श्रीनगर: 3 मई से चारधाम यात्रा 2022 (Chardham Yatra 2022) शुरू होने जा रही है. अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार भारी तादाद में यात्रा चारधाम यात्रा पर आएंगे. यूं तो शासन-प्रशासन चारधाम यात्रा की तमाम तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है लेकिन यात्रा के दौरान होने वाले भूस्खलन (Landslide on Chardham Yatra route) और उसके बाद मार्ग बंद होना सबसे बड़ी समस्या बनते हैं. ऐसे में शासन-प्रशासन ने चमधार, जवाड़ी और नरकोटा तीनों स्लाइड जोन के ट्रीटमेंट का काम शुरू करने जा रहा है. इसकी जिम्मेदारी टीएचडीसी को दी गई है.
भारत सरकार ने टीएचडीसी (Tehri Hydro Development Corporation Limited) को चमधार, जवाड़ी और नरकोटा तीनों स्लाइड जोन की डीपीआर तैयार करने और जियोलॉजिकल सर्वे करने के लिए कहा है, जिसको लेकर टीएचडीसी ने 15 मई को डीपीआर और जियोलॉजिकल सर्वे रिपोर्ट लोक निर्माण विभाग को देने की बात कही है. जैसे ही विभाग को ये दोनों रिपोर्ट मिल जाती हैं, इन तीनो लेंड स्लाइड जोन का ट्रीटमेंट का काम शुरु किया जाएगा.
लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि टीएचडीसी 15 मई तक डीपीआर और ओर जियोलॉजिकल सर्वे की रिपोर्ट विभाग को दे देगी. उन्होंने बताया कि नरोकोटा ओर जवाड़ी में ट्रीटमेंट का काम करना आसान होगा, लेकिन चमधार में थोड़ा मुश्किल है. वहां स्लाइड एरिया ढाल में है और रास्ता भी संकरा है लेकिन फिर भी स्कोप ऑफ वर्क ना होने के बाद भी वहां ट्रीटमेंट किया जाएगा.
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उन्होंने कहा कि फिलहाल चारधाम यात्रा को देखते हुए भूस्खलन को रोकने की कोशिश की जाएगी. अगर फिर भी भूस्खलन होता है, तो वहां हर समय दो पोकलैंड मशीन, एक डंपर और एक जेसीबी की तैनाती की जाएगी. कोशिश की जाएगी कि रोड को ज्यादा देर तक बंद ना होने दिया जाए.