कोटद्वार: नगर निगम में जाली चेक पर नगर आयुक्त व लेखाकार के जाली हस्ताक्षर कर निगम के खातों से लाखों रुपए की धनराशि निकालने के मामले में नया मोड़ आ गया. नगर निगम की ओर से दो बैंक अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में शिकायत करते हुए दोनों को मामले में नामजद करने को कहा गया है.
नगर आयुक्त पीएल शाह की ओर से कोतवाली प्रभारी को दिए गए पत्र में अभी तक जांच के दौरान प्रकाश में आए तथ्यों के आधार पर पूर्व में दर्ज मुकदमे में दो बैंक अधिकारियों को नामजद दर्ज करने को कहा गया है. बताया गया कि एक चेक को 6 बार भुगतान के लिए प्रस्तुत किया गया. लेकिन बैंक ने एक बार भी इस संबंध में खाताधारक नगर निगम को जानकारी नहीं दी. एक अन्य चेक को भी दो बार भुगतान के लिए लगाया गया. इस पर भी बैंक ने नगर निगम कोटद्वार को सूचित नहीं किया. इस तरह नगर निगम के खाते से कुल 23 लाख रुपए निकाले गए.
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वहीं 2005 में नगर निगम को दी गई चेकबुक नॉन सीटीएस थी. बैंक ने इस चेकबुक में मौजूद सीरीज के फर्जी चेक से भुगतान किया. जबकि प्रिंटिंग प्रेस ने इन चेकों को जारी करने की तिथि 21 जून 2019 दर्शाई थी. बैंक की ओर से नगर निगम को जारी सीटीएस चेकबुक का कोड कुछ और अंकित है, जबकि पैसे निकालने के लिए लगाए गए चेक में सीटीएस चेक का अन्य कोड अंकित किया गया है. वहीं बैंक की मिलीभगत का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस भी इस मामले में अब और गंभीरता से जांच कर रही है.
निगम के खाते से धनराशि 25 जून 2021 से 27 जुलाई 2021 तक कुल 26 चेकों से करीब 23 लाख रुपये निकाले गए, जो कि हरीश चंद्र, रोशन कुमार, एमआर इंटरप्राइजेज द्वारा निकाली गयी थी. जांच में सभी लोग दिल्ली के पाये गये हैं.
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गौर हो कि कोटद्वार नगर निगम का गठन तीन वर्ष पहले हुआ था. निगम के गठन से पूर्व सभी बैंक खातों का संचालन नगर पालिका कोटद्वार के नाम से होता था. कोटद्वार नगर पालिका ने 1979 में बैंक ऑफ इंडिया की कोटद्वार शाखा में खाता खोला था. 23 अगस्त 2005 को नगर पालिका और तीन फरवरी 2018 को नगर निगम के नाम पर इस खाते से दो चेक बुक जारी की गई थी.
नगर निगम प्रशासन की मानें तो इन चेक बुकों के संबंध में निगम के पास कोई जानकारी नहीं थी. दो-तीन दिन पूर्व खातों की जांच के दौरान पता चला कि इन चेक बुकों के जरिए बैंक से करीब 23 लाख की धनराशि निकाली गई है.