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Ankita Murder Case: तीनों आरोपियों की जमानत याचिका खारिज, अब यहां पैरवी करेंगे वकील

अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीनों आरोपियों को कोर्ट से जमानत नहीं मिल पाया है. हालांकि आरोपी के वकील अब जिला एवं सत्र न्यायाधीश के यहां अब जमानत याचिका की परैवी करेंगे.

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Published : Jan 23, 2023, 6:00 PM IST

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कोटद्वार: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी की जमानत याचिका पर आज 23 जनवरी को कोटद्वार कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अंकिता के अधिवक्ता अजय पंत ने इसकी पुष्टि की है. कोटद्वार कोर्ट की प्रथम श्रेणी की जज भावना पांडेय की अदालत में अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीन आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ की जमानत याचिका को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिस पर 23 जनवरी को सुनवाई हुई.

वहीं अंकिता भंडारी के अधिवक्ता ने जानकारी दी कि तीनों आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है. इसीलिए अभियुक्तों की जमानत याचिका पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती है. अभियुक्तों की जमानत के लिए जिला सत्र न्यायाधीश के यहां अंकिता भंडारी हत्याकांड की पैरवी की जायेगी.
पढ़ें- अंकिता भंडारी हत्याकांड के आरोपी पुलकित आर्य का होगा नार्को टेस्ट, कोर्ट ने सुनाया फैसला

बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में जांच टीम ने अभियुक्तों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. अंकिता के परिजन सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में अंकिता का केस वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पैरवी करने जा रहे हैं.

क्या है मामला: पौड़ी जिले के श्रीकोट की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमेश्वकर ब्लॉक में स्थित वनत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये बीजेपी के पूर्व नेता के बेटे पुलकित आर्य का है. आरोप है कि पुलकित आर्य लगातार अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों की स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहा था, जिसके लिए अंकिता ने साफ मना कर दिया था और इसी वजह से वो जल्द ही नौकरी छोड़ने वाली थी.
पढ़ें- Pauri Revenue Villages: अंकिता की मौत दे गई सबक! पौड़ी में 148 गांव रेगुलर पुलिस के हवाले

आरोप है कि इसी को लेकर 18 सितंबर 2022 की रात को अंकिता भंडारी की पुलकित आर्य के साथ बहस भी हुई थी. आरोपों के मुताबिक 18 सितंबर को रात को ही पुलकित आर्य, अंकिता भंडारी को अपने साथ कहीं लेकर गया था. इस दौरान अंकित गुप्ता और सौरभ गुप्ता भी साथ थे.

आरोप है कि चीला बैराज के पास फिर से पुलकित आर्य और अंकिता भंडारी के बीच बहस हुई, तभी गुस्से में आकर पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी की नहर में धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. मौत के राज को छुपाने के लिए तीन आरोपी अंकिता के परिजनों को तीन दिनों तक गुमराह करते रहे. अंकिता की हत्या के करीब तीन दिन बाद उसकी लाश चीला नहर से पुलिस को मिली थी, तभी से तीनों आरोपी जेल में बंद है.

कोटद्वार: उत्तराखंड के चर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपी की जमानत याचिका पर आज 23 जनवरी को कोटद्वार कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. अंकिता के अधिवक्ता अजय पंत ने इसकी पुष्टि की है. कोटद्वार कोर्ट की प्रथम श्रेणी की जज भावना पांडेय की अदालत में अंकिता भंडारी हत्याकांड के तीन आरोपियों पुलकित आर्य, अंकित गुप्ता और सौरभ की जमानत याचिका को लेकर प्रार्थना पत्र दिया गया था. जिस पर 23 जनवरी को सुनवाई हुई.

वहीं अंकिता भंडारी के अधिवक्ता ने जानकारी दी कि तीनों आरोपियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज है. इसीलिए अभियुक्तों की जमानत याचिका पर प्रथम श्रेणी के न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में सुनवाई नहीं की जा सकती है. अभियुक्तों की जमानत के लिए जिला सत्र न्यायाधीश के यहां अंकिता भंडारी हत्याकांड की पैरवी की जायेगी.
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बता दें कि अंकिता भंडारी हत्याकांड में जांच टीम ने अभियुक्तों की चार्जशीट भी दाखिल कर दी है. अंकिता के परिजन सुप्रीम कोर्ट भी गए हैं. सुप्रीम कोर्ट में अंकिता का केस वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण पैरवी करने जा रहे हैं.

क्या है मामला: पौड़ी जिले के श्रीकोट की रहने वाली 19 साल की अंकिता भंडारी यमेश्वकर ब्लॉक में स्थित वनत्रा रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट थी. ये बीजेपी के पूर्व नेता के बेटे पुलकित आर्य का है. आरोप है कि पुलकित आर्य लगातार अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट में आने वाले ग्राहकों की स्पेशल सर्विस देने का दबाव बना रहा था, जिसके लिए अंकिता ने साफ मना कर दिया था और इसी वजह से वो जल्द ही नौकरी छोड़ने वाली थी.
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आरोप है कि इसी को लेकर 18 सितंबर 2022 की रात को अंकिता भंडारी की पुलकित आर्य के साथ बहस भी हुई थी. आरोपों के मुताबिक 18 सितंबर को रात को ही पुलकित आर्य, अंकिता भंडारी को अपने साथ कहीं लेकर गया था. इस दौरान अंकित गुप्ता और सौरभ गुप्ता भी साथ थे.

आरोप है कि चीला बैराज के पास फिर से पुलकित आर्य और अंकिता भंडारी के बीच बहस हुई, तभी गुस्से में आकर पुलकित आर्य ने अंकिता भंडारी की नहर में धक्का दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई. मौत के राज को छुपाने के लिए तीन आरोपी अंकिता के परिजनों को तीन दिनों तक गुमराह करते रहे. अंकिता की हत्या के करीब तीन दिन बाद उसकी लाश चीला नहर से पुलिस को मिली थी, तभी से तीनों आरोपी जेल में बंद है.

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