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नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल की सजा, लगाया 50 हजार का जुर्माना - raping minor to 10 years of imprisonment

पौड़ी न्यायाधीश आशीष नैथानी की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 10 साल कैद की सजा सुनाई है. घटना 2019 की है, कोर्ट ने दोषी पर 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है. बता दें कि नाबालिग के बयान के आधार पर दोषी पर जबरदस्ती विवाह करने, शारीरिक संबंध बनाने समेत पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था.

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Published : Nov 27, 2022, 10:47 AM IST

पौड़ी: जिला न्यायाधीश व विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) आशीष नैथानी की अदालत (Court of Justice Ashish Naithani) ने दुष्कर्म के एक मामले में यूपी के गाजियाबाद जिले के एक युवक पर दोष सिद्ध होने पर दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला साल 2019 का है. जहां युवक ने पौड़ी तहसील निवासी एक नाबालिग को भगा ले गया और उसके साथ दुराचार किया था.

विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि तहसील पौड़ी के अंतर्गत एक राजस्व गांव निवासी एक नाबालिग 25 दिसंबर 2019 को स्थानीय बाजार से लापता हो गई थी. इसके बाद नाबालिग के पिता ने बेटी की इधर उधर काफी खोजबीन की. लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. जब नाबालिग का कुछ पता नहीं चला तो पिता ने 30 दिसंबर को स्थानीय राजस्व चौकी में नाबालिग की गुमशुदगी दर्ज कराई.

गुमशुदगी दर्ज कराने के लगभग 9 महीने बाद यानी सितंबर 2020 को नाबालिग ने अपने पिता को फोन किया और बताया कि वह युवक के साथ उसके गांव में है. बताया कि नाबालिग यूपी गाजियाबाद जिले के एक गांव में रह रही है. लेकिन युवक को जब यह पता चला कि नाबालिग के पिता ने गुमशुदगी दर्ज कराई है. तब वह नाबालिग से शादी करने हेतु पौड़ी के ज्वाल्पा देवी मंदिर पहुंचा.

जहां राजस्व पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया व उसके कब्जे से नाबालिग को बरामद किया. वहीं, नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में बताया कि युवक उसे बहला फुसलाकर शादी का झांसा देकर गाजियाबाद अपने गांव ले गया था. जहां युवक के घरवालों ने उसकी शादी कर दी. बताया कि युवक नाबालिग को अपनी पत्नी की तरह रखता था. बताया कि जब राजस्व पुलिस ने नाबालिग को बरामद करने के बाद उसका मेडिकल कराया तो वह 5 माह की गर्भवती निकली.
ये भी पढ़ेंः UKSSSC पेपर लीक: हाकम सिंह की करोड़ों की संपत्ति होगी जब्त, UP के नकल माफियाओं की भी टूटेगी कमर

नाबालिग के बयान के आधार पर दोषी पर जबरदस्ती विवाह करने, शारीरिक संबंध बनाने समेत पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. बताया कि 5 माह की नाबालिग ने बाद में एक नवजात को जन्म भी दिया. वहीं, राजस्व प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों के बाद नवजात शिशु व युवक का डीएनए प्रयोगशाला भेजा. लैब की रिपोर्ट के आधार पर युवक नवजात शिशु का जैविक पिता होने की पुष्टि हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश, पॉक्सो द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत दोषी को 10 साल का कठोर कारावास तथा 50,000 रुपए जुर्माना लगाया गया है. साथ ही न्यायालय ने नाबालिग को दो लाख प्रतिकर देने के भी आदेश दिए हैं.

पौड़ी: जिला न्यायाधीश व विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) आशीष नैथानी की अदालत (Court of Justice Ashish Naithani) ने दुष्कर्म के एक मामले में यूपी के गाजियाबाद जिले के एक युवक पर दोष सिद्ध होने पर दस साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई है. मामला साल 2019 का है. जहां युवक ने पौड़ी तहसील निवासी एक नाबालिग को भगा ले गया और उसके साथ दुराचार किया था.

विशेष लोक अभियोजक (पॉक्सो एक्ट) विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि तहसील पौड़ी के अंतर्गत एक राजस्व गांव निवासी एक नाबालिग 25 दिसंबर 2019 को स्थानीय बाजार से लापता हो गई थी. इसके बाद नाबालिग के पिता ने बेटी की इधर उधर काफी खोजबीन की. लेकिन कोई सुराग नहीं लगा. जब नाबालिग का कुछ पता नहीं चला तो पिता ने 30 दिसंबर को स्थानीय राजस्व चौकी में नाबालिग की गुमशुदगी दर्ज कराई.

गुमशुदगी दर्ज कराने के लगभग 9 महीने बाद यानी सितंबर 2020 को नाबालिग ने अपने पिता को फोन किया और बताया कि वह युवक के साथ उसके गांव में है. बताया कि नाबालिग यूपी गाजियाबाद जिले के एक गांव में रह रही है. लेकिन युवक को जब यह पता चला कि नाबालिग के पिता ने गुमशुदगी दर्ज कराई है. तब वह नाबालिग से शादी करने हेतु पौड़ी के ज्वाल्पा देवी मंदिर पहुंचा.

जहां राजस्व पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया व उसके कब्जे से नाबालिग को बरामद किया. वहीं, नाबालिग ने मजिस्ट्रेट के सामने अपने बयान में बताया कि युवक उसे बहला फुसलाकर शादी का झांसा देकर गाजियाबाद अपने गांव ले गया था. जहां युवक के घरवालों ने उसकी शादी कर दी. बताया कि युवक नाबालिग को अपनी पत्नी की तरह रखता था. बताया कि जब राजस्व पुलिस ने नाबालिग को बरामद करने के बाद उसका मेडिकल कराया तो वह 5 माह की गर्भवती निकली.
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नाबालिग के बयान के आधार पर दोषी पर जबरदस्ती विवाह करने, शारीरिक संबंध बनाने समेत पॉक्सो की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था. बताया कि 5 माह की नाबालिग ने बाद में एक नवजात को जन्म भी दिया. वहीं, राजस्व प्रशासन ने कोर्ट के आदेशों के बाद नवजात शिशु व युवक का डीएनए प्रयोगशाला भेजा. लैब की रिपोर्ट के आधार पर युवक नवजात शिशु का जैविक पिता होने की पुष्टि हुई. विशेष सत्र न्यायाधीश, पॉक्सो द्वारा दोनों पक्षों को सुनने के बाद विभिन्न धाराओं के तहत दोषी को 10 साल का कठोर कारावास तथा 50,000 रुपए जुर्माना लगाया गया है. साथ ही न्यायालय ने नाबालिग को दो लाख प्रतिकर देने के भी आदेश दिए हैं.

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