. जनपद पौड़ी की साइबर सेल पुलिस (Cyber Cell Police of Pauri) टीम की मानें हर रोज जिले में तीन से चार साइबर अपराध के मामले सामने आ रहे हैं. जनपद साइबर सेल के आंकड़े बताते हैं की साल 2021 में साइबर क्राइम के 385 अपराध पंजीकृत किये गये. साल 2022 में 1 जनवरी से 31 अक्टूबर तक 424 मामले दर्ज किये गये. पौड़ी साइबर क्राइम पुलिस अपराध को कम करने लिए सरकारी और निजी स्कूलों में कार्यक्रम कर रही है. इसके माध्यम से लोगों, युवाओं को जागरुक करने का प्रयास किया जा रहा है.

उत्तराखंड की शान्त वादियों में सामान्य के बजाय दो वर्षों में साइबर अपराध में लगातार वृद्धि हुई है. जिला पौड़ी कभी अपराध की श्रेणी सबसे निचले पायदान पर होता था, लेकिन पौड़ी की शान्त पहाड़ियों में सामान्य अपराध से अधिक साइबर क्राइम में वृद्धि हुई है‌. साइबर सेल पुलिस टुकड़ी के लिए साइबर अपराध चुनौती बन रहा है.

पौड़ी जिले में तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम.

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साइबर सेल ने वर्ष 2021 में 385 साइबर अपराध पंजीकृत कर लोगों से ठगी के 2553900 रुपये बैंक खातों में वापस लोटाये हैं. साल 2022 में 1 जनवरी से 30 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 424 साइबर अपराध के मामले दर्ज कर 5327428 रुपये आवेदकों के बैंक खातों में वापसी करवाने में सफलता पाई है.जनपद साइबर सेल पुलिस टीम की जानकारी के अनुसार 60-70 मामले दर्ज हैं. जिनमें साइबर सेल पुलिस की जांच जारी है‌‌.

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सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी भी मानते हैं की उत्तराखंड में साइबर क्राइम में वृद्धि हो रही है. उत्तराखंड पुलिस एसोसिएशन भी लोगों के मिलकर जागरुकता अभियान चलाया रहा है. जिसमें बताया जाता है की किसी व्यक्ति को बैंक खातों से जुड़ी जानकारी न दें. OTP बैंक पासवर्ड गलत लिंक पर क्लिक न करें.

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साइबर क्राइम क्या होता है: साइबर अपराध 'इलेक्ट्रॉनिक अपराध' के नाम से भी जाने जाते हैं. ऐसे अपराध है जिसे करने के लिए कंप्यूटर, मोबाइल, नेटवर्क डिवाइस या इंटरनेट का उपयोग किया जाता है, वे सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं.ATM कार्ड, नेट बैंकिंग, फोन पे, पेटीएम, गूगल पे, सोशल अकाउंट पर किसी की इमेज बदलना, उसके नाम से पैसे एंठना, आदि सभी साइबर क्राइम कहलाते हैं. साइबर क्राइम के अंतर्गत 3 प्रमुख श्रेणियां आती हैं, जिसमें व्यक्ति विशेष, संपत्ति और सरकार के खिलाफ अपराध शामिल हैं

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साइबर क्राइम से कैसे बचें:अगर किसी के भी साथ साइबर ठगी होती है, तो वे तुरंत राज्य साइबर सेल के ऑफिस पहुंचकर शिकायत दर्ज करवा सकता है. अगर जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करवाई जाए तो बैंक से रुपए ट्रांसफर होने से रोके जा सकते हैं. इसके अलावा साइबर सेल ने एक हेल्प लाइन नंबर भी शिकायतों के लिए जारी किया है. 7049106300 इस नंबर पर भी तुरंत शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है.

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