श्रीनगर/देवप्रयागः उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों की खराब गुणवत्ता की सड़कों की तस्वीरें लगातार सोशल मीडिया पर वायरल होती रहती हैं. ऐसी ही कुछ तस्वीरें देवप्रयाग विधानसभा क्षेत्र से भी आ रही हैं. यहं एक दर्जन गांवों को जोड़ने वाली बदहाल तल्यामंडल मैखंडी मोटर मार्ग (Talyamandal Maikhandi Motorway) पर पेंटिंग व सड़क पर हुए गड्ढों को भरने का कार्य किया जाना था. लेकिन ठेकेदार ने कुछ ही गड्ढों को भरकर बजट की बंदरबांट कर दी. अब बदहाल सड़क पर आय दिन लोग दुर्घटनाओं के शिकार हो रहे हैं.
आलम यह है कि दो माह के अंदर ही सड़क की हालत पहले जैसी बहदाल हो गई है. सड़क पर एक बार फिर दुर्घटना की आशंका बढ़ चुकी है. सोशल मीडिया पर ये वीडियो जमकर वायरल हो रहा है. ग्रामीण कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इधर लोक निर्माण विभाग के जेई राहुल बिष्ट कहना है कि बारिश की वजह से रोड़ी उखड़ गई है. अगले साल फिर से सड़क पर पेंटिंग का काम किया जाएगा. ठेकदार से भी सवाल किया जाएगा.
जबकि विधायक विनोद कंडारी का कहना है कि अगर सड़क निर्माण की गुणवत्ता के साथ किसी प्रकार की गड़बड़ी की गई है, तो संबधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. पूरे मामले की जांच करके सड़क ठीक करवाई जाएगी.
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30 साल बाद सड़क की आस पूरीः नैनीताल शहर के कृष्णापुर वासियों का सड़क का सपना जल्द पूरा होने जा रहा है. क्षेत्र वासियों को सड़क सुविधा से जोड़ने के लिए वन विभाग ने सड़क निर्माण कार्य शुरू कर दिया है. क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्य ने हनुमानगढ़ खंड क्षेत्र में सड़क निर्माण के लिए भूमि पूजन किया. अंदाजा लगाया जा रहा है कि जल्द कृष्णापुर वासियों को सड़क निर्माण की बड़ी सौगात मिलेगी.
विधायक सरिता आर्य ने कहा कि क्षेत्रीय लोग करीब 30 वर्षों से सड़क की मांग कर रहे थे. लेकिन भूगर्भीय दृष्टि से क्षेत्र संवेदनशील होने और वन भूमि हस्तांतरित न होने के चलते अब तक क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य शुरू होने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.
विधायक का कहना है कि 3-4 माह के भीतर सड़क निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा. 3 किलोमीटर की सड़क के निर्माण के लिए पूर्व में 53 लाख रुपए का टेंडर आवंटित कर बजट लोक निर्माण विभाग को जारी कर दिया गया है. जिससे क्षेत्र में सड़क निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है.
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18 किलोमीटर की दूरी कम होगी: कृष्णापुर क्षेत्र के लोग 90 के दशक से स्थाई सड़क मार्ग की मांग कर रहे थे. वहीं, साल 2018 में बलियानाला की पहाड़ी पर हुए भारी भूस्खलन से क्षेत्र को जोड़ने वाला एकमात्र सीसी मार्ग भी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. जिस कारण क्षेत्रवासियों का संपर्क एक तरह से शहर से कट गया. तब से क्षेत्रीय लोगों को 2 किलोमीटर की दूरी तय करने के लिए वाहन से 18 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ रही थी. स्थानीय लोगों के साथ-साथ स्कूल आने वाले छोटे बच्चों को भी रोजाना काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.